डीप स्टेट और ब्रेकिंग इंडिया फोर्सेज में अंतर को समझिए
-कुमार एस की कलम से-
Positive India:Kumar S:
दरअसल, डीप स्टेट(Deep State) और ब्रेकिंग इंडिया फोर्सेज(Breaking India Forces) में थोड़ा अंतर
है।
डीप स्टेट, ब्रेकिंग इंडिया से भी आगे की वस्तु है।
इसके लोग न केवल भौतिक अपितु आध्यात्मिक दृष्टि से भी कुछ शक्तियों से सम्पन्न है!!
2006 के वर्ष में संघ के प्रचारविभाग (या विद्या भारती) ने एक लघु पुस्तिका निकाली थी “द प्रिज़न” गोलमेज समूह और वैश्विक षड्यंत्रों का जाल।
इसी आशय के आलेख इंदुमती काटदरे के ग्रंथ खण्ड 5 में भी है। #डीप_स्टेट
मूल रूप से यह वैश्विक आसुरी ताकतों के गठजोड़ का समूह है जिसमें विभिन्न शक्तियों के प्रमुख लगभग 200 लोगों का एक क्लब है।
इस क्लब का रहस्योद्घाटन इसलिए हुआ क्योंकि उसी समूह का एक व्यक्ति विद्रोह कर अलग हुआ। उसने यह पुस्तक लिख दी।
पुस्तक के अनुसार विगत 70 वर्षों के वैश्विक घटनाक्रम के पीछे एक समूह विशेष है जो परस्पर सम्पर्क में है और उनके गोलमेज सम्मेलन भी होते है और दुनिया को वे ही चला रहे हैं।
इन 200 व्यक्तियों में विकसित देशों के बड़े राष्ट्राध्यक्ष, बड़े राजनीतिक परिवार, हथियार और ड्रग माफिया प्रमुख, विश्व ट्रेड के धुरंधर, कुछ बड़े कॉरपोरेट, औद्योगिक घराने, मीडिया समूह, चर्च इत्यादि है।
लगभग 200 लोगों का यह समूह पीढ़ी दर पीढ़ी कई दशकों से विश्व की नियति तय करता है। वस्तुतः ये औद्योगिक क्रांति तथा औपनिवेशिक काल से ही चले आ रहे हैं। बड़ी क्रांतियां, दोनों विश्वयुद्ध, आधुनिक सभी बड़े आर्थिक घटनाक्रम इत्यादि के पीछे यही समूह है।
इसे ही #डीप_स्टेट कहा जाता है। यह आभासी जैसा दिखता है। लगता है कुछ नहीं कर रहा किन्तु यह इतना शक्तिशाली है कि अपने स्वार्थ के लिए किसी भी देश का तख्तापलट, बड़ा जनसंहार, विप्लव, योजनाबद्ध महामारी या युद्ध करवा सकता है।
विश्व की बैंकिंग, धन, हथियार, फार्मा, इंटरनेट और स्पेस पर इसका कब्जा है।
वस्तुतः ये अपना वर्चस्व कायम रखने के लिए विपुल संसाधनों से युक्त है।
सत्यानंद स्वामी की भाषा में कहें तो ये सब आत्मा यात्रा में मूलश्रेणी के है अतः इन्हें मृत्यु, ज्ञान या संसाधनों की कमी का भय भी नहीं है। डीप स्टेट को #मूलश्रेणी से ही आसानी से समझ सकते हैं।
साभार:कुमार एस-(ये लेखक के अपने विचार हैं)