एलन मस्क ने एक झटके में टि्वटर इंडिया के ढाई सौ कर्मचारियों को क्यो हटा दिया ?
-विशाल झा की कलम से-
Positive India:Vishal Jha:
टि्वटर इंडिया को कायदे में रखने के लिए तमाम कानूनी प्रयास किए गए। मामले में सरकार के मंत्री से लेकर न्यायपालिका तक इंवॉल्व हुई। लेकिन आखिर में परिणाम वही रहा। इंटेलेक्चुअल नक्सलियों का कब्जा ट्विटर पर बरकरार रहा। और वामी नैरेटिव नेक्सस उसी प्रकार काम करता रहा।
एलन मस्क ने एक झटके में टि्वटर इंडिया के ढाई सौ कर्मचारियों को हटा दिया। कहीं पर पूरी की पूरी टीम को, तो कहीं पर आंशिक रूप से। अर्थात जिस काम के लिए सरकार समेत तमाम इस्टैब्लिशमेंट सक्षम नहीं हो सके, अकेले ऐलन मस्क ने एक झटके में सब को खारिज कर दिया। एलन मस्क फ्री स्पीच के हिमायती हैं। ऐसा बयान उन्होंने अमेरिका में फ्री स्पीच को लेकर भी दिया है।
ट्विटर का पूरा घटनाक्रम बताता है कि नैरेटिव से भी ऊपर अगर कोई चीज है तो वह भी पूंजी ही है। एलन मस्क ने जब 44 बिलियन डॉलर की पूंजी लगाई, तो कहीं ना कहीं नक्सल नैरेटिव सिंडिकेट पर पहला प्रहार होता नजर आ रहा है। यह अच्छी बात है। उम्मीद जगता है कि असल मायनों में फ्री स्पीच विश्व भर में स्थापित होगा।
सबसे बड़ी बात कि एक बिजनेस टायकून ऐलन मस्क आज फ्री स्पीच पर बात कर रहा है। बाकी बड़े उद्योगपतियों को भी प्रेरित होना चाहिए। जबकि फ्री स्पीच पर बात करने वाले, देखा गया है कि या तो कोई वैश्विक संगठन होते हैं अथवा वामपंथी इंडिविजुअल। जबकि इस क्षेत्र में पूंजीवादियों को भी आना चाहिए। तभी संतुलन बनेगा।
साभार:विशाल झा-(ये लेखक के अपने विचार है)