Positive India:Suresh Mistry:
मुसलमान इस्लामिक आतंकवाद का मौन समर्थन रहता है और पकड़े अतंकवादी को भटका हुए बता कर उसके लिए सिम्पैथी जुगाड में बना रहता है…अपने तमाम वाम पंथियों और मीडिया चेनल को इस जुगाड में जुगाड़े रखता है…!
ठीक वह अल तकिया स्ट्रेटजी खालिस्तानियों के प्रति अधिकांश सीख समाज भी तो नहीं अपना चुका…?
कुछ गिनती भर के देश समर्पित सीखो को छोड़ क्या आज अधिकांश सिख समाजी खालिस्तान का #मौन समर्थक बन चुका है…?
अगर नहीं तो सनातन की रक्षा के अग्रिम पंक्ति में सदा खड़े यह शूरवीर सिख समाज के लोग आज देश का विभाजन मांगने वाले खालिस्तानी गद्दारों का विरोध क्यों नहीं कर रहे…?
क्या सब को कनाडा के वीसा के लालच ने रोक रखा है…या खालिस्तानी गद्दारों की बंदूक की गोली का डर इन पर हावी हो चुका है…?
या फीर हिंदू राष्ट्र के साकार हो रहे आकर से इन्हे भी उतना ही ऐतराज है जितना अब्दुल सलीम जेसे शांति धूर्टों को…?
खालिस्तानी, अगर सीख समाज को सनातन से अलग रह यह मान चुका है कि हिंदू राष्ट्र की मजबूती के साथ साथ इनके खालिस्तानी लोली पॉप का शेख चिल्ली ख्वाब ही रह जाना तय है तो वह गलत नहीं है …
मजबूत हिंदू राष्ट्र का कोई राष्ट्रवादी बच्चा इस देश का सुई की नोंक भर हिस्सा भी किसी गद्दार को छूने नहीं देगा…!!
साभार:✍️ सुरेश-एफबी(ये लेखक के अपने विचार हैं)