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अगर मोदी 2024 मे फिर आ गया तो ???

-अजीत सिंह की कलम से-

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Positive India:Ajit Singh:
देशी ही नही…मोदी विरोधी विदेशी शत्रुओं के दिल,दिमाग,जिगर और गुर्दे मे रह रह कर एक सवाल बार बार सूजन पैदा कर रहा है कि अगर मोदी 2024 मे फिर आ गया तो???

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इस यक्ष प्रश्न से जितना देश और धर्म विरोधी विदेशी ताकतें,विदेशी मुल्क चिंतित हैं…..उससे कहीं ज्यादा देश की सत्ता को बपौती और कुर्सी को अधिकार मानने वाले देश के राजनैतिक कुनबों मे चिंता का विषय है…..एक आदमी ने हमारे देश ही नही दुनिया की राजनीति और कूटनीति की पारम्परिक परिभाषा को ही बदल कर रख दिया है….आज अपने देश मे तो मोदी मुफ्तखोर राजनैतिक बिलौटों के निशाने पर है ही….साथ साथ दुनिया के कई महाशक्तियों तक को अपनी अबूझ नीतियों से उन्हे बता दिया कि आसन्न वैश्विक परिस्थितियों का भविष्य मोदी के ही अगल बगल घूमने वाला ही नही है…..हो सकता है कि कितने मुल्को का भूगोल भी बदल जाये….कितनो का रूआब केवल इतिहास मे पढ़ने को मिले….बहरहाल यही सब कारण है कि मोदी 2024 मे पुन: आ गये तो शायद फिर भारत की तरफ टेढ़ी आँख से देखने की कभी किसी मुल्क की जहां औकात न होगी…वहीं देश की वंशवादी,जातिवादी,क्षेत्रवादी और पिंडारी पार्टियां भी अतीत का विषय हो जायेंगी…..इसलिये रोको इसे….मोदी को रोको…..मोदी के दम पर पल्लवित हो रहे हिंदुत्व को रोको…..राष्ट्रवाद की बहती बयार को रोको…संगठित हो रहे हिंदुओं को रोको….तुष्टीकरण की साजिश समझ चुके हिंदुत्व को रोको….रोको….सब मिल कर रोको….चाहे परशुराम के नाम पर जातिवाद करके रोको….चाहे अगड़े-पिछड़े का जहर बो कर रोको…चाहे उत्तर-दक्षिण,पूरब-पश्चिम का क्षेत्रवाद फैला कर रोको…..सब मिल कर इसे किसी तरह रोको…..बस रोको….!!!

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वैसे एक बात जान लीजिये की जब आप विकासशील से विकसित होने की वैश्विक परंपरा का हिस्सा बनने की तरफ कदम बढ़ाते हैं तो ऐसा हमेशा होता और होता रहा है कि कथित सेकुलर या स्वघोषित उदारवादी समूह राष्ट्रवाद को सांप्रदायिक कहने लगते हैं…इस पर बहुत ध्यान देने की आवश्यकता नही है…..विश्व के अन्य विकसित देशों का इतिहास पढ़ेंगे तो विश्वास करिये आपकी वैचारिक धुंध छट जायेगी…!!!

राष्ट्रवाद की ज्वाला को सांप्रदायिक ढ़क्कन से दबा कर बुझाने वाले कथित बौद्धिक विकलांग जब बड़े आनंद से पाकिस्तान की पैरवी करते रहते हैं,तब इनका सारा सिद्धांत जाने कहां घुस जाता है…!!

पाकिस्तानी आतंकवाद का दर्द भारत की राष्ट्र देह को प्रतिपल कष्ट देता रहा है…..आज भी बहुत सारे लोग उससे पगार लेते है……और ब्रेनवाश करके आतंकी ट्रेनिंग लेते हैं,आत्मघाती बनाते हैं, लेकिन कुछ लोग आतंकी बने बिना ही उसके पक्ष में बोलते लिखते हैं……असल मे यही वे लोग है जिन्हे उदारवादी कह कर उनके जरिये हमे बहकाया जाता हैं…वे स्वयं को लिबरल, सेक्युलर,वैज्ञानिक,भौतिकवादी वगैरह कहते हैं…इससे न केवल राष्ट्रहित की क्षति होती है…वरन् राष्ट्रीय एकता-अखंडता पर चोट होती है……प्राचीन भारतीय साहित्य में इसे लोन वूल्फ बौद्धिक अपराध कह सकते है…..अबोध लोगों की बात तो चिंताजनक है ही, लेकिन ज्ञान संपन्न होने के बावजूद राष्ट्र हित की अनदेखी छोटा अपराध नहीं है…इसी सनातन राष्ट्रवाद की बढ़ती दैदीप्यमान ज्वाला की अग्नि को बुझाने के लिये…….अनेकों साजिशें केवल केवल इसलिए की जा रही हैं की मोदी हैट्रिक मारते हुये वापस प्रधानमंत्री न बन पाएं….उनके बदले राहुल गांधी उस पद पर बैठे ताकि उनको आसानी से अपने हिसाब से ढ़ाला जा सके……विश्व के तमाम देश भारत की ताकत को बढ़ते देख परेशान हैं…उन्हे पता है की इस समय यदि भारत को नहीं रोका गया तो उनकी दादागिरी के दिन समाप्त हो जाएंगे।

