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शाहरुख खान की “पठान” डूबने के साथ अन्य कलाकारों के गले की हड्डी क्यों बन गया?

-विशाल झा की कलम से-

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Positive India:Vishal Jha:
ट्रेलर रिलीज के दिन ही जॉन अब्राहम अपने किसी एनडोर्स ब्रांड पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में थे। स्वाभाविक था पठान को लेकर जॉन से प्रश्न पूछा गया। जॉन का जवाब था, “नेक्स्ट क्वेश्चन”। फिर शाहरुख खान को लेकर भी सवाल किया गया। फिर वही जवाब, “नेक्स्ट क्वेश्चन”। जब तीसरी बार पठान पर दो लाइन बोलने को कहा गया, तब जॉन ने फाइनली प्रेस कॉन्फ्रेंस लेफ्ट कर दिया।

बॉलीवुड में यदि किसी अभिनेता के खिलाफ सबसे कम विवाद अथवा कोई विवाद नहीं है तो उसमें जॉन अब्राहम भी हैं। जॉन अब्राहम को अच्छी तरह मालूम है कि अपने छवि को बनाए रखना है तो कहीं ना कहीं सेफ्टी का ध्यान रखना होगा। अन्यथा कौन होगा जो जिस फिल्म में काम किया हो उसी के ट्रेलर रिलीज पर एक शब्द भी बोलने को तैयार ना हो। जॉन अब्राहम के रवैये से पठान न केवल डूबता साबित हो रहा है बल्कि पठान के कलाकारों के लिए पठान स्वयं एक गले की हड्डी की तरह बन गया है।

इसको लेकर पठान के पक्ष में नैरेटिव चलाया जा रहा कि डायरेक्टर ने रोल को लेकर जान अब्राहम के साथ धोखा किया है और इसलिए जॉन अब्राहम का इतना एटीट्यूड ठीक नहीं। लेकिन मुझे लगता है किसी अभिनेता के लिए इंडस्ट्री में उसकी वैल्यू ज्यादा मायने रखती है, जॉन अब्राहम को पठान की फीस मिल चुकी है। अब वह किसी तरह पठान से अपना पीछा छुड़ाना चाहते हैं।

सुनील शेट्टी हो अथवा जॉन अब्राहम, अगर उन्हें लगता होगा कि बॉलीवुड में रहकर और बॉलीवुड की भारतीय समाज के प्रति गंदे विचार पर चुप रहकर, बॉलीवुड को बचा लेंगे तो यह उनकी भूल है। उन्हें अपने गंदे विचार को साफ करना होगा। इसके लिए जरूरी है वे सत्य को स्वीकार करें। नहीं तो नेक्स्ट क्वेश्चन बोलकर ज्यादा दिन धंधा नहीं चला सकते।

साभार:विशाल झा-(ये लेखक के अपने विचार है)

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