फ्रांस की सबसे बड़ी पब्लिक लाइब्रेरी को अमन के अनुयायियों ने आग के हवाले क्यो कर दिया ?
-संदीप तिवारी "राज" की कलम से-
Positive India:Sandeep Tiwari “Raj”:
फ्रांस में मर्सिले शहर की सबसे बड़ी पब्लिक लाइब्रेरी को अमन के अनुयायियों ने आग के हवाले कर दिया है…मैं इस बात से बिल्कुल भी अचंभित नहीं हूँ क्योंकि किताबें जलाने का उनका पुराना इतिहास रहा है।
अगर वो ‘दूसरी’ किताबों को भी कभी पढ़ लेते तो शायद उनको यह पता चल गया होता कि हर किताब में चुटकुले और चूतियापे नहीं लिखे होते। उन्हें शायद पता होता कि जिन किताबों को वो जला रहे हैं उनमें ज्ञान भी है।
खैर मुझे मज़ा आ रहा है इस बात पर कि मेरी लिस्ट के तमाम तथाकथित सेलिब्रिटी फ्रांस में हो रहे इस उपद्रव पर चुप हैं। ये वही सेलिब्रिटी हैं जो भारत में अपने इन अराजक जीजाओं को तमाम तरह की अराजकता के बाद भी शोषित बताते हैं।
अगर कभी कोर्ट इनको सज़ा दे दे तो यही चुप्पी साधे हुए सेलिब्रिटी अपनी छाती कूटने, ब्लाउज फाड़ने लगते हैं ये कहकर कि संविधान गलत है, सज़ा नहीं होनी चाहिये, टार्गेट किया गया, वगैरा वगैरा।
यहाँ तो तुम लेटेक्स का गुब्बारा बन उनकी सारी गलतियाँ अपने भीतर भर लेते हो लेकिन अब ? उधर का क्या? वहाँ कैसे साधोगे जा के ?
हर जगह उपद्रव का कारण तुम्हारे ये मुँहबोले बहनोई लोग ही काहे बन रहे हैं ? पूरी दुनिया खाली उनके ही पीछे क्यों पड़ी है ? कोई जवाब है ?
साभार:संदीप तिवारी “राज”-(ये लेखक के अपने विचार है)