मोदी और योगी की लाठी मे क्या अंतर है?
शाहरुख और आमिर खान जैसे लोगों के पीछे,जहां दुनियां घूम रही थी....आज आम जनमानस...तेल पिलाई लाठी लेकर उसके पिच्छे पड़ा हुआ है।
Positive India:Ajit Singh:
मोदी और योगी की लाठी मे एक अंतर है…जहां योगी जी का लट्ठ पड़ता है,वहां चीख पुकार मचा देता है..लेकिन मोदी की लाठी में आवाज़ नहीं होती है….बस जिन पर पड़ती है,वो बिलबिला कर घूम घूम कर गोले मे चक्कर मारते रहते हैं …..चलिये आज मोदी जी की बेआवाज लाठी की धुन सुनते हैं….!!
अजीत अंजुम,पुण्य प्रसून बाजपेयी,बरखा दत्त,राजदीप सरदेसाई,अभिसार शर्मा,विनोद दुआ,आशुतोष कुमार,प्रभु चावला…मीडिया जगत के ये सब बड़े बड़े नाम….जो कल तक भारतीय मीडिया की दशा और दिशा तय करने का दम भरते थे..स्वयंभू बॉस बने फिरते थे…….आज कोरे यूट्युबर हो कर एक कोने में पड़े रह कर केवल बिलबिला रहें हैं…!!
शाहरुख और आमिर खान जैसे लोगों के पीछे,जहां दुनियां घूम रही थी….आज आम उसी दुनिया का आम जनमानस…तेल पिलाई लाठी लेकर उसके पिच्छे पड़ा हुआ है कि बच्चू फिल्म आये तुम्हारी…तो उसे फ्लाप करें….सलमान बच गया…..क्योंकि बाप ने सही समय पर दरबार में जाकर प्रार्थना कर ली….!!!
इतिहासकार इरफ़ान हबीब जैसे लोगों को अपना वजूद क़ायम रखने के लिये…अब क़लम छोड़कर…दंगाई की औक़ात में……मंच पर राज्यपाल से धक्कामुक्की करनी पड़ रही है…..वहीं हमेशा मुफ्त की रोटियाँ तोड़ने वाली रोमिला थापर जैसों को अपना CV जमा करवाना पड़ रहा है…….मल्लिका साराभाई से लेकर भजन सोपोरी और प्रियंका वाड्रा तक को बंगला छोड़कर बेआबरू होकर भागना पड़ रहा है…….कुमारस्वामी को काँग्रेस से गठबंधन करने की भारी ग़लती पर पछतावा हो रहा है…उपेन्द्र कुशवाहा जैसों को तो ग़लती सुधारने का मौका भी नहीं मिल रहा………कभी IRS रहे उदित राज़ विरोध करते करते, आज केवल लतीफ़ा बन कर रह गये और लतीफ़ा रहे रामदास आठवले समर्थन की बदौलत मंत्री हैं…!!
शत्रुघ्न सिन्हा,यशवंत सिन्हा,अरुण शौरी,सिद्धू आदि को पार्टी मे बोलने का पूरा मौका दिया गया……..पार्टी से निकाला नहीं, लेकिन भौंकने वाला…. बना कर छोड़ दिया…फिर ये लोग दूसरी पार्टी में आसरा ढूंढते फिरते फिरते अपने ताबूत मे दो ठो कील और ठोंक बैठे…..!!
तिरंगा को कंधा देने से महफूज कर देने की धमकी देने वालों मतलब महबूबा मुफ्ती से गठबंधन तो किया…लेकिन अपने एजेंडे के गुणा-भाग को कायदे से समझ कर…उसके बाद उन्हें साल भर के लिये नज़रबन्द भी करके अब जीवन भर के लिए, राजनीतिविहीन करके उनको केवल छटपटाने के लिये छोड़ दिया…ऐसों के पास अब भौंकने के अलावा कुछ और बचा ही नहीं है…!!
