गद्दारों में हाहाकार क्यों मचा रही है प्रधानमंत्री मोदी की अग्निपथ योजना?
-सतीश चन्द्र मिश्रा की कलम से-
Positive India:Satish Chandra Mishra:
नौकरी देने वाला कारखाना नहीं है भारतीय सेना।
सीमा की सुरक्षा में अपने प्राण भी बलिदान कर देना कोई धंधा या रोजगार नहीं होता।
मात्र 21-23 वर्ष की आयु में 4 वर्ष के सैन्य प्रशिक्षण तथा 15-20 लाख रूपये की हर प्रकार के कर से मुक्त जमापूंजी के साथ नए जीवन का प्रारंभ करने का अवसर देने वाली अनमोल योजना है “अग्निपथ”। देश मे ऐसी कोई योजना पहले कब बनी.?
अग्निपथ योजना की आलोचना वो कर रहे हैं जिन्होंने पूरे देश में 18 बरस से ऊपर के हर ग्रामीण नौजवान को साल में केवल 100 दिन 100 रूपये की दिहाड़ी देकर गड्ढे खोदने के धंधे में लगा दिया था। गड्ढा खोदकर उन नौजवानों का भविष्य कैसी संभावनाओं की क्या उम्मीद करता होगा? यह स्वंय तय कर लीजिए। लेकिन वही लोग अपनी छाती, अपनी पीठ खुद ठोंकने लगे थे। अपनी तारीफ़ में ढोल पीटने लगे थे।
अग्निपथ देश का भाग्य बदल देने वाली योजना है। इस योजना का जमकर समर्थन करिए। इस योजना का विरोध कर रहे धूर्तों का जमकर विरोध करिए।
फिलहाल बाबा विश्वनाथ ने बुलाया है। इसलिए उनके आदेश का पालन करते हुए बनारस की राह पर हूं। लौट कर विस्तार से लिखूंगा कि गद्दारों में हाहाकार क्यों मचा रही है प्रधानमंत्री मोदी की अग्निपथ योजना और उसके भावी अग्निवीर…!!!
साभार:सतीश चंद्र मिश्रा-(ये लेखक के अपने विचार हैं)