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व्यावसायिक शिक्षा और कैरियर काउंसिलिंग पर दो दिवसीय कार्यशाला प्रारंभ

व्यावसायिक शिक्षा पर एक व्यापक नीति तैयार करने की जरूरत - श्री पी. दयानंद

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व्यावसायिक शिक्षा और कैरियर काउंसिलिंग पर दो दिवसीय कार्यशाला आज यहां राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के परिसर में प्रारंभ हुई। कार्यशाला का शुभारंभ प्रबंध संचालक राज्य माध्यमिक शिक्षा मिशन श्री पी. दयानंद ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलन कर किया। उन्होंने कहा कि कार्यशाला में छत्तीसगढ़ में व्यावसायिक शिक्षा का स्तर और बच्चों की अपेक्षाएं एवं आवश्यकताओं पर चर्चा की जाएगी। कार्यशाला में राज्य में पिछले वर्षों में किए गए कार्याे को परखने के साथ-साथ व्यावसायिक शिक्षा और कैरियर काउंसिलिंग को मिलाकर एक व्यापक नीति करने की आवश्यकता है। राज्य के बच्चों का भविष्य कैसे उज्जवल बनाया जाए और इसमें विशेषज्ञों का उपयोग कैसे हो इस पर भी व्यापक चर्चा होगी।

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एजूकेशन हब के संचालक श्री बी. महेश शर्मा ने कहा कि जो बच्चे स्कूल छोड़ देते है उनके लिए व्यावसायिक शिक्षा जरूरी है। व्यावसायिक शिक्षा पढ़ाई पूरी करने के बाद आगे क्या पढ़ा जाए इसका भी मार्ग तैयार करना होगा। व्यावसायिक शिक्षा ऐसी हो कि सरकारी नौकरी मिले या ना मिले लेकिन शिक्षा बच्चों को काबिल जरूर बनाए। श्री शर्मा ने कहा कि व्यावसायिक शिक्षा को भी प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने की मान्यता देना चाहिए। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में व्यावसायिक शिक्षा की काफी संभावनाएं है। शिक्षकों को भी व्यावसायिक शिक्षा का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए जिससे विद्यार्थी व्यावसायिक शिक्षा की ओर आकर्षित हो सके। उन्होंने बताया कि व्यावसायिक शिक्षा में कैरियर बनाने के लिए देश में सूचना (इन्फॉरमेशन) और डाटा की कोई भी कमी नहीं है। शिक्षक को पाठ्यक्रम को समझने और उसकी वास्तविकता पता करने की जरूरत है तभी सही कॉउंसिलिंग हो सकेगी। व्यावसायिक शिक्षा में कक्षा 12 वीं के बाद अच्छी तरह जुड़ने के लिए संवाद की जरूरत है।

कार्यशाला मंे बताया गया कि राज्य के 546 विद्यालयों मंे व्यावसायिक शिक्षा के 10 विभिन्न ट्रेड संचालित किए जा रहे हैं। व्यावसायिक शिक्षकों का चयन एनएसडीसी मंे पंजीकृत व्यावसायिक टेªनिंग प्रोवाईडर (वी.टी.पी.) के माध्यम से किया जाता है। वर्तमान में कुल एक हजार 92 व्यावसायिक प्रशिक्षक और 12 व्यावसायिक टेªनिंग प्रोवाईडर कार्यरत है। औद्योगिक भ्रमण वर्ष में अधिकतम तीन बार प्रत्येक कक्षा के लिए आयोजित होता है। आॅन जॉब ट्रेनिंग कक्षा 9वीं में दस दिन, दसवीं में 15, 11वीं में बीस दिन और बारवीं मंे 30 दिन अवकाश के दिनों में आयोजित की जाती है। सेक्टर स्किल कॉउंसिल द्वारा 8 ट्रेड़ के अंतर्गत कक्षा 10वीं में बीस हजार विद्यार्थियों की और कक्षा 10वीं मंे पांच ट्रेड के अंतर्गत तीन हजार विद्यार्थियों की प्रायोगिक परीक्षा आयोजित की गई। इंटर्नशिप कक्षा 11वीं और 12वीं में पंजीकृत विद्यार्थियों के लिए दस दिन का आयोजित होता है, जिसमें प्रत्येक विद्यार्थी को एक हजार रूपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। सभी ट्रेड में कक्षा 9वीं से 12वीं के विद्यार्थियों को जो व्यावसायिक शिक्षा में पंजीकृत उन्हें निशुल्क पुस्तक उपलब्ध करायी जाती है।

कार्यशाला में व्यावसायिक शिक्षा की मौजूदा चुनौतियों पर भी गहन विचार-विमर्श किया गया। इसके समाधान के लिए स्कूल शिक्षा विभाग एवं उच्च शिक्षा विभाग के बीच तालमेल होते हुए भी सकारात्मक परिणाम की दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है। कार्यशाला मंे यूनीसेफ प्रमुख श्री शेषागिरी, प्रतिनिधि जिला शिक्षा अधिकारी, राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, आदिम जाति कल्याण विभाग, पॉलिटेक्निक, आई.टी.आई., इंजीनियरिंग कॉलेज, संचालक लोक शिक्षण, उप संचालक रोजगार एवं प्रशिक्षण, कैरियर कॉउसलर डॉ. वर्षा वरबण्ड़कर सहित व्यावसायिक शिक्षा संचालन में वी.पी.टी की ओर से कुल 12 समन्वयक उपस्थित थे। कार्यशाला में 12 वी.पी.टी के समन्वयकों ने अपनी-अपनी संस्थाओं द्वारा संचालित व्यावसायिक प्रशिक्षण पर प्रस्तुतिकरण दिया।

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