वृक्षारोपण के नाम से हो रहा अत्याचार, अनाचार और बलात्कार
Corruption in tree plantations is in fact the rape and violence of environment
Positive India:Raipur:3 March 2020:
हम सभी लोगों के हरे रंग के वस्त्र धारण कर लेने से या धरती को हरे रंग के कालीन से ढंकने से हरियाली नहीं होगी. हरियाली होती है- पेड़-पौधों से. यह पेड़- पौधे धरती के वस्त्र, आभूषण, अलंकार हैं. जो धरती माता सदियों से अनवरत हमें देती ही चली आ रही है. उसके प्रति हमारा भी कर्तव्य बनता है कि हम उसका अच्छे से श्रृंगार करें, अच्छे-अच्छे वस्त्र पहनावे जिससे वह और भी ज्यादा सुंदर दिखने लगे. हम उसे जितना अधिक सजायेंगे, सवारेंगे वह उतनी ही अधिक प्रफुल्लित होकर और भी अधिक स्नेह और ममता से हमें सराबोर कर देवेगी. उसकी यह अनुकंपा हमारी पीढ़ी दर पीढ़ी अनवरत जारी रहेगी.
केंद्र सरकार और विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा वृक्षारोपण के लिए प्रतिवर्ष अरबों रुपए आवंटित किए जाते हैं. वृक्षारोपण के लिए जिम्मेदार विभागों द्वारा करोड़ों पौधे लगाए जाने का आंकड़ा भी प्रस्तुत किया जाता है. परंतु खानापूर्ति के लिए धरातल पर तुलनात्मक बहुत ही कम वृक्षारोपण किया जाता है उनमें से भी अधिकांश पौधे उचित रखरखाव ना होने की वजह से कॉल कवलीत हो जाते हैं.
वृक्षारोपण के नाम से हो रहे इस खेल को लोग भ्रष्टाचार कहते हैं. लेकिन मैं इसे अत्याचार, अनाचार और बलात्कार कहता हूं. और यह सब हो रहा है हमारे,हमारी – संतानों और आने वाली पीढ़ियों, धरती पर बचे कुचे जीव-जंतु, चर-अचर या यूं कहें संपूर्ण इको सिस्टम के साथ. आओ हम सब कंधे से कंधा मिलाकर धरती माता के साथ हो रहे इस खिलवाड़ को रोकने की राह पर तलाशते हैं.
आजकल जिस प्रकार से सड़क आदि के निर्माण और रखरखाव जी संस्थाओं द्वारा करवाया जाने लग गया है. उसी प्रकार का कार्य वृक्षारोपण के क्षेत्रों में भी किया जाना चाहिए और जिम्मेदारी सौंपना चाहिए युवाओं को जो बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं. जिससे उनको कुछ तो राहत मिले. साथ ही साथ युवा पीढ़ी को प्रकृति एवं पर्यावरण से जुड़ने की प्रेरणा भी मिलेगी.
प्रकृति और पर्यावरण की रक्षा के लिए हम सब मिलकर इस नेक एवं अति आवश्यक व्यवस्था को धरातल पर उतारने का प्रयास करते हैं और इसके लिए संबंधित विभाग को बाध्य करते हैं.
प्रचलित विधि से वृक्षारोपण करने से पौधों को जिंदा बचाए रखने के लिए अत्यधिक परिश्रम करना पड़ता है. मैंने वृक्षारोपण की ऐसी सरल विधिया विकसित की है जिसके प्रयोग से शत-प्रतिशत पौधे जीवित रहेंगे साथ ही वह बहुत तेजी से विकसित होंगे, जिससे अधिक समय तक उनके देखभाल की आवश्यकता भी नहीं रहेगी.
इन विधियों के उपयोग से River Banks & Barren Lands मे भी सफलतापूर्वक वृक्षारोपण किया जा सकता है. इस विधि से व्यापक उपयोग से Global Warming & Climate Change जैसी गंभीर होती जा रही समस्याओं पर भी पूर्ण रूप से नियंत्रण पाया जा सकता है.
मेरे द्वारा विकसित विधि को Workshop द्वारा ही समझा जा सकता है. Nature & Environment बेहतरी के लिए उचित सुविधा और व्यवस्था मिलने पर मेरे द्वारा कहीं भी निःशुल्क Workshop का आयोजन किया जा सकता है..
लेखक:कमल अग्रवाल (एक प्रकृति प्रेमी)
E-mail : kkaglryp@gmail.com