हिन्दू औऱ सिक्खों में खूनी जंग करा कर मुसलमानों को खुश करने की किसकी साजिश?
क्या 26 जनवरी लाल किले के दंगे के पीछे रोमन कैथोलिक तथा कांग्रेस का हाथ है?
Positive India:Satish Chandra Mishra:
आज यह सवाल पूछना हर हिन्दू हर सिक्ख के लिए बहुत जरूरी हो गया है कि… क्या इस 26 जनवरी को एकबार फिर से हिन्दू औऱ सिक्खों में खूनी जंग करा कर मुसलमानों को खुश करने की साजिश रची गयी थी.?
इस साजिश को जानने समझने के लिए कृपया बहुत ध्यान से अंत तक पूरा पढ़िये।
1984 में जब सज्जन कुमार, जगदीश टाइटलर, अर्जुन दास, एचकेएल भगत सरीखे अनेक कांग्रेसी गुंडों ने दिल्ली समेत देश भर में लगभग 10,000 निर्दोष सिक्खों को “कत्ल” कर दिया था। उसके ठीक 2 वर्ष बाद किसी संघी या भाजपाई ने नहीं बल्कि कांग्रेस के दिग्गज मुसलमान नेता सलमान खुर्शीद ने 1986 में एक किताब लिखी थी। उस किताब का नाम “At Home In India; A Statement of Indian Muslims” था। उस किताब के पेज नम्बर 114 पर सलमान खुर्शीद ने 1984 के सिक्ख दंगो के विषय में लिखा था कि –“हिन्दू और सिख आपस में लड़ रहे थे , एक दूसरे के खून के प्यासे हो रहे थे , हत्या हो रही थी …. इस बात से भारतीय मुसलमान बहुत खुश थे…उन्हें लगता है की हिन्दू और सिख अपने 1947 के किये गए कर्मों का फल भोग रहे है …उन्हें उसी की सजा मिल रही है ..जो उन्होंने मुस्लिम के साथ किया था…”
यह किताब लिखने वाले सलमान खुर्शीद को कांग्रेस ने देश का कानून मंत्री, वाणिज्य मंत्री, विदेश राज्य मंत्री सरीखे अति महत्वपूर्ण पदों पर बैठाकर पुरस्कार दिया था।
अतः दिग्गज कांग्रेसी नेता सलमान खुर्शीद की उपरोक्त स्वीकारोक्ति के पश्चात यह प्रश्न स्वाभाविक और आवश्यक है कि क्या इस 26 जनवरी को एकबार फिर हिन्दू औऱ सिक्खों में खूनी जंग करा कर मुसलमानों को खुश करने की साजिश रची गयी थी.?
उल्लेखनीय है कि कल यह खतरनाक सच वीडियो क्लिप और फोटो वाले ठोस तथ्यों के साथ उजागर हो चुका है कि 26 जनवरी को लालकिले पर भारतीय तिरंगे को क्षतिग्रस्त अपमानित करने वाले देशद्रोही गुंडों की भीड़ में सिक्खों के पवित्र धार्मिक चिन्ह “निशान साहिब” वाली केसरिया पगड़ी पहन कर कैथोलिक ईसाई गुंडा विक्की थॉमस भी “बोले सो निहाल सतश्री अकाल” का नारा लगा रहा था। देशद्रोही गुंडों के एक बड़े जत्थे का वो नेतृत्व कर रहा था।
पेशे से कैथोलिक पादरी गुंडा विक्की थॉमस पंजाब में सिक्खों का धर्म परिवर्तन करा के उनको ईसाई बनाने का रैकेट चलाने के लिए कुख्यात है। सिक्खिज़्म को इसाईयत में बदलने के लिए बहुत लंबे समय से वो दिन रात काम कर रहा है। कैथोलिक पादरी गुंडा विक्की थॉमस कांग्रेस की इटली वाली रोमन कैथोलिक ईसाईन सोनिया गांधी और उसके परिवार का बहुत करीबी हैं।(फोटो में देखें)।
अब सवाल यह है कि कैथोलिक पादरी गुंडा विक्की थॉमस 26 जनवरी को लालकिले में दंगा क्यों कर रहा था.? वो ना तो किसान है, ना सिक्ख है। फिर भी सिक्खों के पवित्र धार्मिक चिन्ह “निशान साहिब” वाली केसरिया पगड़ी पहन कर वो “बोले सो निहाल सतश्री अकाल” का नारा लगाते हुए लालकिले पर देशद्रोही दंगा क्यों कर रहा था.?
क्योंकि वो धर्म परिवर्तन का रैकेट चलाने वाला कुख्यात ईसाई माफिया है इसलिये साफ़ है कि पंजाब से वो अकेला नहीं आया होगा। अपने साथ अपने जैसे बहुरूपिया ईसाई गुंडों की भारी भीड़ भी जरूर लाया होगा। ये सब वो क्यों कर रहा था.? किस के इशारे पर कर रहा था.? वो ना तो किसान है, ना सिक्ख है और ना ही कोई राजनेता है। फिर वो सोनिया गांधी और उसके परिवार का करीबी कैसे और क्यों हैं.?
सुरजेवाला देश के प्रधानमंत्री गृहमंत्री के साथ जिस दीप सिंह सिद्धू की चुनावी फोटो दिखा दिखाकर बल्लियों उछल रहा था वो दीप सिंह सिद्धू पंजाबी फिल्मों का कलाकार है। सरदार है। सनी देयोल का चुनावी एजेंट था तथा लालकिले पर अपने असली रूप में ही मौजूद था। जबकि बहुरूपिया ईसाई गुंडा विक्की थॉमस अपनी असली पहचान छुपा के सरदार का भेष बना कर लालकिले पर पहुंचा था. अतः स्पष्ट है कि वो एक खतरनाक साजिश के तहत सिक्ख भेष में देशद्रोही दंगा भड़का कर सिक्खों के विरुद्ध पूरे देश में क्रोध की आग भड़काने के लिए ही लालकिले गया था। हिंदूओं और सिक्खों को एक दूसरे के खून का प्यासा बनाने के लिए ही लालकिले गया था। मेरे विचार से अब आप आसानी से अनुमान लगा सकते हैं कि यह साजिश किस ने रची होगी.?
साभार:सतीश चंद्र मिश्रा-एफबी(ये लेखक के अपने विचार हैं)