www.positiveindia.net.in
Horizontal Banner 1

हाँ हमारा भगवान रोता भी है

-राजकमल गोस्वामी की कलम से-

Ad 1

Positive India:Rajkamal Goswami:
हाँ हमारा भगवान रोता भी है।
हमारे भगवान तो करुणानिधान हैं , करुणा के सागर भला अपने भक्तों के दुख से क्यों नहीं दुखी होंगे ? वे सुदामा की फटी बिवाइयों को देख कर रोते हैं ।

Gatiman Ad Inside News Ad

और आँसू सिर्फ़ दुख के ही नहीं होते प्रेमाश्रु भी होते हैं । वनगमन में कोमलांगी सीता की आतुरता देख कर भी उनकी आँखें भर आती हैं । गीधराज जटायु के अंतिम संस्कार करते समय भी उनकी आँखों में जल भर आता है ।

Naryana Health Ad

रुद्राक्ष तो भगवान शिव के आँसुओं के ही प्रतीक माने जाते हैं । यदि हमारे भगवान में दया करुणा की कोई भावना ही न हो तो भक्ति और आराधना का सारा उद्देश्य ही विफल हो जाये ।

भगवान कोई मुग़ले आज़म जैसा भावशून्य तानाशाह नहीं है कि जिसके डर के आगे थर थर काँपा जाये । वह प्रेम का सागर है और अपनी सृष्टि से अथाह प्रेम करता है ।

जो प्रेम करते हैं वे रोते भी हैं ।

पानी परात को हाथ छुओ नहिं नैनन के जल सों पग धोये ।

साभार:राजकमल गोस्वामी-(ये लेखक के अपने विचार है)

#कैसा_है_तुम्हारा_गॉड_जो_पत्नी_के_मर_जाने_रोता_है_दकेरलस्टोरी

Horizontal Banner 3
Leave A Reply

Your email address will not be published.