कश्मीर मे पिता की अस्थियां विसर्जित करने के लिए भी इस्लामिक चरमपंथियों से इजाजत क्यों लेनी पड़ती थी ?
-अजीत सिंह की कलम से-
Positive India:Ajit Singh:
द कश्मीर फाइल्स की दिनो दिन बढ़ती सफलता और उसको देखने के प्रति हिंदू जनमानस के अंदर बढ़ते जा रहे जुनून को देख कर हमारे देश का वो वर्ग,जिसने अभी तक बालीवुड के बहाने भारत और भारतीयों के मूल संस्कार से खिलवाड़ करके मजहब को मजबूत करने का काम किया….लुटियन मीडिया के वो भांड,जिन्होने आज तक केवल झूठ परोस कर ऐशो आराम का जीवन बिताया….वामपंथियो का वो गिरोह,जिसने भारत के इतिहास का गलत लेखन करके,देश की कई पीढ़ियों को गौरवान्वित होने की जगह सेकुलर बना कर बर्बाद कर दिया….मजहबी जेहादियों का वो झुंड,जो अपनी पोल खुलने से एक बार फिर बौरा गया है…..यह सबके सब मानसिक विकलांग इस फिल्म से लगभग विक्षिप्त हो चुके है….पूरा का पूरा एजेंडा गिरोह बौखला गया है…इन्हे अपने अपराध से बचने का कोई रास्ता नही सूझ रहा है…अभी तक प्रतिउत्तर मे यह सब मिलकर बेसिरपैर के कुतर्क गढ़ रहे थे…लेकिन समूचे नंगे होने के बाद अब द कश्मीर फाइल्स से बौखलाया यह समूह अब नई साजिश मे जुट गया है….पहले तो इस फिल्म को सर्वोच्च शिखर पर पहुंचने से रोकने के लिये झूठे डाटा को सामने लाकर जनता को बहकाने की कोशिश की गई…फिर झूठे तथ्य लाकर भरमाने की कोशिश की गई कि उस समय किसकी सरकार थी…जगमोहन को कौन लाया था….आदि आदि कुतर्क!
यह सब केवल इसलिये किया जा रहा है कि कश्मीर मे इन सबने मिल कर जो बर्बर,घृणित और वीभत्स अपराध किया है…वो जनमानस के सामने आने से पहले किंतु परंतु के मायावी जाल मे उलझ कर अपना वो वैचारिक अस्तित्व खो दे …..जिसके तीखे घाव से पिछले शुक्रवार से पूरा का पूरा दोगला कुनबा रोज छलनी होता जा रहा है…परत दर परत किया गया इस्लामिक तुष्टीकरण का षडयंत्र नंगा होता जा रहा है…!
यहां हिंदुओं…विशेषकर नवयुवकों के लिये सोचने और समझने वाली बात तो यह है कि कश्मीर के हिंदुओं पर अमानवीय अत्याचार करने वाले कौन थे…वहां से हिंदुओं को पलायन करने पर मजबूर कर देने की किसकी करतूत थी….और इन सबके यानी कश्मीर को नर्क बना देने के पीछे कौन सी विचारधारा थी..उसके पीछे की मानसिकता क्या थी कि मजहबी कौम की एक सामान्य महिला और उसके एक छोटे बच्चे को भी अपने सामने बहता खून उसे किसी करुणा, किसी अपराध बोध से नहीं भर देता था?
दोस्तों…!
इसके पीछे वही पाषाण कालीन सोच वाली मजहबी इस्लामी मान्यता है कि पूरी दुनिया मे इस्लाम का राज हो…!!
बंधुओं!
सरकारें तो बनती है,बदलती हैं,लेकिन तो लगभग डेढ़ हजार साल से पूरी दुनिया को लहूलुहान करने के साथ,शांति छीन लेने वाली सोच,रहन सहन और मानसिकता है,जिसने कश्मीरी हिंदुओं को विस्थापित किया और आज पोल खुलने पर एकजुट होकर सफाई दे रहे हैं….कुतर्क कर रहे हैं….इतने के बाद भी शर्मिदा नही हो रहे हैं…इसलिये कह रहा हूं कि इन पर सवाल उठाइये…इन्हे नंगा कीजिये…इन्हे न केवल पहचानिए….बल्कि इनकी असल पहचान को सामने ले आइये….क्योंकि जब तक यह इस्लामी मानसिकता जिंदा है…जब तक बस नाम रहेगा अल्ला का वाली जेहादी मानसिकता दुनिया मे रहेगी…तब तक जान लीजिये कि दुनिया शांति से नही रह पायेगी और जो कश्मीर मे हुआ वह फिर होगा….हर जगह होगा…जगह बदल कर,नाम बदल कर..वही कहानी बार बार हमेशा दुहरायी जाएगी….समझिये बंधुओं कि हम अभी भी संगठित न हुये तो जैसे आज हम कश्मीरी हिंदुओ पर रो रहे हैं…विश्वास करिये कि कल कोई हमारे नाम पर रोयेगा..!
इसलिये फिर कह रहा हूं कि देशद्रोहियों,सनातन के शत्रुओं को निरंतर पीछे ढ़केलने के लिये द कश्मीर फाइल्स को..कश्मीर की दर्दनाक कहानी को अधिक से अधिक प्रमोट करिये…इस फिल्म से चिढ़ने वालों के पिछाड़ी मे जम कर लाल मिर्च लगा कर और तड़पने पर मजबूर ही मत करिये वरन् इन सबको अच्छी तरह बता दीजिये कि दशकों से रगो मे ठहरा हुआ भगवा लहू अब पूरी ताकत,ओज,ऊष्मा और गौरव के साथ न केवल बहने लगा है…वरन् देश और धर्म विरोधियों को बहा कर रसातल मे पहुंचा भी देगा!!
फिलहाल जान लीजिये कि संगठित होती जा रही सनातनी एकता से घबराये,बौखलाये गिरोह ही नही….बल्कि इन सबकी संरक्षक मैडम फिरंगन ने आज पहली बार अपने मन की बता सामने लाकर कह दिया कि फेसबुक और ट्विटर को बैन कर देना चाहिये…परपराती फिरंगन ने यह बयान इसलिये दिया कि यही सोशल मीडिया के वो प्लेटफार्म है जिसने निहरू और घांधी वंश की धज्जिया उड़ा कर रख दी है…उसकी छद्म महानता के किले को धाराशाई कर दिया…इनको इंटरनेट टेरिरिस्टों ने नंगा करके रख दिया…!!
अंत मे कहूंगा कि उस कश्मीर मे जहां पिता की अस्थियां विसर्जित करने के लिए भी इजाजत लेनी पड़ती थी..वहां की सच्चाई सामने लाने पर भारत विरोधी एजेंडा गिरोह के लोग कह रहे हैं कि इस फिल्म की जरुरत ही क्या है…👇दी गई तस्वीर साक्ष्य है उस पीड़ा की!
#वंदेमातरम्
#Ajit_Singh
साभार:अजीत सिंह-(ये लेखक के अपने विचार हैं)