Positive India:Vishal Jha:
कहां गया ईवीएम आंदोलन? कहां गया टूटता लोकतंत्र? झूठ से ना ही कोई आंदोलन चलता है और ना ही झूठ से कोई लोकतंत्र बनता है। झूठे उन्माद फैलाकर अब सत्ता नहीं पा सकते हो।
राजनीति ने जो कसौटी आज बांध दिया है, अब उस पर कोई कर्मठ ही खड़ा हो सकता है। अब सत्य को पहचानने में कल के अखबार का इंतजार नहीं करना पड़ता। क्या बोलते हो, क्या चाहते हो, कैसी राजनीति करते हो सारा संदेश पल भर में देशभर को पहुंच जाता है। सारे नैरेटिव टूटकर ध्वस्त हो जाते हैं। सारा एजेंडा बेआबरू हो जाता है।
बेहतर होगा राजनीति करना सीख लो। सेवा करना सीख लो। क्योंकि एक संत सेवक ने जो शासन की लकीर खींची है, उसे बस जनसरोकार से ही लांघा जा सकता है।
साभार:विशाल झा-(ये लेखक के अपने विचार हैं)