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आजकल पूरे देश मे लाउडस्पीकर और बुलडोजर की चर्चा क्यो हो रही है ?

-अजीत सिंह की कलम से-

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Positive India:Ajit Singh:
आजकल पूरे देश मे लाउडस्पीकर और बुलडोजर की चर्चा हो रही है….कहां कितने बुलडोजर चले और कहां कहां से कितने लाउडस्पीकर उतरे…..बस इतने पर सदियों से सोया समाज खुश होकर जाने कितने विशेषण अपनी वीरता का गढ़ कर आत्ममुग्धता का शिकार एक बार पुन: हो रहा है……….!

बहुसंख्यक समाज भूल रहा है कि देश मे अभी तक जहां जेहीदी,चंगाई ताकतें और माओ की औलादें अंदर ही अंदर बुरी तरह कसमसा रहीं हैं…सनातन राष्ट्रवादी सरकार को पचा नही पा रहीं हैं….वहीं अब उन सबका मिश्रित रूप बन कर सामने आई कजरीलाल जैसी भयानक नक्सली शक्तियां अपना असल रूप दिखा रही हैं…दिल्ली से लेकर पटियाला तक पत्थरबाजी से लेकर तलवारबाजी तक की घटी घटनायें कोई साधारण नही है….उसके पीछे छिपे उनके मंतव्य और उनकी मॉडस अपरेंडी को समझिये….समझिये कि कैसे जिहादी रूप बदल कर…..कैसे खालिस्तानी दोगले रेफरेंडम 2020 नाम की साजिश के पीछे वेश बदल कर सनातन राष्ट्रवाद पर गंभीर चोट पहुंचाने का षडयंत्र रच रहें हैं…मुझे लग रहा है कि देश विरोधी बड़ी साजिश पनप रही है…जो बंगाल से लेकर दिल्ली तक और केरल से लेकर पंजाब तक सब मे एक ही कनेक्शन है……रोंगटे खड़े हो जाते हैं यह सोच कर की मोदी के इतने प्रयासों के बाद भी ये कितने संगठित और मजबूत है…..यह सोच कर तो मेरा रक्तचाप बढ़ जाता है कि 2014 से पहले हम कितने विषैले जंतुओं के बीच रह रहे थे…….!!!

खैर…मोदी,योगी,शाह,डोभाल जैसे व्यक्तित्व इन जंतुओं से तो कायदे से निपट लेंगे……लेकिन समय की मांग तो यह है कि इस समस्या को केवल अपने नेतृत्व के भरोसे छोड़ना ठीक नही होगा…हमे भी कुछ करना चाहिये…..राष्ट्र और धर्महित मे हम आप क्या कर सकते हैं….वो सोचिये…सतर्क रहिये…अपने अगल बगल नजर बनाये रखिये…कुछ भी असामान्य सा घट रहा हो तो उस पर विचार करिये…साक्ष्य हो तो सक्षम अधिकारियों तक पहुंचाइये….केवल सोशल मीडिया पर चैतन्य रह कर रक्षा नही की जा सकती है……!

बहरहाल अब आपको सोचना और समझना है कि ये जो 70+ साल के नरेन्द्र दामोदर दास मोदी है ना….वो किसकी लड़ाई?
किसके लिये?
और क्यों लड़ रहे है…….???

इन्ही तीन सवालों का जवाब जिस दिन देश का बहुसंख्यक समाज जान जायेगा…विश्वास करिये उसी दिन जातिवाद,क्षेत्रवाद की दीवार ढ़हा कर मोदी के साथ खुल कर खड़ा हो जायेगा…!!

मोदी भले ही आज हमारी राजनैतिक लड़ाई लड़ रहे हैं लेकिन अब अपनी संस्कृति,सभ्यता और अस्मिता की लड़ाई हमको खुद भी आगे बढ़ कर लड़ना होगा….क्योंकि धर्मयुद्ध का बिगुल बज चुका है….और बेहद शातिर,मक्कार और छल छंद मे माहिर शत्रु से हमारा मुकाबला है…!

