Positive India:Vishakhapatnam;7 May 2020: विशाखापट्टनम के आर आर वेंकटपुरम में एलजी पॉलीमर से जहरीली गैस लीक हो गई। इस जहरीली गैस से 10 लोगों की मौत हो गई, 800 लोग अस्पताल में भर्ती किए गए हैं तथा 5000 से अधिक लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं। विशाखापट्टनम गैस ट्रेजेडी उस वक्त घटी जब लाकॅडाउन के बाद कंपनी दोबारा काम शुरू करने की कवायद में लगी हुई थी।
त्वरित कार्यवाही करते हुए एनडीआरएफ तथा स्थानीय पुलिस व प्रशासन ने गांव के 15 सौ घरों को खाली करवा दिया। 7 मई की अलसुबह एलजी पॉलीमर कंपनी से रिसी स्टाइरीन गैस ने चारों तरफ त्राहि-त्राहि मचा दी। समय रहते पुलिस प्रशासन ने सायरन बजाकर तथा एनडीआरएफ(NDRF) की टीमों ने घर-घर दस्तक देकर लोगों को उठाया तथा गैस से प्रभावित लोगों को अस्पताल पहुंचाया।
स्टाइरीन(Styrene) गैस बहुत तेजी से हवा में फैल जाती है। इसकी थोड़ी सी मात्रा भी अगर शरीर में पहुंच जाए तो श्वसन तंत्र पर यह बुरा प्रभाव डालती है। श्वसन तंत्र को ध्वस्त कर सकती है। आदमी को लकवा मार सकता है। इसके प्रभाव से इंसान कोमा में जा सकता है। लंबे समय तक कैंसर हो सकता है। स्टाइरीन गैस के प्रभाव से बहुत सारी जेनेटिक डिसऑर्डर्स(Genetic Disorders) शुरू हो जाते हैं।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने अस्पतालों में पहुंचकर गैस पीड़ितों(Gas Victims) का हालचाल जाना। मुख्यमंत्री रेड्डी ने मृतकों के परिवार को मुआवजे स्वरूप एक करोड़ रुपए देने का ऐलान किया, वहीं घायलों को एक-एक लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) ने चीफ मिनिस्टर रेड्डी को हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है।
साउथ कोरियन कंपनी एलजी पॉलीमर(LG Polymer) की प्रबंधन इकाई ने विशाखापट्टनम गैस ट्रेजेडी की संपूर्ण जांच का भरोसा दिया है। उधर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रेड्डी(CM Reddy) ने जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। जांच बिंदुओं में यह भी रहेगा कि आखिर यह गैस रिसाव(Gas leakage) कैसे और क्यों घटी तथा भविष्य में ऐसी त्रासदी ना घटे उसके लिए पुख्ता इंतजाम कैसे किए जा सकते हैं।