आखिर मोदी ये लड़ाई किन ताकतों से लड़ रहे है किसके लिये और क्यों लड़ रहे है ?
-अजीत सिंह की कलम से-
Positive India:Ajit Singh:
#एक_मोदी_हजार_दुश्मन!
आखिर मोदी ये लड़ाई किन ताकतों से लड़ रहे है,किसके लिये और क्यों लड़ रहे है..??
इसका केवल एक उत्तर है……..उनका लक्ष्य और उद्देश्य है कि अपनी मातृभूमि को उनका पुरातन वैभव,गरिमा और अस्मिता को वापस प्रदान करने के साथ सनातनियों के कुचल दिये गये आत्मगौरव को पुनर्स्थापित करके उनके अंदर प्रचंड सनातन राष्ट्रवाद की ऐसी लौ जगाना..कि अब कोई विधर्मी ताकत चाहे जितने षडयंत्र कर ले….लेकिन प्रत्येक सनातनी स्वयं को इस तरह समृद्ध,सशक्त और मानसिक,वैचारिक रूप से इतना विकसित कर ले कि विधर्मी उसे सनातन राष्ट्रवाद को सर्वोपरि बनाने से रोकने का दु:साहस न कर सके…!!!
किंतु अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि जिस सनातन राष्ट्रवाद को समृद्ध,सशक्त और विश्वगुरू बनाने के लिये प्रधान सेवक स्वयं को होम कर दे रहे हैं,उसी बहुसंख्यक समाज के कुछ फुदकने वाले..क्षणे रूष्ठा-क्षणे तुष्ठा टाइप के अधीर जीव……..मारीच,सूपनखा,रावण के मायावी चक्रव्युह मे फंस कर मोदी के त्याग पर सवाल उठाने मे जरा भी शर्म नही करते है…कोई और देश होता…किसी दूसरे मजहब और रिलीजन के मोदी जैसे नेता होते तो….आज सर पर बिठा कर उनका सजदा किया जाता…लेकिन…लगभग हजार साल के विधर्मियों आक्रांताओं के आक्रमण…उनके बर्बर शासन को भुगतने वाला बहुसंख्यक समाज आज भी अपने भविष्य के प्रति न केवल लापरवाह है वरन् उसका एक हिस्सा जातिवाद के मायावी मोह मे फंस कर मोदी जैसे नायको के प्रति प्रतिरोधक की भूमिका अदा करके विरोधियों का मनोबल बढ़ा रहा है!!!
मेरा अपना मानना है कि आप यदि अपने राष्ट्र और अपने धर्म से पराकाष्ठा की सीमा तक स्नेह और सम्मान करते हैं तो आपका नायक मोदी ही होंगे….इसलिये आपको जानना चाहिये कि मोदी जैसे प्रधान सेवक की छवि ख़राब करके जनता और उनके मध्य बन चुके स्नेह,सम्मान और विश्वास के पुल को तोड़ने के लिये किस तरह से २०१४ के बाद से ही एक सोची समझी रणनीति के तहत मुहिम चलाई जा रही है!!
बहरहाल यदि आपके ज्ञानचक्षु खुल चुके होंगे तो आप समझ गये होंगे कि पिछले सात साल से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोधी उन्हें नीचा दिखाने के लिए किस हद तक नीचे गिर चुके हैं……लेकिन क्या आपको मालूम है कि प्रधानमंत्री मोदी की छवि धूमिल करने के लिए जो मोदी विरोधी एजेंडा चलता है…..वह कहां से और क्यों चलता है?
कौन लोग है इस पूरी मुहिम के पीछे?
