हमेशा अटैक मुद्रा में रहने वाला समुदाय आज डिफेंस के लिए क्यो मजबूर है ?
-विशाल झा की कलम से-
Positive India:Vishal Jha:
शोएब जमाई इतना गिड़गिड़ा रहा है, केवल एफआईआर से! हाँ ठीक है कि एफआईआर एक दो नहीं कई सारे, देश भर में दर्ज हुए। ऐसा कोई पहला सीन है कि हमेशा अटैक मुद्रा में रहने वाला समुदाय आज डिफेंस के लिए मजबूर है।
इतना तो कन्हैया लाल की बलि दे दी गई, उसे भी आत्मरक्षा का मौका नहीं दिया गया। लेकिन शोएब जमाई के खिलाफ किसी ने सर तन से जुदा का नारा भी नहीं लगाया!
इन लोगों की सच्चाई यही है। सामना करने की क्षमता इनलोगों में नहीं होती। बस समूह से ही ये लोग ताकत का निर्माण करते हैं। यही कायरों की पहली पहचान है, अन्तिम भी। यह स्पष्ट दिखता है कि तलवार के डर से कैसे इनके पूर्वज अपनी निष्ठा बदल लिए होंगे। इसलिए इन लोगों का उपचार बहुत कठिन नहीं है। जिस प्रकार से ये डिफेंस मोड में आ रहे हैं, आने वाला भारत यदि इसी मजबूती के साथ बढ़ता रहा, तो इन लोगों को एक बार फिर अपनी अपनी निष्ठा बदलने में देर नहीं लगेगी।
सुबुही खान को विशेष धन्यवाद।
साभार:विशाल झा-(ये लेखक के अपने विचार है)