सलमान खान मामले के हीरो रविन्द्र पाटिल को सड़ा सड़ा के मारने वाले लोग समीर वानखेडे का बाल बांका क्यों नहीं कर पा रहे
-अमिताभ राजी की कलम से-
Positive India:Amitabh Raji:
सन 2002 से सन 2021आते-आते बहुत कुछ बदल गया है, #रविन्द्र_पाटिल के साथ महाराष्ट्र की भ्रष्ट सत्ता ने जो घिनौना और क्रूरतम खेल खेला था, #समीर_वानखेडे के साथ उस खेल को खेलने में उसके तमाम दाँव उलटे पड़ते नजर आ रहे हैं, अपराधी होने के बावजूद 2002 में सलमान खान को बचाने में समर्थ हो जाने वाली महाराष्ट्र की #बौनी_राजनीति आज 2021 के भारत में शाहरुख खान के दोषी बेटे को एडी-चोटी के जोर लगा कर भी नहीं बचा पा रही है, सलमान खान मामले के हीरो रविन्द्र पाटिल को सड़ा -सड़ा के मारने वाले लोग समीर वानखेडे का बाल बांका नहीं कर पा रहे हैं, उसे जेड प्लस की सुरक्षा प्रदान कर केन्द्र सरकार ने साबित कर दिया है कि अब किसी ईमानदार व्यक्ति को भ्रष्ट नेताओं के कारण रविन्द्र पाटिल की तरहा पागलखाने होते हुए मौत तक का सफर नहीं करना पडेगा….
उन्नीस गवाह थे जिन्होंने कहा था कि फुटपाथ पर सो रहे लोगों पर नशे में धुत्त जिस बेवडे ने गाडी चढ़ाई थी वो सलमान खान था, लेकिन एक-एक करके सभी गवाह या तो खरीद लिये गए थे और या गायब कर दिये गये थे, एकमात्र रविन्द्र पाटिल ही ऐसा गवाह बचा था, जिसे न तो खरीदा जा सका था और न ही गायब किया जा सका, आखिरकार उसका अपहरण करके कोर्ट की सुनवाईयों में जाने से रोक दिया गया, फिर बार-बार की सुनवाई में न पहुंचने का आरोप लगाकर सरकारी नोकरी से सस्पेंड कराया गया, मानसिक रोगी बताकर पागलखाने भिजवाया गया, जहाँ उसे टीबी हुई और एक होनहार ईमानदार पुलिस वाला उन्तीस साल की भरी जवानी में अपने जीवन के अन्तिम दिनों में सड़क पर भीख मांगता इस क्रूर, पागल और अपनी मस्ती में चूर दुनियाँ को अलविदा कह गया…..
आज जब देखता हूँ कि कोई है जो ऐसे ईमानदार लोगों के पीछे ढाल बनकर खडा है, और न सिर्फ नैतिक सपोर्ट बल्कि उसे जेड प्लस की सुरक्षा भी मुहैया कराता है, तो आलू प्याज और पेट्रोल की मेंहगाई पर घडिय़ाली आंसू बहाने वालों के मुंह पर थूकने को मन करता है।
साभार:अमिताभ राजी-(ये लेखक के अपने विचार हैं)