क्रोनोलॉजी समझिए कैसे नूपुर के बहाने देश विरोधी ताकतें मोदी विरोध का नया नैरेटिव सेट कर रहे है
-अजीत सिंह की कलम से-
Positive India:Ajit Singh:
मोदी है तो मुमकिन है के जयघोष को सिरमाथे पर लेकर 2019 के चुनाव मे देश के आम जनमानस ने चटोरे बिलौटों के कुनबे की ऐसी धुलाई कर दी कि राजनीति के बड़े से बड़े मठाधीश और धुरंधर भी अब सामने आकर बोलने से पहले सौ बार सोचते है…..ये आपकी एकता का साक्ष्य है…………………………लेकिन वो चटोरे बिलौटे लगातार दूसरी बार मिली इतनी जबरदस्त चोट को भूले नही है….तभी तो उनके साथ देश और धर्म के शत्रुओं के गुलाम,चमचे,दास,चापलूस और चारण भाट अब दो चार पोस्ट हिंदुत्व और राष्ट्रप्रेम की डाल कर भक्तो के वेश मे मन से कर्मठ देशप्रेमी किंतु समझ से भावुक मोदी समर्थको को बहकाने के लिये सामने आ रहे है……….वे सब मिल कर मोदी की हिंदुत्व वाली पहचान मिटा कर भ्रम फैलाना चाह रहे है कि अब मोदी सेकुलर हो गये हैं…मोदी को शांति का नोबल चाहिये…ब्ला ब्ला जैसे सूतियाफे कथन…..दरअसल मूल तथ्यों,मूल तत्वो और वास्तविकता को तोड़ मरोड़ कर किसी तरह साबित करने का प्रयास कर रहे है कि मोदी ने चोला बदल लिया है…..वे सबका विश्वास के चक्कर मे अपने समर्थको को छोड कर अब विधर्मियों का भला कर रहे है…..जरा अपने कपार पर जोर देकर सभी लोग समझिये तो सही….कि विधर्मियों और माओ की औलादे कर क्या रही हैं…उनकी टांगे भले ही टूट चुकी हैं लेकिन अभी हाथ चल रहे हैं,उसी से वो विरोध का एजेंडा फैलाने मे सक्रीय हैं…नूपुर के बहाने ज्ञानवापी और मथुरा से आपका न केवल ध्यान भटकाने मे कामयाब हैं वरन् मोदी विरोध का नया नैरेटिव सेट कर रहे है…और बहुसंख्यक समाज का एक वर्ग इन मायावियों के मकड़जाल मे फंस भी जाता है….!!!!
वही बता रहा हूं,जो मै हमेशा कहता हूं…कि कौव्वा कान ले गया सुन कर…..सोशल मीडिया पर हमारे हिंदुओ के कट्टर स्वयंभू बाहुबली लट्ठ लेकर पिल पड़े….लगे मोदी को गरियाने…..मोदिया ये हो गया….मोदिया वो हो गया….कुछ तो इतनी मर्यादा पार कर गये कि मुझे अपनी मैत्रेयी सूची से किक तक करना पड़ा……हद है यार तुम लोगो की बकलोली की!!
अरे भगवा रक्तवंवंशी भईया और बहनो…..!!
जरा अपने खून का उबाल कंट्रोल मे रखना सीखो और सोचो कि कौन लोग है जो आपकी भावना का नाजायज लाभ उठा कर विधर्मी भावनात्मक किंतु जघन्य जेहाद करके मोदी,योगी जैसो को बदनाम करके आपके और उनके बीच बने अटूट विश्वास के सम्बंध को तोडना चाहते है…..यही वो रिश्ता है जो इन विधर्मियो और देश के शत्रुओं को नेस्त-नाबूद कर दिया है…इसी से वे सब यानी गजवा और क्रास के ठेकेदार बेहद बेचैन,परेशान होकर अकेले मे कलप रहे हैं….!!
खैर इ जो मोदी है न….ये आदमी किसी नामचीन विदेशी यूनिवर्सिटी से नहीं निकला है…..ये RSS कि पाठशाला से सिरजा,सींचा और पोषित हुआ वो पौधा है….जो संघ द्वारा प्रदत्त संस्कारो को आत्मसात करके आज सनातन राष्ट्र वाद की विचारधारा का वह विशाल वट वृक्ष बन चुका है…..जो अब भारत का ही नही बल्कि समस्त विश्व का नेतृत्व कर्ता बनने जा रहा है….. वो देश ही दुनिया की मलिन हो चुकी राजनीति को अब नया आयाम देकर सम्पूर्ण संसार को एक नई सकारात्मक दिशा प्रदान कर रहा है…वो कुछ भी हो सकता है लेकिन अपने राष्ट्र और धर्म के विरूद्ध एक कदम नही चल सकता है….सनातन की पवित्रता को अक्षुण्ण रखना और राष्ट्र का सर्वांगीण विकास करना ही उसका लक्ष्य और अंतिम ध्येय है!!!
पिछले सत्तर-पछत्तर साल से सिल्वर स्पून वाली लुटियंस लाबी द्वारा लादी गई आभिजात्य जीवनशैली से उपजी हीनता से बाहर निकलिये….वो स्वप्न था,जिससे हम और आप दशको तक पीड़ित रहे थे….लेकिन आपने जिसको चुना है वही वास्तविकता है जो सपने नही दिखा रहा है बल्कि आपके सपनो को धीरे धीरे पूरा करने का प्रयत्न कर रहा है…….!!!
