नर्सों और स्वास्थ्य कर्मचारियों के बिना कोरोना के खिलाफ लड़ाई नहीं जीत सकते
Happy International Nurses Day
Positive India:New Delhi;12 May 20:
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस सामारोह को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित किया। आज फ्लोरेंस नाइटिंगेल के जन्मदिवस की 200वीं सालगिरह भी है। इस साल अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस का महत्व इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि इस वर्ष को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने ‘नर्स और मिडवाइफ का वर्ष’ घोषित किया है। इस अवसर लाखों नर्सों को आयोजन से ऑनलाइन जोड़ा गया था।
नर्सिंग पेशे से जुडे लोगों के काम और निस्वार्थ समर्पण की भावना की सराहना करते हुए उन्हें स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के मजबूत स्तंभ बताया और कहा “आपके काम और ईमानदारी की थाह नहीं ली जा सकती। आपकी प्रतिबद्धता को शब्दों में परिभाषित नहीं किया जा सकता है। दयाभाव, समर्पण और हीलिंग टच देने के लिए आपका आभार। आप के लिए दिन चाहे कितना भी व्यस्तता भरा क्यों न हो मरीजों की देखभाल हमेशा आपकी प्राथमिकता होती है।
उन्होंने मौजूदा महामारी के दौर में निरंतर अपने काम में जुटे रहने के लिए भी नर्सों का आभार व्यक्त किया। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि नर्सों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के बिना “हम इस महामारी के खिलाफ लड़ाई नहीं जीत सकते और न ही सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने और सतत विकास लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं।”
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि कोविड-19 के दौर में आयी चुनौतियों के समक्ष नर्सों को अपनी क्षमता की कठिन परीक्षा देनी पड रही है। उन्होंने इस संदर्भ में पुणे की स्टॉफ नर्स ज्योति विट्ठल रक्षा, पुणे की सहायक मेट्रन, श्रीमती अनीता गोविंदराव राठौड़ और झिलमिल के ईएसआई अस्पताल की नर्सिंग अधिकारी सुश्री मार्गरेट का विशेष रूप से उल्लेख करते हुए कहा कि इन्हें हमने खोया है। मैं उनके परिवारों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करता हूं। मैं आज आप सबके साथ यह एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए खडा हूं कि हम एक साथ मिलकर इस बीमारी से लड़ते रहेंगे, अपना मनोबल उूंचा रखेंगे और खुद को बचाए रखने के लिए सभी नियमों का पालन करते हुए आवश्यक सावधानी भी बरतेंगे।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि सरकार के उच्चतम स्तरों पर प्रतिबद्धता, माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कोविड-19 के खिलाफ सरकार के अभियान का नेतृत्व कर रही है। उन्होंने कहा कि अग्रिम मोर्चे पर खडे स्वास्थ्यकर्मियों को किसी भी तरह की हिंसा से सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक अध्यादेश का प्रावधान किया गया है। अध्यादेश के तहत ऐसे हिंसक कृत्यों को संज्ञेय और गैर-जमानती अपराध की श्रेणी में रखने तथा हिंसा से प्रभावित स्वास्थ्यकर्मियों को मुआवजे का प्रावधान भी किया गया है। उन्होंने कहा कि ऐसी हिसंक घटनाओं में लिप्त पाए गए लोगों को तीन से पांच साल तक की कैद की सजा और साथ में 50,000 रुपए से लेकर 2,00,000 तक के जुर्माने की सजा का प्रावधान किया गया है। गंभीर चोट पहुंचाने वालों को छह महीने से लेकर सात साल के कारावास की सजा तथा 1,00,000 रुपए से लेकर 5,00,000 रूपए तक के जुर्माने की सजा की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा, अपराधी को पीड़ित को मुआवजे का भुगतान करने और संपत्ति के नुकसान के लिए उचित बाजार मूल्य का दोगुना अदा करने के लिए भी उत्तरदायी ठहराया गया है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इसके अतिरिक्त, सरकार ने कोविड के मरीजों के इलाज में लगे स्वास्थ्यकर्मियों के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज बीमा योजना को भी मंजूरी दी है इसके तहत 22.12 लाख स्वास्थ्य कर्मियों के लिए 90 दिनों का 50 लाख रुपए का बीमा कवर प्रदान करने की व्यवस्था की है। यह ऐसे स्वास्थ्य कर्मियों के लिए है जिन्हें कोविड रोगियों के सीधे संपर्क में होने का जोखिम रहने के कारण उनसे प्रभावित होने का खतरा होता है।
डॉ. हर्षवर्धन ने यह भी कहा कि मौजूदा परिदृश्य में, नर्सों को खुद ही कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण के बारे में पर्याप्त सावधानी बरतनी है और सभी नियमों का पालन करना है ताकि न केवल वे इस बीमारी से खुद की रक्षा कर सकें बल्कि दूसरों को भी बचने की सही सलाह दे सकें। उन्होंने नर्सों को दिल्ली के आयुर्विज्ञान संस्थान और भारतीय नर्सिंग परिषद् द्वारा आयोजित किए जाने वाले विभिन्न वेबिनार का पूरा लाभ उठाने की सलाह दी।
इस अवसर पर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण सचिव सुश्री प्रीति सूदन, विशेष सचिव, श्री अरुण सिंघल, संयुक्त सचिव श्री निपुण विनायक, भारतीय नर्सिंग परिषद, नई दिल्ली के अध्यक्ष श्री टी. दिलीप कुमार, अखिल भारतीय सरकारी नर्स फेडरेशन, की महासचिव श्रीमती जी. के. खुराना, प्रशिक्षित नर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, उत्तर क्षेत्र की उपाध्यक्ष श्रीमती एनी कुमार के अलावा कई नर्सिंग संगठनों की सदस्य तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।