गृहमंत्रालय में बैठे बाबूओ ने बलिदानी जवानों के परिजनों के साथ खेला क्यों किया ?
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Positive India:Satish Chandra Mishra:
श्रद्धांजलि से पहले कृपया उनके अधिकार और सम्मान के लिए आवाज उठाइये ताकि गृहमंत्रालय में बैठे बाबू और नौकरशाह यदि उनके परिजनों के साथ कोई “खेल” कर रहे हैं तो उसका पर्दाफाश हो।
केंद्रीय सुरक्षा बलों के बलिदानी जवानों के परिजनों के आर्थिक सहयोग के लिए बनी भारत के वीर वेबसाइट के अनुसार आज सवेरे 7:39 तक उस वेबसाइट पर कुल 464 बलिदानी जवानों का विवरण उपलब्ध था। (उल्लेख कर दूं कि कल छत्तीसगढ़ में बलिदान हुए जवानों की संख्या इसमें सम्मिलित नहीं हैं) इनमें से 310 जवानों के परिजनों को 15 लाख रूपये दिए जा चुके थे। क्योंकि समय समय पर मैं इस संदर्भ में जानकारी करता रहता हूं। अतः छत्तीसगढ़ में कल अपने जीवन का बलिदान देने वाले जवानों के परिजनों के आर्थिक सहयोग में अपना योगदान करने के लिए आज प्रातः जब भारत के वीर वेबसाइट पर गया तो उपरोक्त विवरण देख कर मुझे आश्चर्य हुआ। मुझे ध्यान आया कि 26 जून 2019 की Press Information Bureau – PIB, Government of India की विज्ञप्ति के अनुसार उस दिन तक Bharat Ke Veer Corpus Fund में देश के नागरिकों द्वारा 299.76 करोड़ जमा कराए जा चुके थे। अतः प्रश्न यह है कि प्रत्येक बलिदानी जवान के परिजनों को 15 लाख रूपये देने में केवल 69.6 करोड़ रूपये खर्च होते। जबकि जून 2019 तक ही 299.76 करोड़ रूपये जमा हो चुके थे। अतः केवल 310 जवानों के परिजनों को ही यह राशि क्यों दी गयी.? 154 जवानों के परिजन आज भी सहयोग सहायता की प्रतीक्षा क्यों कर रहे हैं.?
क्या गृहमंत्रालय में बैठे बाबूओं और नौकरशाहों ने बलिदानी जवानों के परिजनों के साथ “खेल” खेलना शुरू कर दिया है.?
इसी सवाल को लेकर प्रधानमंत्री गृहमंत्री को तथ्यों के साथ ट्वीट कर के मैंने उन तक यह बात पहुंचाने का प्रयास किया है।
आपसे यह करबद्ध विनम्र अनुरोध है कि यदि आप ट्विटर पर हैं तो मेरे उस ट्वीट को रिट्वीट करें तथा अपने मित्रों परिचितों से रिट्वीट कराएं ताकि बलिदानी जवानों के परिजनों को न्याय मिल सके तथा गृहमंत्रालय में बैठे बाबू और नौकरशाह यदि उनके साथ कोई खेल कर रहे हैं तो उसका पर्दाफाश हो। उन्हें दंड दिया जाए।
साभार:सतीश चंद्र मिश्रा-एफबी(ये लेखक के अपने विचार)