Positive India: Rajkamal Goswami:
ईरान ने १९८३ में शीराज़ शहर के चौग़ान चौराहे पर १० बहाई धर्म की औरतों को इसलिये फाँसी पर लटका दिया कि उन्होंने अपना धर्मपरिवर्तन करने से इन्कार कर दिया । इनमें से एक लड़की की उम्र मात्र १७ वर्ष थी और दूसरी ५४ साल की थी ।
बताइये बहादुर कौन है ? क्रूरता और हृदयहीनता बहादुरी के लक्षण नहीं होते । ये औरतें उन ईरानियों से कहीं बहादुर थीं जिन ईरानियों ने अरब आक्रांताओं के आगे हथियार डाल कर अपना पारसी धर्म त्याग दिया और इस्लाम कुबूल कर लिया ।
हज़ारों वर्षों से हर तरह के अत्याचार और प्रलोभन को ठुकरा कर अपने धर्म पर डटे रहने वाले यहूदी इन अरबों और ईरानियों से कहीं बहादुर हैं जो इस्लाम का एक हमला भी न झेल पाये और ईमान ले आये ।
आज इस्राइल अपनी बहादुरी साबित भी कर रहा है । ये ईरानी उसे कभी हरा नहीं पायेंगे ।
साभार:राजकमल गोस्वामी-(ये लेखक के अपने विचार हैं)