चुनाव का डर ही अगर सब कुछ है तो नरेंद्र मोदी किस लिए भला ?
-दयानंद पांडेय की कलम से-
Positive India:Dayanand Pandey:
तो क्या अब सी ए ए और 370 की भी वापसी होगी ? चुनाव का डर ही अगर सब कुछ है तो नरेंद्र मोदी किस लिए भला ? फिर चीन की सरहद पर चीन को सब कुछ सौंप दीजिए। अरुणाचल , सिक्किम , लद्दाख सब। पाकिस्तान को भी कश्मीर सौंप दीजिए। सीधे कांग्रेस को सत्ता सौंप दीजिए। कृषि क़ानून की वापसी भर नहीं है यह। नरेंद्र मोदी नाम के इक़बाल और धमक का मिट्टी में मिल जाना है यह। इंदिरा गांधी के बाद देश को कोई सख़्त फ़ैसले लेने वाला प्रधान मंत्री मिला था तो वह नरेंद्र मोदी ही था। अब वह नरेंद्र मोदी भी तिरोहित हो गया। देश का भगवान ही मालिक है। देश के आगे बढ़ने की सारी उम्मीदें धराशाई हो गई हैं।
कृषि क़ानून में कोई खोट नहीं था। हम भी छोटे ही सही , किसान हैं सो जानते हैं कि देश और किसान की तरक़्क़ी के लिए यह तीनों कृषि क़ानून ज़रुरी थे। लेकिन कुछ गुंडों की गुंडई के आगे नरेंद्र मोदी तो दंडवत हो गए। थू-थू ! कहां तो जनसंख्या नियंत्रण बिल की प्रतीक्षा में था देश। कहां दो चुनाव जीतने के लिए जनाब लेट गए। ऐसे तो कोई चुनाव भी नहीं जीत सकते। लोग जिताएंगे भी किस लिए और क्यों ? सब का विशवास के नाम पर मुस्लिम तुष्टीकरण कांग्रेस से भी ज़्यादा कर रहे थे अब यह सरेंडर भी करने लगे। नरेंद्र मोदी के नाम पर अब यह बट्टा भी लगा लिया। अपना ही नहीं , देश का भी मजाक बना दिया है। अब तो कोई भी क़ानून बदलने के लिए कुछ गुंडे दिल्ली घेर लेंगे और आप लेट जाएंगे। तो काहे के नरेंद्र मोदी ? छी-छी ! यशोदा बेन की तपस्या और त्याग पर भी पानी डाल दिया।
साभार:दयानंद पांडेय-(ये लेखक के अपने विचार हैं)