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नरेन्द्र मोदी की महाविजय तथा सशक्त विपक्ष की अपरिहार्यता

विपक्ष इस चुनाव से हताहत है । पर इस सदमे से गहरी निद्रा (कांमा) मे जाने के बदले उससे बाहर आने की कोशिश करनी चाहिए

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Positive India:Dr.Chandrakant Wagh:
चुनाव संपन्न हो गये है नतीजो ने पूरे देश को हैरान कर दिया है । विपक्ष इस चुनाव से हताहत है । पर इस सदमे से गहरी निद्रा (कांमा) मे जाने के बदले उससे बाहर आने की कोशिश करनी चाहिए । अब अपने हार पर इमानदारी से विवेचना कर उन कमियों को दूर कर पार्टी को सशक्त बनाने की कोशिश करनी चाहिए । इन नेताओ के सामने उदाहरण भी भाजपा है । जब दो सदस्यीय राजनीतिक दल भी अपने बूते यहाँ तक पहुंच सकता है तो दूसरे लोग भी ऐसा कर सकते है । पर अब इन्हे जो जनादेश मिला है उसकी भूमिका मे इनको खरा उतरना है । इतने दिन सत्ता मे रहने के बाद इस भूमिका में वे पहले अपने को असहज महसूस करेंगे पर उन्हे इस नई भूमिका मे ढालने की कोशिश करनी होगी । देखा जाए तो सत्ता से ज्यादा विपक्ष की भूमिका राष्ट्रीय हित के मामले मे सर्वोपरि रहती है । जब सरकार निरंकुश हो जाये तो नकेल कसने का महत्व पूर्ण काम भी विपक्ष ही करता है । भ्रष्टाचार और राजनीति एक दूसरे के संगनि है । इसलिए चाहे कोई भी पार्टी हो या नेता अगर ऐसे संगिनी को जाने अनजाने मे साथ ले ले तो कोई अतिशयोक्ति भी नही है । मजबूत विपक्ष के चलते सरकार मे भय भी बना रहा तो काफी बड़ी बात है । अगर कोई अप्रिय घटना या भ्रष्टाचार होता है तो इस पर जनमत बनाना ही विपक्ष का ही काम है । अगर विपक्ष अपनी सौ प्रतिशत भूमिका निभाये तो एक बार लोग मंत्रियों का नाम नही जानेंगे पर विपक्ष के नेताओ के नाम उनके जेहन मे अंकित रहेंगे । पर इस तरह के कामों मे समर्पण की आवश्यकता है जो अभी के नेताओ मे दिखता नही है । आज की राजनीति सिर्फ सत्ता के लिए ही केंद्रित है। न सिद्धांत न विचारधारा, किसी की जगह नही है। यही कारण है कि सता परिवर्तन के साथ दलबदल आम बात हो गई है । अगर इन क्षेत्रीय नेताओं को तथा राष्ट्रीय स्तर के नेताओ को, देश को विश्वास मे लेना है तो एक बार मजबूत विपक्ष की भूमिका करके देख ले और उसके आशातीत परिणाम भी चखने का मौका मिलेगा । इस भूमिका के कारण मोदी जी को हर बार अपनी अग्नि परीक्षा से गुजरना पड़ेगा । देश आशा करता है कि ये दल व नेता अपनी नई भूमिका मे शत प्रतिशत खरे उतरेंगे । इसी आशा के साथ ।

लेखक:डा.चंद्रकांत वाघ(ये लेखक के अपने विचार हैं)

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