एक बात अगर समझिये तो कहूं…बापू वैसे तो बहुत मजेदार कैनवास है या कहें तो जबरदस्त थीम है…इसीलिए मोदी जी गांधी-गांधी करते रहते हैं…….इसीलिये छिपे शब्दो मे नमो हाल के भाषण मे कहा की पशु हमे वोट नही देते हैं………..समझा करो यारों…………यदि गोडसे तलवार हैं तो गांधी ढाल हैं…और देशविरोधी इंटरनेशनल कम्युनिटी अपने देश मे गांधी नाम की अहिंसक ढाल के पीछे अपनी कुटिल तलवार वर्षों से छिपा कर जीसस के प्रेम,शांति और अहिंसा के नाम पर धर्मांतरण करा रही थी……..!!
बिल्कुल उसी तरह जैसे पूरी दुनिया मे एक सोची समझी रणनीति के साथ फैलाया गया कि इस्लाम तो शान्ति और भाईचारे का मजहब है….इसी नैरेटिव के पीछे वे भी अपनी खूनी और रूप बदलती जेहाद की तलवार इसी ढोंग के पीछे छिपाए बैठे हैं………..जैसे क्रास का जबरदस्त खेल चरखे वाले बाबा की आड़ मे मैडम फिरंगन के पीछे वेटीकन चला रहा है बिल्कुल उसी तरह शांति और भाईचारे की ओट मे इस्लाम खेल खेल रहा है ……तो आप क्यों पीछे हट रहे है………..आप का राष्ट्रसेवक भी तो यही सांप सीढ़ी का उनका खेल उन्ही के साथ उन्ही की तरह शांति और अहिंसात्मक ढ़ंग से खेल रहा है…….फिर आप क्यों बेसब्र हो रहे है ….आप भी यही खेल खेलिए….खेल का नियम नही जानते है तो बेचैनी छोड कर शांत हो कर समझिये…..फिर देखिये कि पर्दे के पीछे हो रहे संग्राम मे कितनी भयानक चाले चली जा रही है….!!
एक बात और कहूंगा,जयपुर,जोधपुर,कानपुर और आगरा जैसी पत्थरबाजी जैसी म्लेच्छो द्वारा लगातार की जा रही बर्बर,क्रूर और घृणित घटनाये सभ्यता के होने वाले संघर्ष का वो बिगुल है….जिसे विधर्मी बार बार बजा कर उन्हे ललकार रहे है…..जिनके देवताओं ने बिन शस्त्र और शास्त्र के उन्हे दर्शन तक नही दिया……इन म्लेच्छों के पाप देख कर तो अब लग रहा है कि शायद प्रकृति हमारे ही माध्यम से ही माल्थस के जनसंख्या नियंत्रण के प्राकृतिक संतुलन के अपने प्रसिद्ध सिद्धांत को पुष्ट करना चाहती है….तो यही ठीक है….स्वीकार है…!
क्योंकि विकासशील से विकसित होने के लिये सभ्यता का संघर्ष हर विकसित देश मे हुआ है….अब ये अलग बात है कि विधर्मी अभी तक जिस अमन,भाईचारा और गंगा जमुनी तहजीब नाम के फालतू जुमले की ओट मे गजवा वाला मैच खेल रहे थे….अब मोदी भी उसी तौर तरीके से उन्ही का खेल उन्ही की बिसात पर उसी अमन,भाईचारे और सबका विश्वास नारे के साथ खेलना शुरू कर दिये तो बिचारे जालीदार टोपी के रहनुमा अपनी पोल खुलते देख बौखला उठे हैं …..ये एकतरफा खेल जिसे वो सदियों से हमारे साथ निरंकुश होकर खेल रहे थे….अब जाकर उन्हे उन्ही के खेल मे महारथ रखने वाला खिलाड़ी क्या मिला है….बिल्कुल बिलबिला से गये हैं….!
आपसे बस इतना निवेदन है कि सब्र रखिये…..और उस पर विश्वास बनाये रखिये….जिसे आपने मन से चुना है….जिससे क्रास और जकात का कटोरा नफरत की हद तक जाकर घृणा करता है……सोचिये क्यों????
बहरहाल जो चाणक्य और चंद्रगुप्त को जानते है,वो यह भी जानते हैं कि दोनो न कुछ बोलते हैं,न कुछ भूलते है और न किसी को माफ करते हैं….देश और धर्म विरोधियों के लिये ये दोनो बहुत निर्मम,निर्मोही और हद दर्जे तक निष्ठुर हैं…….पिछले आठ वर्षों के साक्ष्यों को सामने रख कर मेरी यह लाइने धीरज धर कर याद रखियेगा……याद तो गीदड़ भभकी देने वाले धूर्त म्लेच्छों को भी रखना चाहिये…कि न कभी सनातन को पराजित कर पाये हो,न कर पाओगे….सनातन कोख से समय समय पर जन्मे मोदी,योगी जैसे शूरवीरों ने जैसे राणा और शिवाजी की तरह तुम्हे तब भी पराजित किया था…वैसे ही आज तुम्हे कर रहे हैं….आगे भी करते रहेंगे….कितना भी उछल कूद कर लो…कितनी भी गुलाटी मार लो…कितनी भी साजिशो को जयचंदो के बल पर रच लो….लेकिन अंतत: तुम समाप्त हो जाओगे…लेकिन सनातन युगो पूर्व रहा है और युगो तक रहेगा….!
#वंदेमातरम्
#Ajit_Singh
साभार:अजीत सिंह-(ये लेखक के अपने विचार हैं)