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2024 के बड़े कैनवास पर पलटूराम का दोगला रंग क्यो जरूरी है?

-अजीत सिंह की कलम से-

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Positive India:Ajit Singh:
मर्यादा पुरूषोत्तम प्रभू श्रीराम का भव्य मंदिर जैसे जैसे अपने वास्तविक स्वरूप मे आता जा रहा है…..जैसै जैसे 2024 का सभ्यता का संघर्ष अंतिम चरणो मे पहुंचता जा रहा है ……वैसे वैसे असभ्य,संकर और दोगली नस्ले अपनी केंचुल उतार कर अपने वास्तविक स्वरूप मे आती जा रही हैं…..तभी तो चारा चोर के एक लटकन जगदानंद भूंक बैठे कि राम मंदिर नफरत की जमीन पर बन रहा है…वो अपने बयान पर कायम भी है….दरअसल असलियत यह है कि चारा चोर के MY सिद्धांत से मिली सत्ता से कई चूहे पैदा हुये …जिनकी आदत हो गई है गोदाम मे निरंकुश होकर हराम के खाने की….वही चूहे अब सुशासन बाबू के जमाने मे लॉलीपॉप चूसते चूसते आने वाले चुनाव मे पूरी बोरी ढ़कोसने के चक्कर मे है….बस इसीलिये अपने सनातनी रक्त को शर्मशार करके जगदानंद बाबू अपनी सत्ता लोलुप जीभ तो लपलपा कर प्रभू के मंदिर के लेकर बयान देकर MY फैक्टर मे जान डाल रहे हैं….बाकी वो भी जानते है कि अंतिम यात्रा मे राम नाम सत ही बोला जाता है….अभी ये मामला गरम ही था कि RJD के ही चंद्रशेखर द्वारा रामचरित मानस पर घिनौनी टिप्पणी कर दिया गया….अगर आप यह सोच रहे हैं कि यह सब अनजाने मे हो रहा है,तो आप भोले भाले नही अभी भी प्योर बकलोल है….!

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दरअसल बिहार मे RJD के आने के बाद जो जंगलराज लौटा है….बिहार मे रोज जो हत्यायें,रेप और गरीब,पिछड़े,दलित पर अत्याचार की बाढ़ आ गई है…पिछले दिनो शराब बंदी वाले राज्य मे जहरीली शराब पीकर सैकडो गरीबो की मौत हो गई है…जहां सच्चाई की आवाज उठाने पर छात्रों,गरीबो और पिछड़ों पर लाठियां बरस रही हैं….उनको छिपाने के लिये ऐसी टिप्पणियां जानबूझ कर की जा रही है…जिनका उद्देश्य केवल बिहार मे पैर फैलाते जंगलराज से जनता का ध्यान न केवल भटकाना है वरन् RJD के संरक्षण मे बिहार मे किये जा रहे अपराधों से जनता को भटकाना है…जनता को यह फैक्ट जब तक समझ मे तब तक तो उसे राममंदिर और रामचरित मानस पर टिप्पणी करके बहका कर मूल मुद्दे से ध्यान हटा दो…….बहुत कुटिल चाल चली जा रही है बिहार मे….समझना होगा बिहारियों के साथ देश के जनमानस को….!

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नई पीढ़ी को तो नही मालूम…लेकिन हमारे उमर के लोगो को याद रखना चाहिये 90′ के दशक के उस बिहार के इतिहास को,जो केवल चारा चोर की राजनीति के कारण खून से रंगा था…कम से कम उन्हे तो नई पीढ़ी को चाराचोर की वीभत्स और घृणित राजनीति की सच्चाई बतानी चाहिये….. !

सब कुछ ठीक चल रहा था….बस जब से दोगले बाबू ने पाला बदल कर चारा चोट्टे के गिरोह से निकाह कर लिया….बस चारा चोर के लगभग अनपढ़ कपूत की सरपरस्ती मे वर्षों से छिपे जिहादी और नक्सली फिर से सामने आ गये और बिहार को फिर उसी जातिवादी अंधेरे मे ले जाने के लिये उतर आये है….और शातिर सुशासन बाबू अंदर ही अंदर छटपटा रहे हैं कि इस बार दांव उल्टा पड़ गया है…गये थे….ओढ़न लगे कपास….!

बहरहाल दोनो गुज्जुओं की निगाह सुशासन की दुर्दशा पर कायदे से लगी है…..वो भी प्रतीक्षा कर रहे है कि कब सुशासन बाबू पलटी मारते हुये,थूक कर चाटते हुये घर वापसी करने की बात करना शुरू करतें है….जो जल्दी ही होने वाली है….मेरे विचार से होनी चाहिये क्योंकि कूटनीति कहती है कि सत्ता हाथ मे होने पर ही कुछ किया जा सकता है,इसलिये 2024 के बडे कैनवास पर पलटूराम का दोगला रंग जरूरी है….लेकिन बस चुनाव परिणाम के बाद खुद को बुद्धिमान,कूटनीतिज्ञ समझने की गलतफहमी पालने वाले सुशासन बाबू की यह अंतिम पलटी होगी क्योंकि इसके बाद उनकी शल्यक्रिया इस तरह करके औकात बताई जाने वाली है कि फिर कभी ये पलटूराम दोगलई न कर सके….जैसे महबूबा का किया गया कि बस छटपटा कर सीना पीटिंग…पीटिंग और पीटिंग!!

#वंदेमातरम्
#Ajit_Singh
साभार:अजीत सिंह-(ये लेखक के अपने विचार है)

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