पॉजिटिव इंडिया: दिल्ली;23 .6.2020.
भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के एक स्वायत्त संस्थान आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज), नैनीताल समेत एशिया और यूरोप के 9 देशों के 17 वैज्ञानिकों ने 7 ऑप्टिकल दूरबीनों के जरिए 153 रातों में 2263 तस्वीरें लीं और ब्लैजर ‘1ईएस 0806+524’ से निकलने वाली उच्च ऊर्जा की गामा किरणों में बदलावों का अध्ययन किया।
ब्लैजर सुदूर एक आकाशगंगा के केंद्र में स्थित विशाल ब्लैक-होल (एसएमबीएच) है, जो पृथ्वी से उच्च ऊर्जा की जेट (धारा) का निर्माण करता दिखाई देता है। ब्लैजर्स ज्ञात ब्रह्मांड में सबसे चमकदार और ऊर्जावान वस्तुओं में से एक हैं। आयनित पदार्थों से बना जेट करीब प्रकाश की गति से पर्यवेक्षक की ओर बहुत तेज गति से आता दिखाई देता है।
एरीज के डॉ. आलोक सी. गुप्ता के निर्देशन में डॉ. अश्विनी पांडे ने एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में प्रकाशित अपने अध्ययन में इस ब्लैजर के बारे महत्वपूर्ण जानकारी सामने रखी है, जिससे ब्लैजर के विस्तृत ऑप्टिकल गुणों का पता चलता है। टीम ने काफी विस्तार से 1ईएस 0806+524 के प्रवाह, रंग और एक दिन के भीतर और ज्यादा समय में स्पेक्ट्रल इंडेक्स में बदलावों का अध्ययन किया और इस परिवर्तन के पीछे के तंत्र को समझाया।
उन्होंने समझाया कि विशाल चमक जेट में झटके के प्रसार का परिणाम है, जो इलेक्ट्रॉनों को उच्च ऊर्जा तक बढ़ाता है, बाद में ठंडा करता है। उनके अध्ययन के अनुसार छोटे आयाम परिवर्तन को देखने के कोण में छोटे बदलावों से समझा जा सकता है और इसलिए डॉप्लर फैक्टर में, जो या तो हिलने या कुंडलित जेट्स या जेट के भीतर कुंडलित प्रक्षेपवक्र पर सबसे तीव्र उत्सर्जन क्षेत्र की गति से हो सकता है। अध्ययन के अनुसार, एक दिन के भीतर बदलावों को सापेक्ष प्लाज्मा जेट में विक्षोभ से समझाया जा सकता है।
बहु-तरंगदैर्ध्य (एमडब्लू) टाइम-डोमेन खगोल विज्ञान के इस दौर में जिसमें प्रवाह और ध्रुवीकरण में तेजी से बदलाव के कारण अस्थायी खगोलीय स्रोतों में विशेष रुचि होती है। एक विशेष अस्थायी स्रोत की एक ही समय में एमडब्लू अध्ययन विभिन्न विद्युत चुंबकीय (ईएम) बैंडों में उत्सर्जन तंत्र को समझने के लिए महत्वपूर्ण है।
ब्लैजर्स सबसे पसंदीदे अस्थायी खगोलीय चीजों में से एक है क्योंकि वे संपूर्ण ईएम स्पेक्ट्रम में विकिरण उत्सर्जित करते हैं और उनका प्रवाह व ध्रुवीकरण अत्यधिक परिवर्तनशील होता है।
Source :PBI