योगी आदित्यनाथ ने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में अपना 4 वर्ष का कार्यकाल किया पूर्ण
योगी आदित्यनाथ का 4 वर्ष का कार्यकाल कितना सफल कितना असफल?
योगी आदित्यनाथ ने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में अपना 4 वर्ष का कार्यकाल कल पूर्ण कर लिया।
यह कार्यकाल कैसा रहा ? कितना सफल कितना असफल रहा ? इसके पक्ष और में विपक्ष में कल से बहुत कुछ लिखा जा रहा है। इस सन्दर्भ में मेरा भी अपना मत है जिसे कल लिखूंगा, साक्ष्यों और प्रमाणों के साथ लिखूंगा। आज फिलहाल इतना ही लिखूंगा कि 1980 के बाद से उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर योगी आदित्यनाथ समेत कुल 11 राजनेता बैठ चुके है। योगी आदित्यनाथ निर्विवाद रूप से उन सभी से श्रेष्ठ सिद्ध हुए हैं। सच तो यह है कि योगी आदित्यनाथ को उत्तरप्रदेश के इतिहास का सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री भी कहा जा सकता है। मेरी यह टिप्पणी इसलिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि मेरे करीबी मित्र तथा फेसबुक की दुनिया के भी कुछ मित्र इस तथ्य से भलीभांति परिचित हैं कि 19 मार्च 2017 को जब उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री का पदभार योगी आदित्यनाथ ने संभाला था, उस दिन तक मैं योगी आदित्यनाथ का प्रशंसक कतई नहीं था। उत्तरप्रदेश में उनकी एक अलग तरह की छवि थी और जनमानस में उनके प्रति कई तरह की धारणाएं बनी हुईं थीं। अंतिम क्षणों में मनोज सिन्हा का नाम हट जाने से मुझे निराश ही हुई थी। लेकिन आज 4 वर्ष बाद मेरा मानना है कि 4 वर्ष पूर्व अंतिम क्षणों में मनोज सिन्हा का नाम हट जाने की घटना उत्तरप्रदेश के लिए सौभाग्य का भंडार लेकर आयी थी। मैं आज अगर यह लिख रहा हूं तो इसका बहुत ठोस कारण है। उन कारणों पर कल विस्तार से चर्चा करुंगा।
यह सच है कि मनोज सिन्हा उत्तरप्रदेश के लिए एक बेहतरीन मुख्यमंत्री सिद्ध होते। लेकिन योगी आदित्यनाथ बेहतरीन की श्रेणी से बहुत ऊपर उठ चुके हैं। मुख्यमंत्री के रूप में उनके प्रदर्शन को इन तीन शब्दों में व्याख्यायित किया जा सकता हैं… अद्वितीय…!!! अकल्पनीय…!!! अदभुत…!!!
एक भगवा धारी योगी के भीतर कितना योग्य और कुशल शासक विराजमान हैं इस पर तो कल विस्तार से चर्चा करूंगा ही। लेकिन लगभग 20 दिन पूर्व राजधानी लखनऊ के अत्यन्त प्रसिद्ध ज्योतिष Acharya Rajeev Shukla से हुई भेंट के दौरान मुख्यमंत्री योगी के राजनीतिक भविष्य के संदर्भ में गहन चर्चा हुई थी। उन्होंने बहुत स्पष्ट शब्दों में कहा था कि 2022 में योगी जी प्रचण्ड विजय के साथ उत्तरप्रदेश की सत्ता पुनः संभालेंगे। सीटों की संख्या के संदर्भ में उनका कहना था कि जैसी प्रचण्ड विजय का संकेत कुंडली दे रही है उसके आधार पर 300 का आंकड़ा बहुत स्वाभाविक है… लेकिन इसके आगे कुछ भी हो सकता है… जीत का आंकड़ा बहुत आगे भी चला जाए तो आश्चर्य नहीं करिएगा। कल मुख्यमंत्री योगी के 4 वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने पर कई अखबारों और न्यूजचैनलों ने जो अपने सर्वे जारी किए वो सभी सर्वे एकमत से उत्तरप्रदेश में मुख्यमंत्री योगी की लोकप्रियता और 2022 में पुनः विजय का संदेश देते दिखे तो राजीव भाई द्वारा 20 दिन पूर्व की गई भविष्यवाणी याद आ गई।
20 दिन पूर्व हुई उस भेंट की फ़ोटो।
साभार:सतीश चंद्र मिश्रा-एफबी(ये लेखक के अपने विचार)