विपक्ष के महागठबंधन I.N.D.I.A से क्या वाकई सावधान रहने की जरूरत है ?
-अजीत सिंह की कलम से-
Positive India:Ajit Singh :
वैसे तो वो एक दूसरे को अभी भी फूटी आँख नही देखना चाहते हैं…..लेकिन जब दूसरे छोर पर अकेला शेर सीना ठोंक कर चुनौती दे रहा हो तो जान बचाने के लिये बेचारे एक दूसरे की ओट मे छिप कर न केवल शेर को चुनौती देने की कोशिश कर रहे हैं वरन् गुर्राने की एक्टिंग भी कर रहे है….बहरहाल मुझे तो उनकी चुनौती मे रक्षात्मक मोड ज्यादा दिख रहा है और गुर्राहट की जगह मिमियाहट ही सुनाई पड रही है..!
खैर जाने दीजिये…बहुत सोच विचार कर,सोरोस के फेके डालरों को डकारने के बाद 26 गिरोहों ने जनता को मूर्ख बनाने के लिये अपने गैंग का एक नाम रखा,और जिसका फुलफार्म बताया..
𝐈 – 𝐈𝐧𝐝𝐢𝐚𝐧
𝐍 – 𝐍𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧𝐚𝐥
𝐃 – 𝐃𝐞𝐯𝐞𝐥𝐨𝐩𝐦𝐞𝐧𝐭𝐚𝐥
𝐈 – 𝐈𝐧𝐜𝐥𝐮𝐬𝐢𝐯𝐞
𝐀 – 𝐀𝐥𝐥𝐢𝐚𝐧𝐜𝐞
अब इसमें चौथे स्थान पर आए #𝐈 को गौर से देखिए।
यहाँ इन्होंने 𝐈 का अर्थ #𝐈𝐧𝐜𝐥𝐮𝐬𝐢𝐯𝐞 अर्थात #समावेशी बताया है।
अब इनके समावेशी चरित्र की असलियत दर्शाते वाले अतीत को देख लीजिये!!
#लालू_यादव-‘भूराबाल साफ करो’ का नारा देश कुछ जातियों के नरसंहार की तरफ बिहार को झोंक दिया था।
पूरी राजनीति MY समीकरण के सहारे बिता दी..और सत्ता आने के बाद M को भी साइडलाइन कर दिया।
ये है आपका #इन्क्ल्युसिवनेस ?
#मल्लिकार्जुन_खड़गे–ये भरी संसद में खड़े होकर इन्होंने कहा कि हम भारत के मूलनिवासी हैं..और आप आर्य बाहर से आए हैं।
ये है आपका इन्क्ल्युसिवनेस ?
#महबूबा_मुफ्ती–अगर धारा 370 हटाया तो सड़को पर खून बहेगा। भारत से कश्मीर का रिश्ता टूट जाएगा।
ये है आपका इन्क्ल्युसिव ?
#अखिलेश_यादव–PDA के नाम पर जातिवादी राजनीति नेताओं द्वारा रामचरित मानस के खिलाफ बयान दिलवाए। इनके पिता द्वारा मायावती जी के खिलाफ ‘गेस्ट हाउस कांड’ करवाया..MY समीकरण के कारण राजनीति।
#उद्धव_ठाकरे–उत्तर भारतीयों के खिलाफ राजनीति,साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण का इतिहास।
ये है आपका इन्क्ल्युसिवनेस?
#स्टालिन–हिंदी विरोधी राजनीति,क्षेत्रवाद के नाम पर भड़काऊ बयानबाजी,कुछ जातियों के खिलाफ आंदोलन।
ये है आपका इन्क्ल्युसिवनेस?
बाकी कांग्रेस और ममता बनर्जी के ‘INCLUSIVENES’ के बारे मे बताने जरूरत नही समझता हूं क्योंकि अगर आप जागरूक हैं तो आपको मुझसे अधिक जानकारी होगी ही…बाकी इतने झझकोरने के बाद बाद भी अभी तक आप सो रहें हैं या उनीदे हैं तो बेहतर होगा की आप सोते रहें…!!
