जंतर मंतर में पहलवानों के आंदोलन में विक्टिम आखिर है कौन?
- विशाल झा की कलम से-
Positive India:Vishal Jha:
आरोप संवेदनशील है। अनदेखा तो नहीं किया जा सकता है। बस आप इतना ना पूछा कि विक्टिम कौन है? जंतर मंतर से धरना प्रदर्शन के साथ-साथ विक्टिम का भी इंतजाम किया जा रहा है। बृजभूषण सिंह कह रहे हैं कि प्रदर्शन करने वालों में एक खिलाड़ी ने फोन पर विक्टिम के इंतजाम किए जाने को लेकर बातचीत की है और इसकी ऑडियो टेप बृजभूषण सिंह ने जांच कमेटी को उपलब्ध कराया है। विक्टिम कौन है को लेकर सवाल पूछा जा रहा है। फोगाट परिवार पूरी व्यवस्था में लगा हुआ है। पिछली बार जो जांच कमेटी बैठी थी उस कमेटी को फोगाट परिवार विक्टिम उपलब्ध नहीं करा पाए। ऐसा नहीं है कि इन लोगों ने प्रयास नहीं किया। देश भर के कुश्ती अभ्यार्थियों के अभिभावकों से बातचीत करके विक्टिम को खोजा गया। नहीं मिला। लेकिन मिल जाएगा। तब तक पॉक्सो की व्यवस्था कर ली गई है।
2019 में बजरंग पूनिया ने बृजभूषण सिंह के तीसरी बार कुश्ती संघ में प्रेसिडेंट के चुनावी जीत पर माला पहनाकर बधाई दी थी। सोशल मीडिया पर हरियाणा के खिलाड़ी तो दूर स्वयं फोगाट परिवार बृजभूषण सिंह से कितनी मैत्री रखे हुए हैं, इसका पूरा फुटेज लोगों के सामने है। मामला 10 साल से लगातार शोषण का है, लेकिन पिछले दो-तीन सालों तक सब कुछ बढ़िया था। ठीक वैसे ही जैसे मोदी का नया किसान कानून पार्लियामेंट के तीनों भागों से पारित होने के बाद 6 महीने तक बढ़िया रहा। उसके बाद अचानक से वह कानून किसान विरोधी हो गया। दरअसल जो किसान कानून दशकों से राजनीतिक स्ट्रगलर्स के लिए लॉन्च पैड बना हुआ था, हां सरकार भी दोषी थी, लेकिन मोदी के नए किसान कानून ने कम से कम उस लांच पैड को तो खत्म ही कर दिया। फिर बड़ी मुश्किल से एक बार पुनः किसान आंदोलन की व्यवस्था की गई। जिसमें खेती किसानी के मुद्दे छोड़कर तमाम बातें हुई।
किसान आंदोलन का यह दूसरा रूप है। देशभर से सहयोग मिला था। इस आंदोलन को भी देशभर से सहयोग मिलेगा। किसान आंदोलन को जिस प्रकार से देशभर के किसान भले समर्थन करने ना गए हों, लेकिन तमाम हाई प्रोफाइल राजनीतिक स्ट्रगलर्स किसान आंदोलन को सपोर्ट किये। ठीक उसी प्रकार फोगाट परिवार को देशभर के पहलवान समर्थन नहीं कर रहे हों, लेकिन तमाम राजनीतिक स्ट्रगलर्स समर्थन के लिए पहुंच रहे हैं। सबसे बड़ा स्ट्रगलर देश का राज्यपाल सत्यपाल मलिक, आंदोलन को सपोर्ट करने सबसे पहले पहुंचे। उसके बाद बिहार से क्रिमिनल बैकग्राउंड रखने वाला गैंगस्टर पप्पू यादव। फिर तो प्रियंका गांधी ने भी अपने बाल बच्चों का होमवर्क बनवाना छोड़कर, सपोर्ट के लिए जंतर-मंतर पहुंचना पड़ा। केजरीवाल के लिए इससे बड़ी ऑक्सीजन क्या होगी, के अभी देश में ऑपरेशन शीशमहल चल रहा है।
आंदोलन चलते रहना किसी भी देश के लोकतंत्र के लिए जिंदा होने का प्रमाण है। भारत में मोदी, गोदी और भक्त तीनों के ट्रायंगल ने आंदोलन के कारणों की हर व्यवस्था चौपट कर रखी है। मामला केवल कांग्रेसी पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के बेटे को कुश्ती संघ का अध्यक्ष बनाने को लेकर नहीं है। लोग कह रहे हैं कि बृजभूषण सिंह इतना बढ़िया काम कर रहे हैं, कुश्ती संघ के अध्यक्ष पद से अगली चुनावी जीत को टालना संभव नहीं लग रहा, तो इसी खिलाफ पूरी तैयारी की जा रही है। लेकिन यह पूर्णतया सच नहीं है। किसान आंदोलन के कारण जितने लॉबी लिंक और फंडिंग चैनल भारत सरकार की खुफिया जांच एजेंसी को हाथ लगी थी, उन सभी माध्यमों को सरकार की कड़ी कार्रवाई तबाह कर चुकी है। इस नए आंदोलन से एक बार फिर उन सभी लॉबी लिंक और फंडिंग चैनलों को जिंदा करने की कवायद चल रही है। संकट एक बार फिर देश पर मंडरा सकता है। ऐसे में देश के साथ सच्ची निष्ठा रखने वालों को मेरी ओर से हार्दिक शुभकामना।
साभार:विशाल झा-(ये लेखक के अपने विचार है)