चलिए समझते है दुनिया की मजबूत हथियार लॉबी,फार्मा लॉबी और ड्रग्स लॉबी के साथ हमारे देश की कांग्रेस,वामदलो के साथ मदरसों और मिशनरियों गठजोड़ को…जिसे जहां चीन और पाकिस्तान से संरक्षण मिल रहा है वहीं हमारे देश मे कांग्रेस और वामपंथ की लीडरशिप मे इस पूरे मोदी विरोधी एजेंडा के राजनीतिक षडयंत्र को समर्थन दिया जा रहा है….रही सही कसर भांड बन कर मुजरा करने वाले कुछ मीडिया ग्रुप्स पूरी करने के लिये एक ही खबर को कई रूपों मे दिखा कर अपनी साजिश को आपके दिमाग मे ठूंस कर पूरा करने का प्रयास करते हैं..अभी आसिफ आरयन खान के मामले देख ही चुके हैं कि किस तरह भांडो को नायक बनाया जा रहा था…!!
दरअसल, देश में मोदी विरोध के नाम जो खेल चल रहा है और इसे समझने के लिए आप को पीछे जाना होगा…जब हथियार,फार्मा और ड्रग्स लॉबी खुलकर कांग्रेस के संरक्षण मे देश को अंदर ही अंदर खोखला करती जा रही थीं..!
मई २०१४ में जब केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी है तो इन लॉबीज को और विशेष कर कांग्रेस,वामदलो और मिशनरी तथा मदरसों को हजम नहीं हुई थी….और जब आपकी तर्जनी के कमाल से मोदी ने २०१९ मे वापसी किया तो जहां दुनिया भर के भारत विरोधी देश और लॉबी सन्न रह गई…वहीं भारत के मोदी विरोधी दल तो सन्निपात के शिकार हो गये….फिर सभी मिलकर रचने लगे षडयन्त्रों श्रृंखला…जो आज कथित किसान आंदोलन और कश्मीर मे हो रही टार्गेटेड किलिंग तक आ पहुंची है….!!
दरअसल नरेंद्र मोदी ने जिस प्रकार फार्मा लॉबी को स्वदेशी कोरोना की वैक्सीन बना कर नीचा दिखाया…जिस प्रकार मेक इन इंडिया का नारा देकर वायुयान और सेना की जरूरत के हथियारों को पूरा करने के लिये काम किया,उससे मजबूत हथियार लॉबी बेचारी होती चली गई…ऊपर से कभी हजार,कभी तीन हजार किलो ड्रग्स पकड़ कर ड्रग्स गिरोह की कमर तोड़ दिया…इसके साथ ही कांग्रेस और विपक्षी दलों के मुस्लिम तुष्टीकरण को आइना दिखाकर देश में पूर्ण बहुमत की सरकार बना कर बिना किसी घपले,घोटाले और बिना किसी से दब कर आत्मविश्वास से भर कर न केवल सरकार चला रहे हैं….वरन् भारत को आर्थिक,सामरिक रूप से शक्तिशाली और समृद्ध बना रहे है,यही सब पीड़ा है…जो मोदी विरोध मे दुनिया के बाहुबली देश और हमारे भारत मे राजनीति के नाम पर खोखला करने वाले घोटालेबाज वंशवादी दलों के साथ अर्बन नक्सली व जेहादी बौराये गये हैं…पागल होकर मोदी,योगी पर समवेत श्वान सुर निकाल रहे हैं…यह उन सभी के पराजित होने का प्रमाण है…!!
मोदी की इन उपलब्धियों से विपक्षियों को लगने लगा है कि यदि देश में हिंदुत्व के इस एजेंडे को आगे करने के बाद अगर फिर केंद्र के साथ सभी राज्यों में भी भाजपा की सरकारे बननी शुरू हो गई तो उनके तो दुर्दिन शुरू हो जाएंगे….उनकी तुष्टीकरण की दुकान तो बंद हो जायेगी….ऊपर से अगर जनसंख्या नियंत्रण कानून के साथ CAA,NRC के साथ अगर जनसंख्या कानून पास होकर लागू हो गया तो जहां एक तरफ उन सभी की छुट्टी हो जायेगी…वहीं भारत को हिंदू राष्ट्र बनने से कोई माई का लाल रोक नही पायेगा….!!
