www.positiveindia.net.in
Horizontal Banner 1

ब्राह्मणों का डीएनए यहूदियों से मिलाने का अभियान क्यों चल पड़ा है?

-राजकमल गोस्वामी की कलम से-

Ad 1

Positive India: Rajkamal Goswami:
ब्राह्मण और यहूदी:
अमृता प्रीतम और साहिर लुधियानवी का प्रेम कोई दबा ढका रहस्य नहीं था । अमृता ने कभी अपने सम्बंधों को छुपाया भी नहीं । अमृता विवाहिता थीं और साहिर चिरकुमार । बच्चे जवान हुए तो आख़िर अमृता के बच्चे थे अमृता ही की तरह निर्भीक और बेबाक । बेटे ने सीधा प्रश्न किया कि क्या मैं साहिर का बेटा हूँ । अमृता ने बड़े प्यार से दुलारते हुए समझाया कि बच्चे मुझे बड़ा गर्व होता अगर तू साहिर का बेटा होता मगर नहीं है ।

Gatiman Ad Inside News Ad

आजकल ब्राह्मणों का डीएनए यहूदियों से मिलाने का अभियान चल पड़ा है विशेष रूप से चितपावन ब्राह्मणों का । महाराष्ट्र कोंकण में चितपावन ब्राह्मण पाये जाते हैं और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में उनका वर्चस्व रहा है । अब डीएनए मिलाने से भला क्या होगा ? अकबर और औरंगज़ेब का एक ही डीएनए था कम से कम दारा तो उसका सगा भाई था मगर एकदम छत्तीस का आँकड़ा था । पैग़ंबर मुहम्मद और यहूदियों दोनों को इब्राहीम का वंशज माना जाता है तो डीएनए भी दोनों में इब्राहीम का होगा ।
चलिये छोड़िये उस बात को । जब पैग़ंबर मक्का से मदीना हिजरत कर के आये तो मदीना वासियों ने उनका बड़ा दिल खोल के स्वागत किया । उनके साथ आये मुहाजिरों को अपना भाई मानते हुए अपनी सारी संपत्ति आपस में बाँट ली यहाँ तक कि दासियाँ भी । मदीना में एक बड़ी यहूदी आबादी बनू नाज़िर की रहती थी भारतीय मुसलमानों के अरबीकरण होने के कारण बनू नाज़िर को अब बनू नादिर कहा जाता है । पैग़ंबर ने बहुत कोशिश की कि ये यहूदी किसी तरह से ईमान ले आयें पर उनका विश्वास नहीं जमा । जंगे ख़ंदक में उन पर ग़द्दारी का इल्ज़ाम लगा कर उन सबको सामूहिक रूप से क़त्ल कर दिया गया । उनके छोटे बच्चों को और बीवियों को मुसलमान बना लिया गया ।

Naryana Health Ad

यहूदियों के और भी बहुत सारे कबीले थे अरब में उनका भी यही हाल हुआ । उनकी बीवियों से मुसलमानों ने शादी की और बच्चों को मुसलमान बनाया । इन्हीं से अरबों कीवंशबेल आगे बढ़ी । इनसे होने वाली संतानों में यहूदियों का डीएनए होना ही चाहिये । कालांतर में ये अरब सम्पूर्ण इस्लामी दुनिया में छा गये ।

तो जिस भी मुसलमान का शजरा अरब पूर्वजों तक जाता है उनका डीएनए यहूदी होना तय है ।

इस्राइली यहूदियों की दिलेरी और बहादुरी तथा साइंस और तकनीक में अद्भुत प्रगति देखते हुए मुझे भी अमृता प्रीतम की तरह अफ़सोस है कि ब्राह्मणों का डीएनए यहूदियों से नहीं मिलता । अगर किसी तरह से मिल जाये तो बड़ी ख़ुशी होगी और यह कह कर उनमें जोश भरा जा सकेगा कि तुममें भी यहूदियों वाला ख़ून है और तुम भी यहूदियों की तरह १९० नोबेल पुरस्कार जीत सकते हो ।

साभार:राजकमल गोस्वामी-(ये लेखक के अपने विचार हैं)

Horizontal Banner 3
Leave A Reply

Your email address will not be published.