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CAA लागू होने से मुसलमानों को क्या नुक़सान है ?

-राजकमल गोस्वामी की कलम से-

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Positive India:Rajkamal Goswami:
CAA लागू होने से मुसलमानों को क्या नुक़सान है ? यही कि बांग्लादेश से आये शरणार्थी हिंदुओं को नये क़ानून के कारण आसानी से नागरिकता मिल जाएगी जबकि शरणार्थी मुसलमानों के विषय में पुराने सिस्टम के अनुसार पात्रता देख कर निर्णय लिया जाएगा । मुसलमानों को नागरिकता की ज़रूरत भी नहीं है उनके आधार कार्ड ममता दीदी पहले ही बनवा चुकी हैं ।वैसे भी इस्लाम सारी धरती को अपना वतन मानता है । इक़बाल लिखते हैं,

चीनो अरब हमारा हिंदोस्ताँ हमारा
मुस्लिम हैं हम वतन है सारा जहाँ हमारा

और भी,

हो क़ैदे मक़ामी तो नतीजा है तबाही
रह बहर में आज़ादे वतन सूरते माही

है तर्क़े वतन सुन्नते महबूब ए इलाही
दे तू भी नबूवत की सदाक़त की गवाही

( किसी स्थान पर क़ैद होकर रहने का नतीजा तबाही है,
तू समन्दर में वतन की सीमा से स्वतंत्र हो कर मछली की तरह विचरण कर । अपने वतन का त्याग करना पैग़ंबर की परंपरा है वे भी मक्का छोड़ कर मदीना चले गए थे । तू भी पैग़ंबर के दिखाए रास्ते पर चल कर उनके सच्चे होने की गवाही दे )

तो मुसलमानों के लिए मुल्क छोड़ कर जाना सुन्नत है । उन्हें भारत में रहने के लिए नागरिकता की क्या ज़रूरत ! धरती अल्लाह की है और अल्लाह ईमान वालों का ।

बांग्लादेश में छूट जाने वाले हिंदुओं में बड़ी संख्या नमोशूद्रों और छोटी जातियों की है जो जोगेंद्र नाथ मंडल के बहकावे में आकर पाकिस्तान में रह गये थे जिन्होंने सिलहट जनमत संग्रह में मंडल के कहने से पाकिस्तान के पक्ष में मत दिया था । मंडल साहब तो पाकिस्तान से लात खाकर भारत भाग आये पर उनके दरिद्र अनुयायी भारत आने की व्यवस्था तब नहीं कर सके ।

जब पाकिस्तान और बांग्लादेश घोषित रूप से इस्लामिक रिपब्लिक बन गये तो हिंदू सिख समुदाय का वहाँ क्या काम ? चटगाँव के बौद्ध तो वहाँ बहुमत में थे फिर भी पाकिस्तान में मिला दिए रेडक्लिफ़ साहब ने ताकि पूर्वी पाकिस्तान को चटगाँव का बंदरगाह मिल सके । भारत तब अंग्रेजों की थाली में जमी हुई बर्फी था जिसे वे जैसे चाहे काट कर बाँट सकते थे ।

सीएए भारत सरकार का बहुत बड़ा उपकार है भारत के उस टुकड़े में छूट गए हिंदुओं और सिखों पर जो वहाँ हर तरह की तकलीफ़ों से दो चार हैं यहाँ तक कि अपने मुर्दे भी नहीं जला सकते ।

मोदी सरकार इसके लिए प्रशंसा की पात्र है । शायद इन्हीं के भाग्य से यह सरकार सत्ता में आई ।

साभार:राजकमल गोस्वामी-(ये लेखक के अपने विचार हैं)

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