BARC द्वारा बिगबॉस केबीसी कपिल शर्मा शों की वास्तविक औकात छुपाने का कुचक्र
BARC ने कैसे कम्पनियों के विज्ञापन से अरबों रुपए लूटने का बेहूदा नियम बनाया?
Positive India:Suresh Mistry:
BARC के टीवी चैनल्स की दर्शक संख्या के टीआरपी आंकड़े प्रत्येक सप्ताह नहीं जारी करने के नियम घोषणा के पीछे क्या मंशा थी…?
दर्शकों और विज्ञापन दाता कम्पनियों को टीवी चैनल पर प्रसारित बिगबॉस(Bigg Boss), केबीसी(KBC),कपिल शर्मा शों(Kapil Sharma Show) जेसे थोपे गए प्रोग्राम्स की वास्तविक औकात प्रति सप्ताह टीआरपी के आईने में क्या रहेगी यह छुपाना..
जिस से दर्शकों की भावना और पसंद विपरीत के फूहड़ और वैचारिकी विरोधी प्रोग्राम प्रसारित हो और अरबों का विज्ञापन प्रदाता उद्योग जगत यह भी नहीं जान पाए की वह अपने पैसे किस बकवास कार्यक्रम को स्पॉन्सर शिप में लगा रहा है जिसे शायद कोई कुत्ता भी नहीं सूंघ रहा…?
ख़ैर.. प्राप्त जानकारी अनुसार सोशल मीडिया पर उठे प्रखर विरोध के बाद आदरणीय जावड़ेकर जी के मंत्रालय के अधीन ने अब निर्णय बदल लिया है लुला बचाव करते हुए की हमारा नियम सिर्फ न्यूज चैनलों के लिए था मनोरंजन और इत्तर चैनल्स की दर्शक संख्या टीआरपी बदस्तूर जारी होती रहेगी…😂😂
नतीजा यह हुआ है कि गुरुवार संध्या प्राप्त टीआरपी आंकड़ों ने सलमान और उसके मुंशी कपिल शर्मा की औकात उनके घटिया फूहड़ प्रोग्राम बिग बॉस और कॉमेडी शो की रेटिंग ने फिसड्डी साबित कर दी हे… मेरे अनुमान से जिनकी लूटी इज्जत बचाने और कम्पनियों की विज्ञापन से अरबों रुपए लूटने की कवायद रचने यह बेहूदा नियम बार्क(BARC) ने दिया था…
यह सोशल मीडिया और जागृत उद्योग जगत की सहयोगी जीत हे… अब दर्शक वास्तव में कमांडिंग पोजिशन में आ गया है इस देश में और घोषणा कर चुका है कि अब वह वहीं देखेगा, सुनेगा जो वह चाहता है नहीं को वह जो उस पर हवाई सुपर स्तरो के आवरण में थोपा जाएगा …
और कम्पनियां तो वही जाएगी जहां दर्शक जाएगा…
उपभोक्ता समाज में दर्शक और ग्राहक ही वास्तविक राजा है
हर भाई हर महानायक और विदूषक यहां सिर्फ टटू भर है अगर वह इस दर्शक ग्राहक दीर्घ से इतर अपनी ही मूढ़ता बेचना चाहते है…
सभी को बधाई.. एक शाबाशी दे खुद को भी अगर आप ने इन घटिया शो का बहिष्कार किया हे
लेखक:✍️सुरेश-एफबी(ये लेखक के अपने विचार हैं)