Positive India:Vishal Jha:
मित्र सब फोन पर फोन कर रहे हैं, जिनके साथ हम 300 प्लस आने का दांव खेले थे। हम क्योंकि अब दांव हार चुके हैं, सबों को मिठाई खिलाना पड़ेगा। मिठाई खिलाते हुए यह एहसास कर लूंगा कि जीत की खुशी में ही मिठाई खिलाई जाती है।
नैतिक जीत सबने सुनी थी, पर इंटरनेट टेररिस्टों में जो एक अलग सा उदासीन माहौल छाया हुआ है यह एक नैतिक हार के कारण है। एक नागरिक के तौर पर हम जीत गए हैं पर एक हिंदू के तौर पर हम जीते हैं कि नहीं एक बड़ा प्रश्न है?
जीती हुई 50 सीटें 5 साल में हार जाना बताता है कि हिंदुत्व को लेकर जितना आत्मविश्वास हम पाल चुके हैं, उसमें थोड़ी समीक्षा करनी होगी। इन सीटों पर हमारी हार जिन्दा जातिवाद का प्रमाण है। हिंदुत्व की प्रचंड प्रत्याशा ने हमें 325 से कम पर मानने को राजी न होने दिया। इसके लिए हम खेद प्रकट करते हैं।
साथ ही इस बात के लिए उत्तर प्रदेश वालों को प्रशंसा भी प्रेषित करते हैं कि भारत भर से हिंदुत्व का सारा बोझ यूपी वालों ने अपने सिर पर बड़ी राजी से पार लगा दिया है। ये पूरा देश उत्तर प्रदेश वालों का सदा ऋणी रहेगा। क्योंकि योगी जी एक समय पूरे देश को प्राप्त होंगे, जो कि कहीं ना कहीं यूपी वालों के आज की भूमिका के बिना असंभव था।
अब उत्तर प्रदेश वालों ने योगी जी को पूरे देश के लिए उपलब्ध करा दिया है। चार दशकों में ऐसा पहली बार हुआ कि उत्तर प्रदेश वालों ने पूरे देश की मांग पर किसी मुख्यमंत्री को दोबारा अवसर दिया। हमारी ओर से इस मिशन में साथ देने वाले हमारे सभी साथियों का मैं आभार प्रकट करता हूं। शुभकामना देता हूं। उत्तर प्रदेश तो आज देश भर से शुभकामना का पात्र है।
साभार:विशाल झा-(ये लेखक के अपने विचार हैं)