बहरहाल ऊपर लपलपाती जीभ लिये अपनी बंद दुकाने खुलने के इंतजार मे पिछले नौ साल से फाका करने पर मजबूरी मे डरबंधन करने वाले कुछ पॉलिटिकल दुकानदारो का उदाहरण मात्र हैं..जबकि लूट का निवाला छिनने पर पिछले नौ साल से बिलबिलाने वाले बहुत से और हर तबके मे हैं….जिन्हे अब हराम का माल ढ़कोसने को नही मिल रहा है…!!
खैर…!
चुनाव लड़ना है, लड़ो।
गठबंधन करना है, करो।
किन्तु, जब आपकी राजनीति समावेशी है ही नही तो क्यों झूठ बोल रहे हो?
फिलहाल मैंने मेरा कार्य कर दिया…अब आप अपना निर्णय सोच समझकर लीजियेगा..।
अब यहीं यह भी समझना जरूरी है कि “INDIA” नाम रख कर उसकी ओट मे छिपने वाले पॉलिटिकल ठगों,पिंडारियों,मक्कारो और लुटेरों ने यह नाम क्यों रखा है…..क्योंकि इस पर कमेंट होते ही पूरा का पूरा गिरोह,कोठे की प्रेश्याये,तबलची और लुटियन कस्टमर घाघरा उतार कर मुजरा करने लगेंगी कि देखो इन्हे INDIA से कितनी नफरत है…इन्हे ये नाम पसंद नही है…आई लव माई इंडिया के विरोधी हैं…और यह रूदाली रूदन सुन कर इधर के भी कुछ बौद्धिक अपच के शिकार सूतिये उनके मायावी जाल मे फंस कर फुफ्फाओं की तरह मुंह फुला कर बाकी लोगो को बहकाने मे जुट जायेंगे…दरअसल यह नाम रखने के पीछे उन शातिरों की यही मूल मंशा है…इसको समझिये और न केवल सजग रहिये बल्कि दूसरों को भी सावधान करके अपने राष्ट्रहितार्थ कर्तव्य का पालन करिये…आप भी इस युद्ध के सिपाही है…आपका भी दायित्व है कि आप संघर्ष की इस बेला मे मौन त्याग कर मुखर हों…!!
बाकी वास्तविकता तो यह है कि जिनके पुरखे ईस्ट इंडिया कम्पनी के माध्यम से हमे गुलाम बनाने के बाद हमारे देश को विभाजित किया….आज उन्ही अंग्रेजो की छटपटाती नसले अपने सहयोगी राजनैतिक पिंडारियों के बल पर एक बार फिर राष्ट्रवादी सरकार को हटाने के लिये अपने षडयन्त्र को INDIA का नाम देकर हमे विभाजित करने की साजिश को असल जामा पहनाना चाहती हैं…..सतर्क रहिये काले अंग्रेजो के दोगलेपन से!!!
बहरहाल उनके ‘INDIA’ का सच्चा फुलफार्म अभी मै ट्विटर पर पढ़ रहा था…जो एकदम सटीक और सामयिक है,जरा आप भी छब्बीस चोट्टों के गिरोह की असलियत और उनके गैंग के सही फुलफार्म को ध्यान मे रखते हुये पढ़िये…और पहचानिये मुखौटों मे छिपे मक्कारों को…….
I –ISLAMIST
N –NAXAL
D–DYNAST
I –ILLEGAL
A– ALLIANCE
हां…एक बात और!!!!
वो जात-पात से तोड़ेंगे,हम राम-राम से जोड़ेंगे।
#वंदेमातरम
साभर:अजीत सिंह(राष्ट्रसर्वोपरि टोली)-ये लेखक के अपने विचार है