‘द केरला स्टोरी’ पर विपक्ष का पूरा इकोसिस्टम क्यो तिलमिला रहा है
-विशाल झा की कलम से-
Positive India:Vishal Jha:
मुझे इस बात का बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि ‘द केरला स्टोरी'(The Kerala Story) के रिलीज पर कोई बहुत बड़ी प्रतिक्रिया मिलेगी। पूरी फिल्म रिलीज होने के लिए तो अभी दस दिन शेष हैं। आज सिर्फ ट्रेलर रिलीज हुआ है। महज 10 घंटे हुए हैं। पूरा इकोसिस्टम तिलमिलाना आरंभ कर दिया है। द कश्मीर फाइल्स पर तो इतना बड़ा विमर्श तब खड़ा हुआ, जब कपिल शर्मा ने प्रमोट करने को लेकर इंकार कर दिया और उस इनकार से लोगों का ध्यान उस तरफ गया। लोग कश्मीर फाइल्स के प्रति सिंपैथाइज होने लगे, गोलबंद होने लगे। इतना सब कुछ होने के बाद मेनस्ट्रीम मीडिया इस बड़ी कंट्रोवर्सी को जगह देना शुरू किया।
‘दी केरला स्टोरी’ के पीछे कोई कॉन्ट्रोवर्सी नहीं है। किसी तरह का विरोध प्रतिरोध नहीं है। बल्कि जिहाद के कुनबे में अलग तरह की तिलमिलाहट है, बिल्कुल नेचुरल तिलमिलाहट। इस्लामिक स्टेट.. अर्थात आईएसआईएस और पीएफआई ने केरल को जिस प्रकार से अपने जिहाद में जकड़ लिया है, स्वाभाविक है, फाइल खुलते ही बात दूर तक जाएगी। जुबेर की ताकत सब लोग जानते हैं। जिसके तमाम सरिया मुल्कों के एंबेसी से सीधा कनेक्शन है। उन्होंने सीधे-सीधे ‘द केरला स्टोरी’ के 32000 लड़कियों वाले फैक्ट को फिक्शन आधारित बता दिया है। जबकि फिल्मेकर सुदीप्तो सेन का कहना है कि फैक्ट 2010 के तत्कालीन केरला मुख्यमंत्री द्वारा विधानसभा में प्रस्तुत की गई डॉक्यूमेंट पर आधारित है।
‘दी केरला स्टोरी’ उन लोगों को भी बिल्कुल निराश नहीं करेगा, जो कश्मीर फाइल्स को एक डॉक्यूमेंट्री की तरह नहीं, बल्कि एक फिल्म की तरह देखे थे और फिल्म के तमाम एंगल से स्क्रीनिंग-कास्टिंग को लेकर फिल्म की आलोचना की थी। फिल्म यदि ट्रेलर के अनुसार निकले, तो जो फिल्म के प्रोफेशनल दर्शक हैं, कथानक की पूरी संवेदनाएं ताक पर रखकर भी फिल्म देख सकते हैं।
साभार:विशाल झा-(ये लेखक के अपने विचार है)