इसलिए अभी तक एक दूसरे को फूटी आँख न सुहाने वाले पॉलिटिकल गिद्ध आपस मे गलबहियां करने के लिये न केवल मचल रहे हैं….बल्कि किसी हद तक झुकने को तैयार हैं…..इसीलिये ईसाइ वाड्राइन हों…या फिर बिना खतना के कटपीस जैसा दिखने वाला टोंटीचोर हो….सबके सब सुविधा के अनुसार सूतिये हिंदुओं को फुसलाने के लिये भगवा चोला इसलिये ओढ़ लिया…..क्योंकि उन्हे लगता है कि मोदी के हिंदुत्व की काट यह बहुत जरूरी है……इसके लिए एक ही तरीका है…साथ ही हिंदुओं में ही सेंध लगाकर उनसे दलित व अन्य जातियों को तोड़ दिया जाए…इस काम के लिए कांग्रेस ने वांमपथियों के साथ मिलकर एक कुचक्र रचा………….जिसकी जिम्मेंदारी सौंपी गई पहले पहल वामपंथी छात्र ब्रिगेड को…और प्रयोगशाला बनाया गया विश्वविद्यालयों और काॅलेजों को..जिसमे भारत तेरे टुकड़े होंगे का नारा देकर कन्हैया कुमार के नेतृत्व मे JNU के वामपंथी छात्रों ने इसको लीड किया…इसके बाद कभी अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर तो कभी दलित राजनीति के नाम पर उसी एजेंडे को आगे बढ़ाया गया…!!
आप जानिये और समझिये तो सही कि सनातन सरकार विरोधियों को हजम क्यो नही हो रही है…
कैसे हर स्तर पर उतर कर मोदी की छवि को नुकसान पहुंचाकर जाये……कैसे भाजपा को या सनातन संस्कृति को रोका जाए….कैसे बढ़ते राष्ट्रवाद को रोका जाय….कैसे संगठित होते जा रहे सनातनियो को विभाजित किया जाय…………..इसके लिए शुरू में मुस्लिम कार्ड खेलने वाले विपक्ष ने पहले असहिष्णुता और अवार्ड वापसी को खूब उछाला लेकिन उसमें उनको ज्यादा सफलता नहीं मिली…….इसके बाद उन्होंने अपनी रणनीति बदली और विपक्ष ने मुस्लिमों को पीछे कर दलितों को मुद्दा आगे कर भाजपा को घेरने की रणनीति बनाई..!!
कैसे?
हिुदुत्व की काट के लिए जो रणनीति बनाई थी उसका प्रयोग किया हैदराबाद विश्वविद्यालय में….हालांकि दलित वाला यह प्रयोग मद्रास आईआईटी और अन्य विश्वविद्यालयों में भी किए गए थे लेकिन उनको वहां ज्यादा सफलता नहीं मिली थी…वामपंथी छात्र संगठनों ने काॅलेजों और विश्वविद्यालयों में छात्रों के बीच जाकर भाजपा और मोदी को दलित विरोधी साबित करने की मुहिम जम कर चलाई थी….लेकिन केवल हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्र रोहित वेमूला की आत्महत्या को दलित उत्पीड़न से जोड़कर मोदी की छवि दलित विरोधी बनाने की कोशिश हुई,खैर बाद मे जांच हुई जिसमें पता चला कि रोहित दलित था ही नहीं…….दरअसल, रोहित वेमुला से लेकर गुजरात में उना दलित कांड को एक सोची समझी रणनीति के तहत आगे बढ़ाया गया…..जांच में जहां रोहित के दलित होने की बात फर्जी निकल गई वहीं…वहीं उना केस को अंजाम देने मे कांग्रेस के ही सरपंच का नाम सामने आया…!
