Positive India: Rajkamal Goswami:
रूस के महाशक्ति होने का भ्रम टूट रहा है । रूसी सेना ने कीव पर उत्तर कोरिया की मिसाइलों से हमला किया इससे पहले ईरानी ड्रोन से भी हमला किया जा रहा था ।
यह कैसी महाशक्ति है जो दो साल में यूक्रेन पर कब्ज़ा नहीं कर पायी और यूक्रेन वाले रूस के कुर्स्क एटॉमिक पॉवर प्लांट तक जा पहुँचे । अभी यह हाल है तो यूक्रेन पर कब्ज़ा करने के बाद उस कब्ज़े को बनाये कैसे रखेंगे । अफ़ग़ानिस्तान की तर्ज पर तब यूक्रेनी जनता रूस के विरुद्ध छापामार युद्ध चलायेगी । युद्ध का कोई परिणाम रूस के पक्ष में तो नहीं निकलता दीख रहा है ।
रूसी अहंकार का यूक्रेन ने बाजा बजा दिया है । पुतिन के अहंकार ने शायद ही इतने विध्वंसक प्रतिरोध के बारे में सोचा हो ।
यूक्रेन रूस का पड़ोसी है , कभी दोनों एक ही देश हुआ करते थे । यूक्रेन ने अपना परमाणु बमों का भंडार रूस के कहने पर नष्ट कर दिया था फिर आख़िर रूस को यूक्रेन से क्या ख़तरा था ? रूस के लिये अब यह अपनी साख़ बचाने का युद्ध हो गया है जबकि यूक्रेन के लिए यह जीवन मरण का प्रश्न है ।
बिल्ली हज़ारों वर्षों से चूहे का पीछा कर रही है लेकिन चूहे का अस्तित्व नहीं मिटा पा रही है । अस्तित्व की जंग ऐसी ही होती है । रूसी भालू कभी यूक्रेन को पराजित नहीं कर सकता । यूक्रेन के अंदर जिजीविषा है लड़ने का हौसला है तो हथियार देने वाले भी बहुतेरे हैं ।
देखिये पुतिन को युद्ध की निस्सारता कब समझ आती है ।
साभार:राजकमल गोस्वामी-(ये लेखक के अपने विचार हैं)