आपको जानना चाहिए भारत में पाए जाने वाले विविध प्रकार के भूतों के बारे में
-सर्वेश कुमार तिवारी की कलम से-
Positive India: Sarvesh Kumar Tiwari:
क्या आप जानते हैं भारत मे कितने प्रकार के भूत पाए जाते हैं? नहीं जानते न? तनिक सोचिये तो, यदि आप जैसे बौद्धिक लोग इतनी महत्वपूर्ण जानकारी से वंचित हैं, तो क्या होगा इस देश का? तो आइए! जगत कल्याण के हेतु मैं भारत में पाए जाने वाले विविध प्रकार के भूतों के बारे में बताता हूँ।
१- प्रेत! जब कोई साधारण व्यक्ति हत्या या आत्महत्या कर के मृत्यु को प्राप्त होता है तो वह प्रेत बन जाता है। लद्दाख से कन्याकुमारी तक भारतीय प्रेतों में एक समानता पायी जाती है कि वे शिकार को अकेले पा कर पहले बीड़ी मांगते हैं। कहीं कहीं खैनी भी मांगते हैं। ये जान नहीं लेते, बस जिसे पकड़ लें वह उलूल जुलूल हरकतें करने लगता है।
२- बैताल। प्राकृतिक दुर्घटना से अकालमृत्यु को प्राप्त हुए लोग! ये कॉमेडियन भूत हैं। पकड़ ले तो केवल उल्टे पुल्टे सवाल करते हैं। एक बार हमीं को पकड़ लिया और पूछने लगा- निन्यानवे अधिक होता है कि दो सौ चालीस? वो तो हमारी बुद्धि खुल गयी और हमने कह दिया, “यह कॉन्फिडेंस पर निर्भर करता है। कॉन्फिडेंस हो तो निन्यानवे वाला भी जीत जाता है, और न हो तो 240 वाला भी फुसकी निकल जाता है” हीहीहीही करते हुए भाग गया बैतलवा…
३- पिशाच। यदि तंत्र साधना करने वाले किसी तांत्रिक की हत्या हो जाय तो वह पिशाच बन जाता है। फिर वह रक्त से नाश्ता करता है और मांस से डीनर। यह जिसे पकड़ ले उसे कोई बचा सकता। जो बचाने जाएगा वह खुद ब्रेकफास्ट बन जायेगा।
४- बरम! ये ब्राह्मण भूत हैं। यदि कोई अपराधी किसी ब्राह्मण की हत्या कर दे तो वह ब्राह्मण बरम हो जाता है। बरम जान नहीं लेते, केवल उठा उठा कर पटकते हैं। ये सुनसान इलाके में रहते हैं और किसी को अकेले पा कर उसे कूट देते हैं। इनकी शांति के लिए इन्हें पूजा दी जाती है, और पूजा हत्यारे के परिवार के लोग ही देते हैं। पूजा देने पर ये शांत रहते हैं।
५- बरम पिशाच! यदि किसी बरम की पूजा बन्द हो जाय, तब वह क्रूर बन जाता है और बरमपिशाच कहलाता है। बरम पिशाच शाकाहारी होता है, खून नहीं पीता। बस शिकार को फुटबॉल बना देता है। उठा कर पटकना कई गुना बढ़ा देता है, और घर तक पहुँच कर पटकता रहता है।
६- तउलकस! ये सबसे मासूम भूत होते हैं। अवैध सम्बन्धों के परिणाम स्वरूप जन्मा बच्चा, जिसे माँ ने प्रतिष्ठा बचाने के लिए मिट्टी के घड़े में रख कर भूमि में गाड़ दिया हो। ये केवल रोते हैं। तो यदि आपको अकेले में किसी बच्चे की रोती हुई आवाज सुनाई दे तो समझ जाइये, आपके आस पास कोई तउलकस भटक रहा है।
७- सिरकटा। इसका सर नहीं होता, केवल धड़ होता है। यह इतना भयावह होता है कि देखने से ही जान निकल जाय। स्त्री 2 फ़िल्म में आपने इसे देख लिया होगा।
८- गणजर्रा! यह वे भूत हैं जो किसी कुंठा के कारण मरे हों। किसी की प्रसिद्धि, धन या सुख शांति देख कर जल मरने वाले लोग गणजर्रा होते हैं। ये जिसपर सवार हो जाएं उसे भी कुंठा से भर देते हैं।
९- बुड़ुआ! पानी में डूब कर मरे लोग बुड़ुआ होते हैं। उस तालाब में नहाने गए लोगों को उसी तरह टांग खींच कर अंदर खींच ले जाते हैं, जैसे किसी यूनिवर्सिटी का बुड्ढा छात्र नए छात्रों को लालसलामी दलदल में खींच ले जाता है।
१०- चुड़ैल! यह स्त्री भूत है। यह बहुत बदमाश होती है। एकदम स्वरा… छत पर या खेत में अकेले सोये लोगों के पास सुन्दर रूप धर के आती है, और उनके शरीर में विष्ठा पोत कर भाग जाती है। छी रे…. इसके पाँव उल्टे होते और आंखें नहीं झपकती।
११- हठी-मर्हि! महाहठी प्रेतनी, जिसे पकड़ ले उसे अपनी इच्छानुसार नचाती रहती है। उसी व्यक्ति से अपने शत्रुओं को दंडित कराती है।
१२- पिशाचिनी! यह रक्त पीती है। देखने में अत्यंत डरावनी। जला हुआ चेहरा, बड़े बड़े दांत, जलती आंखें… बस यूं समझिये कि आपने बिना मेकप के किसी भोजपुरी हीरोइन को देख लिया है। बहुत लोग तो इन्हें देखते ही मर जाते हैं।
१३- जिन्न! ये अल्पंसख्यक भूत हैं। इनके बारे में एक फर्जी धारणा है कि ये अपने मालिक को कुछ भी उपलब्ध करा सकते हैं। वस्तुतः ऐसा होता नहीं है। इनका शरीर विशाल होता है, पर ये ताकतवर नहीं होते। आप जबतक भागियेगा, ये दौड़ाएंगे। रुक कर एक डंडा उठा लीजिये, ये नौ दो तेरह हो जाएंगे।
अब लगे हाथ आप इन भूतों का इलाज जान लीजिये। किसी भी प्रकार के भूत का एक ही इलाज है- हनुमान चालीसा। बजरंग बली का नाम सुनते ही भूतों में भगदड़ मच जाती है।
मुझे लगता है यह जानकारी पा कर आप धन्य हो गए होंगे। तो बोलिये, “जय बजरंग बली।”
साभार:सर्वेश तिवारी श्रीमुख-(ये लेखक के अपने विचार हैं)
गोपालगंज, बिहार।