पिछले सालो मे विदेशी ताकतों के डालर और दीनारो के दम पर कांग्रेस के नेतृत्व मे अपना बचा खुचा सम्मान बेचने वाले विपक्ष की साजिशों का क्रमवार जिक्र करूं तो पोस्ट बहुत बड़ी हो जायेगी….संक्षेप मे बस इतना समझिये कि मोदी विरोधी जहां २०१४-१९ तक में टुकड़े टुकड़े गैंग,एवार्ड वापसी और असहिष्णुता गिरोह के साथ मंदसौर की हिंसा सहारा लिया…वहीं २०१९-२०२४ तक सत्ता के लिये कथित किसानो,खालिस्तानियों,तालिबानियों के साथ मजहबी जेहादियों और अर्बन नक्सलियों के गैंग के सहारे दंगा-फसाद करवा कर सत्ता हासिल करने के साथ मोदी तथा देश को बदनाम करने की साजिश मे जुटा है….जिसकी मदद जहां विदेशी ताकते कर रही हैं…वहीं मोदी भी अंदरखाने मे पूरी प्लानिंग के साथ इनकी साजिशों को विफल करने की मुहिम मे पिछले सात साल से पूरी निष्ठा से न केवल जुटे हैं बल्कि उनके हर षडयंत्र को विफल करते हुये उन्हे बेनकाब किया है….अगर मोदी इतना दूरद्रष्टा न होते तो आज देश मे आग लग चुकी होती…हालात बहुत बुरे होते,जिसे लिखना संभव नही है…!!
समझिये कि जब मोदी देश को आत्मनिर्भर और सशक्त बना रहे थे तब कुर्सी के लिये लार टपकाने वाले कितनी और कितनी घिनौनी साजिशों को असली जामा पहना रहे थे…आप सब भी देख रहे हैं..!!
बहराल,इसके बाद विरोधी मोदी पर आरोप लगाते कि कश्मीर की आजादी और देश विरोधी नारे पहले कश्मीर घाटी तक ही सीमित थे लेकिन मोदी के दिल्ली की गद्दी पर एक नक्सली के बैठते ही बैठने के बाद राजधानी में भी ये नारे लगने लगे….मोदी दुनिया घुमने में लगे हुए हैं और दुश्मन दिल्ली में धुस आए हैं….देश हाथ से निकला जा रहा है…जैसे आरोप भी लगाये गये…लेकिन देश के सुधी जनमानस ने इन सभी फर्जी आरोपों को भी नकार कर आज भी मोदी के साथ खड़ा है..यही मोदी की ताकत है और यही विरोधियों को तड़पाने के असली कारक हैं,जिन्हे विरोधी बहका नही पा रहें है….!!
खैर अब विपक्ष की बदली हुई रणनीति है कि दलित और मुस्लिमों को एक पाले में रखकर ही भाजपा की राजनीति बढ़त को रोका जा सकता है….उसकी यह रणनीति बिहार में कुछ हद तक सफल भी रही….तो उसके बाद उसे लगने लगा है कि पंजाब और उत्तर प्रदेश इस कार्ड को खेलकर मोदी की बढ़त को रोका जा सकता है…!
मोदी विरोधी एजेंडा में विपक्ष इतना आगे निकल गया कि वह जहां अब तक सेना और देश को भी मोदी से जोड़कर उन्हें नीचा दिखाने से भी नहीं चूक रहा था….वहीं अब उसे कोरोना की सौ करोड़ वैक्सीनेशन की गर्वीली यात्रा को लेकर भी बेचैनी हो रही है…जिसे वैश्विक रूप से सराहा जा रहा है….लेकिन सोचिये कि कितने गंदे है ये विरोधी……लेकिन कितने संगठित है…जब भी भौंकते है…इन सबका सुर एक ही रहता है…!!