कभी सोचा है कि मोदी आज हैं लेकिन कल…कल क्या होगा…??

इसीलिये सनातन राष्ट्रवाद की वैचारिक अवधारणा…अर्थात वेद,पुराण,श्रृतियों,स्मृतियों,महाकाव्यों,शास्त्रानुकरणीय हर उस व्यवहारिक सिद्धांत और आचरण का हम सबको अनुसरण करना चाहिये, जिसे हमारे पूर्वजों ने हमे सौंपा था,वही परिस्थितियां अनेक मोदी तैयार करने का आधार होती है………….किंतु हम थोथी धर्मनिरपेक्षता और सहिष्णुता के रटाये गये प्रवचन के चक्कर मे हम अपने स्वर्णिम अतीत को भूल चुके है….हम भूल गये हैं कि हम कौन है…हमारा इतिहास क्या है…हमारे पराक्रमी पूर्वज कौन थे….या फिर हमारे पूज्य देवी देवताओं के हाथों मे शास्त्र के साथ शस्त्र क्यो है…….??

मनसा,वाचा,कर्मणा हमे सदैव अपने शस्त्र और शास्त्र युक्त विचारणीय,अनुकरणीय,पराक्रमी,शौर्ययुक्त अतीत को याद रखना होगा…उसके अनुकूल आचरण करना होगा…………फिर देखिये कि कैसे हर घर मे मोदी,शाह,योगी,डोभाल जैसा राष्ट्रपुत्र तैय्यार होकर राष्ट्रसेवा हेतु प्रतीक्षा करता मिलेगा….!!

फिलहाल,
जान लीजिये कि देश और सनातन विरोधी ताकतों से लड़ाई लम्बी है..लेकिन केवल यही सोच कर…..निराश होकर खड्ग रख देना तो शत्रुओं को लाभ पहुंचाने जैसे पाप को करने के बराबर है….ये तो निरी मूर्खता है…फिर…?
फिर क्या…उठिये और मन,वचन और कर्म से,पूरी क्षमता से राष्ट्र/धर्म विरोधी दुर्योधनो/दु:शासनो को पटखनी देते हुये फिर से उन्हे कुरूक्षेत्र की मिट्टी का स्वाद चखा कर बता दीजिये कि न सिर्फ हस्तिनापुर उनके लिये दूर हो गया है बल्कि अब देश की जनता क्रास,कटोरे और लाल सलाम के चक्रव्युह मे फंसे अभिमन्यु का रोल पिछले 75 साल से करते करते थक चुकी है और वो कौरव कुल को बता देना चाहती है कि सनातनी जनता अब द्वारिकाधीश के नेतृत्व मे अर्जुन का रूप धारण कर प्रतिशोध लेने की सौगन्ध खा चुकी है…महर्षि दधीचि से लेकर विक्रमादित्य तक,पृथ्नीराज से लेकर महाराणा प्रताप तक हमने देशहित मे त्याग किया है….. रानी झांसी से लेकर भगत सिंह और आजाद तक हमने राष्ट्र के लिये स्वयं को न्यौछावर किया है….हम योगेश्वर की नीति के पूजक और रघुकुल की रीति का पालन करने वाले हैं इसलिये असुर निकंदन वाली सौगन्ध इसलिये भी निभायेंगे…क्योंकि हमारी गर्भनाल मां भारती से जुड़ी है….वो हमारी मां हैं और हम उनके पुत्र…..!!

अंत मे केवल इतना और कहूंगा कि गुलाबो चिच्चा की पापी पार्टी को समाप्त होने मे भले ही इतना समय लग गया हो…..लेकिन उसके ही स्पर्मजनित पुत्र…यानी की कंजरीलाल की मक्कारी भरी तेजी बता रही है कि वो जल्दी ही समाप्त होने वाला है…यह अतिश्योक्ति नही है….बस देखते जाइये!!

#वन्देमातरम्
#Ajit_Singh

साभार:अजीत सिंह-(ये लेखक के अपने विचार हैं)

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