www.positiveindia.net.in
Horizontal Banner 1

छत्तीसगढ़ के परसा कोल ब्लॉक में आधी रात क्यो हुई पेड़ों की अंधाधुंध कटाई ?

सरकारी कम्पनी के नाम पर ब्लॉक लेकर निजी कम्पनी अडानी को खदान सौपने का आरोप।

laxmi narayan hospital 2025 ad
Coal mafia is cutting lacs of trees in Parsa Coal Block in CG.
Positive India:Bilaspur:
28.04.2022: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने आज परसा कोल ब्लॉक भूमि अधिग्रहण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए आधी रात की गई पेड़ो की कटाई पर कड़ा रुख अपनाया और इस पर राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब की। गौरतलब है कि आज याचिकाओं में लगाये गये स्टे आवेदन और संशोधन आवेदन पर बहस होनी थी। परंतु चीफ जस्टिस की खण्डपीठ जहां सामान्य रूप से यह मामले सुने जाते है, उसके उपलब्ध न होने के कारण यह मामले जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस एन. के. चन्द्रवंशी की खण्डपीठ में सुनवाई के लिए भेजा गया।

आज हुई सुनवाई में याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव श्रीवास्तव और अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव ने पक्ष रखते हुये बताया कि वैसे तो याचिकाओं में कोल बेयरिंग एक्ट को भी चुनौती दी गई है, परन्तु उस एक्ट को संवैधानिक मानकर भी यदि चला जाये तो अधिग्रहित की गई जमीन किसी निजी कंपनी को खनन के लिये नहीं दी जा सकती। अधिवक्ताओं ने आगे बताया कि हस्तगत मामले में राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम के नाम पर भूमि अधिग्रहण कर अडानी की स्वामित्व वाली कंपनी राजस्थान कॉलरी को भूमि सौपी जा रही है। यह स्वयं कोल बेयरिंग एक्ट के प्रावधानों एवं सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये कोल ब्लॉक जजमेंट के विरुद्ध है। अतः परसा कोल ब्लॉक से संबंधित कोई भी कार्य आगे नहीं बढ़ाया जा सकता। इस कारण पेड़ों की कटाई पर भी तुरंत रोक लगनी चाहिये।

राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम और राजस्थान कॉलरी (अडानी) की ओर से बहस करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता निर्मल शुक्ला ने कहा कि पेड़ों की कटाई कम्पनी ने नहीं वन विभाग ने की है और खदान को सभी तरह की वन पर्यावरण अनुमति प्राप्त है। इस स्तर पर खण्डपीठ ने यह पूछा कि यदि भूमि अधिग्रहण निजी कंपनी के हाथ जाने के कारण अवैध साबित होता है, तो इन कटे हुए पेड़ो को क्या पुर्नजीवित किया जा सकता है? खण्डपीठ ने कहा कि अधिग्रहण को दी गई चुनौती गम्भीर विषय है और इसके समाप्त होने पर वन्य एवं पर्यावरण अनुमतियां अपने आप प्रभावहीन हो जायेगी। खण्डपीठ ने राज्य सरकार को पेड़ों की कटाई पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश के साथ स्टे आवेदन पर अगली सुनवाई 4 मई तय की गई है। सुनवाई के दौरान अधिवक्ता सौरभ साहू रजनी सोरेन, सौम्या शर्मा, शैलेन्द्र शुक्ला, एच. एस अहुलवालिया आदि उपस्थित थे।

Leave A Reply

Your email address will not be published.