जवाहर लाल ने तार क्यों भेजा “मगर वहाँ तुम्हारे पास आम कहाँ हैं !
-राजकमल गोस्वामी की कलम से-
Positive India: Rajkamal Goswami:
आमों और चावलों की कितनी किस्में हैं इसका कोई जवाब नहीं है ! शुगर के मरीज़ों के लिये यह दोनों वर्जित हैं !
इंदिरा और फ़िरोज़ गर्मियों में कश्मीर घूमने गये ! कश्मीर की दिलकश वादियों की ख़ूबसूरती देख कर इंदिरा ने पिता को तार भेजा कि आप भी आ जाइये , इलाहाबाद की गर्मी से कुछ राहत मिलेगी,
जवाहर लाल ने लौटता तार भेजा “मगर वहाँ तुम्हारे पास आम(Mango) कहाँ हैं !
गर्मियों में घनी अमराई में चारपाइयाँ सजा कर बाल्टी में भिगोये हुए डाल के पके ख़ुशबूदार आम चूसने का सौभाग्य अनेक जन्मों में किये गये पुण्य कर्मों का फल है !
रुहेलखंड का बम्बइया आम अगर डाल का पका हो तो अपनी खुशबू मिठास और स्वाद में बेजोड़ होता है ! लखनऊ में डाल का दशहरी बहुत लोकप्रिय है मगर पाल का पका चौसा अवध के आमों मे सबसे अच्छा आम होता है ! जापान की एक टीम ने भारत के सभी आमों का सर्वेक्षण कर के लंगड़ा आम के आयात का ऑर्डर दिया ! बनारस का लंगड़ा पतले छिलके का गूदेदार और हलकी गुठली का फल होता है और पैसावसूल आम होता है !
अलफाँसो की तो कीमत ही स्वाद बिगाड़ देती है ! यूँ तो रत्नागिरि के अलफाँसो बहुत मशहूर होते हैं लेकिन मेरे एक फेसबुक पर मौजूद पुराने मित्र ने देवगढ़ के अलफाँसो की बड़ी तारीफ की और मुझे एक पेटी अलफाँसो भेजने का वादा भी किया ! मैं हर साल उस पेटी का इंतज़ार करता हूँ जो कभी आती नहीं दिखती !
आम फलों का राजा है और गन्ने की तरह आम भी दुनिया को भारत की भेंट है !
लखनऊ में आम का मौसम शुरू हुआ है ! पहली बरसात का इंतज़ार है जिसके बाद दशहरी का असली मौसम शुरू होगा और अगस्त सितंबर तक चौसा के साथ आम अगले एक साल के लिये विदा हो जायेगा !
साभार:राजकमल गोस्वामी-(ये लेखक के अपने विचार हैं)