ममता देवी के शस्त्रविहीन हाथों की दिखाकर क्या संदेश दे रही है?
ममता दीदी का दिखावे भरा पाखंड।
Positive India:Suresh Mistry:
शायद आज के दिवस किसी भी स्त्री के प्रति अनादर और अभाव उचित नहीं समझता।
फिर भी इस जिहाद परस्त औरत को शालीन से शालीन भाषा में मुखर होकर एक टिप्पणी संयुक्त पोस्ट देना मेरा दायित्व समझता हूं…
क्या शक्ति के शस्त्रविहीन हाथों की दिखाकर यह क्या संदेश दे रही है देश, समाज को…
इसके प्रिय मुसरीम वोटर भयभीत ना हो इस लिए दैवी के हाथों से ना केवल शस्त्र हटाए अपितु सहज शस्त्र धारण मुद्राएं भी नहीं रखी गई…?
या संदेश यह हे की सता में यह बरकरार रहती है तो यह हिंदू समाज की शक्ति को शस्त्र विहीन बनाए रखने का हर साध्य असाध्य उपक्रम प्रपंच करेगी ….?
अब जिस औरत ने अपने कोर मोमिन वोट बैंक की खुशी के लिए जय श्रीराम घोष को ही बंगाल में अपराधिक स्लोगन घोषित करवा दिया हो उसकी महज हिंदू वोट साधने भर के लिए दुर्गा पंडाल की पूजा में शिरकत भी क्या अर्थ रखती है…
दीदी उसी बंगाल की रचयिता हे जिसमें दुर्गा विसर्जन को मुसारीम वोटर के अनुकूलता के हिसाब से नियंत्रित अंकुशित किया जाता रहा है…
ख़ैर सवाल बहुत है और दीदी कि दिखावे भरी धार्मिक पाखंड भरी दोग्लाई सर्व विदित…
शेष निर्णय तो बंगाल के हिंदू की जागृत आत्मशक्ति ही करेगी..
जय शक्ति
लेखक:✍️सुरेश-एफबी(ये लेखक के अपने विचार हैं)