Positive India:Vishal Jha:
बीबीसी ने एक क्वेश्चन डिटेल पोस्ट किया है- चन्द्रयान 3 मिशन का कितना खर्चा आया? वामपंथी पूर्व आईपीएस ध्रुव गुप्त के बाद यह दूसरा मनहूस पोस्ट मेरे फीड पर दिख गया है। ये ऐसे देश विरोधी नैरेटर हैं जिन्हें ना धर्म पसंद है और ना ही विज्ञान। निश्चित तौर पर दोनों एक दूसरे का समन्वयक है। जिन्हें ये देश विरोधी एलिमेंट हर हालत में बर्दाश्त नहीं कर पाते।
बीबीसी को मालूम होना चाहिए जितने पैसे चन्द्रयान-3 में नहीं लगे हैं, उससे अधिक की तो यहाँ फिल्में बायीं हाथ से बनाकर निपटा दी जाती हैं। चन्द्रयान 3 में महज 615 करोड़ खर्च हुए और फिल्म आदिपुरुष में 700 करोड़। एक फिल्म बाहुबली आ जाए तो टिकट के लिए सड़कों पर लंबी कतार लग जाती है और सैकड़ों करोड़ रूपया जनता लुटा देती है। यही पंक्ति गलती से एटीएम के बाहर लग जाए अथवा वैक्सीन के लिए, तो देश में हाहाकार मच जाता है।
जब जब देश में अनुसंधान और विज्ञान पर कार्य होते हैं, तब ही तब ध्रुव गुप्त जैसे खोखले बुद्धिजीवियों को रोटी याद आने लगती है। इन्हें शुद्ध पानी शुद्ध हवा याद आने लगती है। लेकिन जब धर्म की उन्नति होगी तब इन्हें विज्ञान नजर आने लगता है। दरअसल इन्हें न ही धर्म की उन्नति पसंद है और ना ही विज्ञान अनुसंधान। संक्षेप में कहा जाए तो इन्हें भारत की किसी भी प्रकार उन्नति देख पेट में दर्द होने लगता है।
साभार:विशाल झा-(ये लेखक के अपने विचार है)