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ट्विटर का जैक डोर्सी तथ्यात्मक रूप से भ्रामक और पूर्णतः असत्य क्यो बोल रहा है?

-अजीत भारती की कलम से-

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Positive India:Ajeet Bhati:
जैक डोर्सी ने ट्विटर से कंटेंट हटाने को ले कर भारत सरकार के अनुरोध एवम् धमकाने को ले कर जो भी बोला है उसका सत्य कुछ और ही है।

ट्विटर की अपनी ही पारदर्शिता रिपोर्ट के अनुसार, 2021-22 के दौरान, ट्विटर को 198,931 अकाउंट्स के पोस्ट/वीडियो आदि को हटाने के लिए 47,572 कानूनी नोटिस आए। 44 राष्ट्रों ने ऐसी वैध माँगें की थीं।

इनमें से 97% अनुरोध सिर्फ पाँच देशों से आए, जिसमें जापान – 20%, रूस – 18%, दक्षिण कोरिया – 12%, तुर्की – 9% और भारत का हिस्सा 8% रहा।

ऐसा भी नहीं कि हर ऐसी माँग जो सरकारें कानून का सहारा ले कर माँगती हैं, ये सब किसी पत्रकार या व्यक्ति की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को दबाने के लिए नहीं होती। कई बार वित्तीय अपराध, ड्रग्स, वेश्यावृत्ति, आत्महत्या आदि से संबंधित माँगें भी सरकार या सरकारी संस्थाओं द्वारा की जाती हैं।

जहाँ तक जैक ने भारत के लोकतंत्र को ले कर जो प्रश्न उठाए और पत्रकारों के अकाउंट्स को ले कर बात की, उसके भी आँकड़े बहुत ही छोटे हैं। आँकड़े कहते हैं कि पूरे विश्व भर में स्थित वैरिफाइड पत्रकारों के 349 अकाउंट्स और समाचार पोर्टल 326 कानूनी माँगों के दायरे में आए।

ऐसी माँग करने वाले राष्ट्रों में भारत (114), तुर्की (78), रूस (55) और पाकिस्तान (48) अग्रगण्य हैं।

इन 326 माँगों में से ट्विटर ने वैरिफाइड पत्रकारों और समाचार आउटलेट्स के मात्र 17 ट्वीट्स को रोका। यदि आप प्रतिशत निकालेंगे तो यह 4.8% पर आता है। आप भारत की जनसंख्या या भारत में कुल पत्रकारों की संख्या का भी एक अंदाजा लगा कर देखेंगे तो 17 ट्वीट हटाना कोई बहुत बड़ी तो छोड़िए, गिनने योग्य संख्या भी नहीं।

जैक ने ट्विटर फाइल्स में उजागर बातों पर कुछ नहीं बोला कि भारत में ऑल्ट न्यूज के साथ मिल कर, नॉन-लेफ्ट के कितने हज़ार अकाउंट्स परमानेंटली सस्पैंड किए गए जो बाद में इलॉन मस्क द्वारा वापस लाए गए।

जैक डोर्सी एक घटिया व्यक्ति है जो दो वर्षों के उपरांत कुछ ऐसा बोल रहा है जो तथ्यात्मक रूप से भ्रामक ही नहीं, पूर्णतः असत्य भी है।

– ‘ओपन लेटर’ ट्विटर हैंडल से आँकड़े इस पोस्ट में लिए गए हैं।
साभार:अजीत भारती-(ये लेखक के अपने विचार है)

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