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इस वक्त नीरव मोदी का प्रत्यर्पण मोदी का चुनावी स्टंट क्यो माना जाएगा ?

-विशाल झा की कलम से-

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Positive India:Vishal Jha:
चुनाव का माहौल है भारत में। इस वक्त नीरव मोदी को यदि भारत लाया जाता है तो यह मोदी का चुनावी स्टंट माना जाएगा। मुझे याद नहीं आ रहा मोदी के कार्यकाल में ऐसा ही एक और प्रत्यर्पण कोई हुआ था, जो चुनाव के ठीक पहले था। मोदी ने वह चुनाव अच्छी तरह से जीता था। मोदी किसी भी तरह बस चुनाव जीतना चाहता है। चुनाव जीतने के लिए वह कुछ भी कर सकता है।

नीरव मोदी, मेहुल चौकसी और विजय माल्या तीनों ही के ऊपर तकरीबन 22 हजार करोड़ रुपये ऋण का मामला है। राज्यसभा में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बयान दिया था कि मार्च 2022 तक पीएमएलए प्रावधान के तहत इन तीनों की 19000 करोड़ से अधिक रुपए की संपत्ति अटैच कर ली गई है। जिसमें से 15000 करोड़ रुपए से अधिक बैंकों को बहाल कर दिया गया है।

इतनी रिकवरी सफलता के बावजूद मोदी सरकार यदि नीरव मोदी को भारत लाती है, तो चुनाव इससे प्रभावित होगा। जिला अदालत से प्रत्यर्पण को मंजूरी के बाद हाईकोर्ट ने प्रत्यर्पण के खिलाफ याचिका को खारिज कर दिया है। मामला नीरव मोदी सुप्रीम कोर्ट ले जाए, खास तकनीकियों के कारण यह प्रश्न ही नहीं उठता। अंतिम रास्ता है ह्युमन राइट्स मामले का बनता है और यहां भी विकल्प संभव नहीं है। अतः नीरव मोदी का भारत प्रत्यर्पण बिल्कुल साफ है। मोदी सरकार इसके चुनावी इस्तेमाल के लिए कमर कस चुकी है।

साभार:विशाल झा-(ये लेखक के अपने विचार है)

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