राम मंदिर की बात तो छोड़ ही दीजिये…वह तो श्रीराम का ही काम था……उसका श्रेय भला कोई और क्यों ले ?
बहरहाल मोदी की स्थिति यह है कि पिछले ६ साल में कम से कम १० ऐसी घटनाएं घटी हैं,जब उनके पुतला दहन की कोशिशें हुई,लेकिन प्रदर्शन के समय पुतला जलाने वाले खुद ही सुलग गये…सोचिये कि जब मोदी का पुतला इतना शक्तिशाली है तो असली मोदी की तो बात ही क्या करें….!!
केजरीवाल ने खूब चिल्ला चिल्ला कर मोदी का विरोध का ड्रामा किया था……………….नतीजतन पार्टी का ग्राफ गिरता गया,फिर किसी भले मानुष ने सलाह दी कि बेटा,मोदी को गाली देना बन्द कर दो,सब ठीक हो जायेगा और ऐसा ही हुआ भी।
सुना है कि अब किसी भले मानुष ने बंगाल की जेहादन को भी यही सलाह दी है….और ममता ने सलाह को मान भी लिया है…..यकीन मानिये ममता का यह अकेला निर्णय यदि उनकी सत्ता को भविष्य मे बचा ले जाय तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी…!!
खैर बात करें २००२ से तो गाली तो जैसे मोदी का आहार है…तुम यानी विपक्षी…विशेषकर दोगला परिवार जितना देगा…मोदी उतना ही बढ़ते जाएंगे…न भरोसा हो तो २००२ से देख लीजिये की मौत का सौदागर से लेकर नाली का कीड़ा होते हुये चौकीदार चोर है तक का कितना लम्बा सफर मोदी ने बिना धैर्य खोये तय कर लिया है….जबकि चाटुकार केवल एक शब्द को बर्दाश्त नही कर पाते हैं…!!
खैर बात विषयान्तर बाद वहीं से प्रारम्भ करते हैं,कि नवीन पटनायक का कोई नुकसान नहीं हुआ..क्योंकि उन्होंने मोदी का विरोध नहीं किया ..जिनको लगता है कि उद्धव ठाकरे और संजय राउत पर लाठी नहीं पड़ेगी..वह बहुतै भोले हैं..लाठी तो पड़ेगी और भरपूर पड़ेगी……राउत पर तो पड़नी शुरु भी हो गयी है..देर सबेर राउत के डुप्लीकेट सरकार पर पड़नी उतनी ही तय है…जितना सूरज का पूरब से निकलना…..।
राष्ट्रवाद की लाठी तो हर उस व्यक्ति पर पड़ेगी…जो मोदी के सनातन राष्ट्रवाद की विचारधारा और मोदी के राष्ट्र को सशक्त,समृद्ध और विकसित बनाये जाने के विचार के विरोध में है।
आज मुझे स्व.अशोक जी सिंघल जी की वह बात सत्य सिद्ध होती लगती है……जिसमें वह कहते थे कि मोदी अवतारी पुरुष हैं और देश में 1000 साल बाद हिन्दू राजा सिंहासन पर बैठा है….!!!
बस आगे आगे देखते रहिये।
धीरज न खोइये।
हर एक का,नंबर आयेगा……..कोई भी छोड़ा नहीं जायेगा….चाहे कोई किसान का वेश धर ले या मज़दूर का…लेकिन इन सबका नंबर तो आयेगा ही…!!
फिलहाल बस देश की राष्ट्रभक्त जनता धीरज धर कर मोदी और मोदी की नीतियों पर विश्वास बनाये रखे…बहरहाल अब बारी हम हिंदुओं की है…कम से कम अब हमे जातिवाद में ना पडकर सिर्फ मोदी और योगी का मुखर समर्थन करना चाहिए….!!
(पोस्ट अँशत: साभार वाया व्हाट्सअप,वृहद संशोधन सहित प्रस्तुत)
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साभार:अजीत सिंह-(ये लेखक के अपने विचार हैं)