बहरहाल जान लीजिये कि अगले आमचुनाव में अभी कुछ वक्त बाकी है..तब तक आपको बहकाने,भरमाने,बरगलाने,फुसलाने के लिये और भी बहुत कुछ षडयंत्र होगा…इससे राष्ट्रवादी जनमानस को सजग रहना होगा….हां यह भी जान लीजिये कि राहुल परम् कुंठित होकर मोदी/देश विरोधी ही नही वरन् जार्ज सोरास जैसे मानसिक रोगी खरबपतियों के टूलकिट का हिस्सा बन चुका है…जिसे आक्सीजन चीन से मिल रहा है…इसीलिये भारत जोड़ो यात्रा के तुरंत बाद ही नार्थ ईस्ट की पराजय से बौराया अब वामपंथियों द्वारा पहुंचाई गई स्क्रिप्ट के अनुसार ही देश से लेकर लंदन तक डॉयलॉग डिलिवरी करता रहता है….यानी समझ लेना चाहिये कि ये आजकल मोदी/देश/सनातन विरोधी एजेंडे का एक पेड एजेंट बन चुका है….और सोचिये कि इतनी मक्कारी के बाद भी इसका सपना है देश का पी.म.बनने का….हम पर राज करने का..

इन विषैले जीवों की कुंठा को देखते हुये..यहां विशेष रूप से कहना चाहूंगा कि मोदी जी को अपनी सुरक्षा पर अब ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है…क्योंकि दांत टूंटा सियार,कुचले फन वाला सांप और भूख से बिलबिलाता कुत्ता बहुत खतरनाक होता है….वो किसी हद तक जा सकता है……!!

फिलहाल…..एक बात और कहना चाहता हूं कि अगर वास्तव मे आपके मन,मस्तिष्क और अंतर्चेतना मे सनातन राष्ट्रवाद की अवधारणा का रक्त संचारित हो रहा है…..और वास्तव मे आप अपने भारत को सशक्त,समृद्ध और विकसित देखना चाहते हैं तो केवल दो वचन अपनी अंतरात्मा को दीजिये…..पहला….हम बिना किसी जाति,भाषा या क्षेत्रवाद वाले मक्कारों के झांसे मे आये अपने नेतृत्व के साथ आंख बंद करके इसलिये हमेशा खड़े रहेंगे क्योंकि इन नौ वर्षों मे हमे विश्वास हो गया है कि यही वो विराट व्यक्तित्व है जो हमारा वो सपना पूरा करेगा,जिसे देखते देखते हमारी अनगिनत पीढ़ियां बैकुंठवासी हो चुकी हैं….दूसरा…..यह कि हम सभी सनातनी आपस मे सहोदर हैं…और हमारा धर्म है एक दूसरे के साथ खड़ा होना….एक दूसरे का सहयोग करना…!!!

बाकी बंधुओं,इतना और जान लीजिये कि 70 सालों से नक़ली सेक्युलिरिज्म और जातिवाद का धतूरा चाट कर जो हम बेहोश पड़े थे…या हमे जातिवाद की ताड़ी पिला कर मदहोश किया गया था…जिसका असर इतने जागरण के बाद भी अभी दिखता है….कांग्रेस द्वारा बनाये गये उस मृगतृष्णा से हमे बाहर आना है…यह तभी संभव है….जब सभी सनातन रक्तधारियों की रगो मे बहता रक्त एक ही दिशा मे हुंकार भरता दिखाई दे….!!

हिन्दू देवी देवताओं को गाली दी जा सकती है,हिंदू प्रतीको का अपमान किया जाना सेकुलिरिज्म है….तो ये तो बोलने की आजादी है…लेकिन अन्य मजहबो पर बोलोगे तो लोकतंत्र पर खतरा आ जायेगा…फिर कह रहा हूं…..आने वाला समय शायद सनातनी एकता की बहुत बड़ी परीक्षा लेने वाला है,इसलिये सजग,सतर्क,सचेत और सावधान रह कर अपने राष्ट्र और धर्म द्रोहियों की कुटिलताओं,कपट और कुचक्र पर छठी इन्द्री खोल कर उनकी गतिविधियों को देखते रहिये…..चूंकि मुझे लाग लपेट करना आता नही….इसलिये सीधे सपाट शब्दों मे अपने मन की बात आपको बता दिया….बाकी आगे आप जाने…प्रभू राम जाने…..!!!

#वंदेमातरम्
#Ajit_Singh

साभार:अजीत सिंह-(ये लेखक के अपने विचार है)

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