…….और एक हम है,
इन सात सालों में हमने क्या पाया..क्या देखा..यह भूल जाते हैं कि हमने……..नंगा हो चुका सेकुलर,लुटियन,लिबरल गिरोह…बडी बिंदी,अवॉर्ड वापसी,डर लगने वाला और Mee To,KissMe गिरोह के साथ टुकड़े टुकड़े वाली गैंग का नकाब उतरते देखा…आंदोलन की ओट मे देश मे पाले पोसे गये विषाणुओं को को पहचाना…नोटा की साजिश भी सामने लाई गई…टूलकिट कुनबे को भी नंगा होता देखा….मीडिया मे भरे हुये भांडो और नचनियो,दलालो को पहचाना……नोटबंदी से बिलबिलाते काला बाजारियों,जमाखोरों और सत्ता के दलालों को रूदाली बनते देखा…..सेना के बढ़े हुये मनोबल और आत्मविश्वास के साथ…सेना की कई स्ट्राइक भी देखी…३७० को खतम होते देखा……कश्मीर को फिर स्वर्ग बनाने वाली नि:स्वार्थ मुहिम को देखा…आतंकवादियों के साथ उनके आकाओं को पनाह मांगते देखा………….जीएसटी के कारण बढ़ती अर्थव्यवस्था को परखा…
पाकिस्तान की परमाणु धमकी को फुस्स होते देख कर गर्वित हुये…….चीन की चौधराहट की कलई खुलते देख कर अपने बढ़ते आत्मबल का भी अनुभव किया….पिनाक से लेकर ग्लोब मास्टर तक और चिनूक से लेकर राफेल तक को आते देखा…..सेना के जवानो के स्वाभिमानी चेहरे की चमक को देखा…….छटपटाते मदरसों और मिशनरियों के गिद्धों को देखा……अंतरिक्ष में भारत को स्थापित होते देखा…….कांग्रेस सहित हिंदू बनने का पाखंड करते विपक्ष का असली वो रूप देखा और समझा जो मोदी विरोध मे सेना ही नही देश विरोधी हो चुका है…और अब भव्य राम मंदिर बनते देखने के साथ सौ करोड़ लोगों को मुफ्त मे वैक्सीनेशन करके रेकार्ड बनाते अपनी मातृभूमि को भी देख रहे हैं…इतना ही नही हम भारत को विश्वगुरू और मोदी को वैश्विक रूप से महाबली देशों की स्वीकार्यता को भी देख रहे हैं…..केवल सात साल मे और क्या पाना और देखना चाहते हैं..????
लेकिन इतना सब कुछ पाने और देखने के बाद भी हममे से कुछ लोगो मे जरा भी धैर्य नही है…कुछ हुआ नही कि तुरन्त दोष मोदी,योगी,शाह पर सवाल…!!
….इतनी अधीरता???
काश बिना अपना कान देखे मायावी कौव्वे के पीछे लट्ठ लेकर दौड़ने वालों मे….इतना अधैर्य,इतनी कथित जागरूकता २०१४ से पहले इन बाहुबलियों के अंदर पैदा हो जाता तो शायद न मोदी को,न योगी को और न ही राष्ट्र को लेकर जागृत लोगों को इतना परिश्रम करना पड़ता…!!
…याद रखे कि सदियों बाद मोदी फिर योगी जैसे नायक हमे मिले हैं…इन्हे पाखंडियों,ढ़ोंगियों के साथ रजनैतिक दलो के नाम पर सनातन राष्ट्रवाद के छिपे हुये शत्रुओं के मायावी जाल मे फंस कर गंवा मत दीजियेगा……क्योंकि अबकी खो दिया तो फिर किसी की हिम्मत नही होगी मोदी योगी बनने की………….संगठित रहे और एकता का सूत्र जाति पाति से परे होकर एक दूसरे मे प्रवाहित ही न करे…वरन् लोकतंत्र मे अवसर मिलने पर सनातन राष्ट्रवाद विरोधी मायावी,पाखंडी और विष से भरे जीवों के फनो को बुरी तरह से कुचल दें…..विश्वगुरू बनते राष्ट्र के प्रति एक सच्चे राष्ट्रभक्त का यह एक बहुत बड़ा योगदान होगा…!!
#वंदेमातरम्
#Ajit_Singh
साभार:अजीत सिंह-(ये लेखक के अपने विचार हैं)