www.positiveindia.net.in
Horizontal Banner 1

रामास्वामी पेरियार ने अपनी गोद ली गई बेटी से विधिवत विवाह कर लिया!!

-राजकमल गोस्वामी की कलम से-

laxmi narayan hospital 2025 ad

Positive India:Rajkamal Goswami:
धर्म में कितना भी अंधविश्वास हो बुराइयाँ हों लेकिन वह जीवन में नैतिकता को स्थापित करता है । रामास्वामी पेरियार सनातन धर्म में कालांतर में प्रवेश कर गईं कतिपय कुप्रथाओं के विरूद्ध धर्म में रह कर समाज सुधार करने की बजाय नास्तिक हो गए और घोर तार्किक हो गये अतः अपने धार्मिक संस्कार पूरी तरह नष्ट कर लिए । विधि निषेध का ज्ञान विलुप्त हो गया । जीवन की गोधूली में उन्होंने अपनी गोद ली गई बेटी से विधिवत विवाह कर लिया । पता नहीं कभी उन्होंने उसे पुत्री की दृष्टि से देखा भी होगा या नहीं ।

अपने पीछे अपने अनुयायियों का बहुत बड़ा वर्ग वह छोड़ गये , चूँकि उनकी सनातन द्रोही राजनीति अत्यंत सफल रही इसलिए राजनीतिक लालच में अनुयायी मिलना स्वाभाविक है । दक्षिण में ब्राह्मण वर्ण तो पाया जाता है पर क्षत्रिय वर्ण का लोप है अतः ब्राह्मणों का रक्षक कोई नहीं रह गया । ब्राह्मण सब तमिलनाडु छोड़ गये । आज मुश्किल से तीन प्रतिशत ब्राह्मण बचे हैं तमिलनाडु में ।
सनातन को मच्छर मक्खी की तरह नष्ट करने का संकल्प लेने वाले उदयनिधि के लिए यह करना बहुत आसान है । तमिलनाडु के सारे मंदिर सरकार के अधीन हैं । उन्हें चाहिए कि मीनाक्षी मंदिर, बृहदीश्वर, कुंभकोणम रामेश्वरम और कन्याकुमारी मंदिरों में ताला डलवा दें बल्कि बेहतर होगा कि उन्हें तुड़वा ही दें । तमिलनाडु सरकार को थोड़ा बहुत आर्थिक झटका लगेगा क्योंकि इन हज़ारों मंदिरों की आय तो सरकारी ख़ज़ाने में ही जाती है ।

जो लोग रामेश्वरम गये हैं उन्होंने अनुभव किया होगा कि तमिलनाडु में कहीं बस अड्डों, सड़कों और मील के पत्थरों पर भी हिंदी लिखी नहीं मिलती लेकिन रामेश्वरम मंदिर में जहाँ सरकार की तरफ़ से गंगाजल बेचा जाता वहाँ नोटिस बोर्ड ज़रूर हिंदी में लगा मिलेगा । पैसा किसे नहीं प्यारा होता । क़ुरान में भी ज़कात को धर्म का आधार स्तंभ बताया गया है । पैसा तो धार्मिक और नास्तिक दोनों को चाहिए ।

तो मुझे आशा नहीं है कि करुणानिधि के पोते उदयनिधि ऐसा कर पायेंगे । करुणानिधि स्वभावतः भगवान राम को अपशब्द कहते रहते थे । जब आप राम को काल्पनिक मानते हैं तो उन्हें क्या गरियाना । बहरहाल एक दिन अधिक अपशब्द कह गये और गिर गये तो रीढ़ की हड्डी में चोट आ गई । हालाँकि इस चोट का भगवान राम से कोई सम्बंध नहीं हो सकता । राम कोई करुणानिधि नहीं अपितु करुणानिधान हैं । मानस में उन्हें चार बार करुणानिधान नाम से संबोधित किया गया है । करुणानिधि अगले ही दिन श्री रामचन्द्र मेडिकल हॉस्पिटल में भर्ती किए गये और राम जी की कृपा से उनका ऑपरेशन सफल रहा ।

भगवान न करे उदयनिधि को ऐसी किसी समस्या का सामना करना पड़े उससे पहले वे हरिण्यकशिपु की भाँति तमिलनाडु से राम का नाम बिलकुल मिटा दें । सनातन धर्म तो तभी मिट सकेगा । वैसे यह शिव जी के धनुष को उठाने जैसा काम है उदयनिधि और उनके गठबंधन के बस का है नहीं ।

साभार:राजकमल गोस्वामी-(ये लेखक के अपने विचार हैं)

Leave A Reply

Your email address will not be published.