www.positiveindia.net.in
Horizontal Banner 1

उद्यानिकी शिक्षा एवं अनुसंधान में अग्रणी भूमिका निभाएगा महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय

Ad 1

पॉजिटिव इंडिया :रायपुर,3 अक्टूबर 2020

Gatiman Ad Inside News Ad

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 151 वीं जयंती के अवसर पर दुर्ग जिले की पाटन तहसील के ग्राम सांकरा में राज्य के प्रथम उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी। 55 करोड़ रूपए की लागत से बनने वाले इस विश्वविद्यालय का नामकरण महात्मा गांधी के नाम पर किया गया है। यह विश्वविद्यालय राज्य में उद्यानिकी की उच्च शिक्षा, अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्र में में अग्रणी भूमिका निभाएगा ।
कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. एम गीता ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य की जलवायु विविधता के कारण यहां सभी प्रकार की उद्यानिकी फसलों की खेती की अपार संभावनाएं हैं। सरगुजा अंचल के पहाड़ी क्षेत्र में नाशपाती, अंगूर, चाय कॉफी ,काजू स्ट्राबरी, अलूचा, राज्य के मैदानी क्षेत्रों में ड्रैगन फ्रूट, बेर, आम, अमरूद, केला नींबू तथा बस्तर के पठारी क्षेत्र में नारियल, काजू, काफी, दालचीनी, तेजपत्ता और काली मिर्च उत्पादन की प्रचुर संभावनाएं विद्यमान हैं। फल-फूल, सब्जी और मसाले की खेती तथा इनके व्यवसायिक उत्पादन को बढ़ावा देने की दिशा में उद्यानिकी विश्वविद्यालय की स्थापना एक सार्थक और सराहनीय कदम है।
डॉ. एम गीता ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य में उद्यानिकी फसलों के क्षेत्रफल और उत्पादन में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। छत्तीसगढ़ राज्य में 8 लाख 61हजार 663 हेक्टेयर में बागवानी फसलें ली जा रही हैं और इनका वार्षिक उत्पादन एक करोड़ मेट्रिक टन से अधिक हो गया है। देश में छत्तीसगढ़ राज्य उद्यानिकी फसलों की खेती के रकबे के मामले में 13वें क्रम तथा उत्पादन के मामले में 12वें क्रम पर है। राज्य में फल-फूल, सब्जियों, मसालों के उत्पादन और उत्पादकता में दिनों-दिन बढ़ोत्तरी हो रही है। वर्तमान समय में राज्य में 2 लाख 58 हजार 630 हेक्टेयर में फल, 5 लाख 25 हजार 147 हेक्टेयर में सब्जी, 55 हजार 376 हेक्टेयर में मसाला, 13 हजार 493 हेक्टेयर में पुष्प तथा 8 हजार 957 हेक्टेयर में औषधि एवं सुगंधित पौधों की खेती की जा रही है।
छत्तीसगढ़ की जलवायु परिस्थितियों ने विभिन्न प्रकार की बागवानी फसलों की खेती को संभव बना दिया है। जिसके फलस्वरूप नई फसल जैसे- ड्रैगन फ्रूट, खजूर, चेरी, प्लम, ऑयल पाम, ओलिव की खेती को बढ़ावा मिल रहा है। कृषि उत्पादन आयुक्त ने बताया कि वर्तमान में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय से प्रतिवर्ष 300 विद्यार्थी उद्यानिकी की स्नातक उपाधि तथा 30 विद्यार्थी स्नातकोत्तर एवं पीएचडी की उपाधि ले रहे हैं। नए विश्वविद्यालय के खुलने से उद्यानिकी एवं वानिकी की उच्च शिक्षा हासिल करने में राज्य के युवाओं को सुविधा मिलेगी। उन्होंने बताया कि राज्य में उद्यानिकी के दो शासकीय एवं चार निजी महाविद्यालय संचालित है। चार और नये उद्यानिकी महाविद्यालय क्रमशः अर्जुन्दा, साजा-बेमेतरा, जशपुर एवं धमतरी में प्रारंभ हुए है। राज्य में एक वानिकी महाविद्यालय की स्थापना भी प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि राज्य में महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय की स्थापना से बागवानी फसलों एवं अन्य उद्यानिकी फसलों की खेती को उन्नत तरीके से करने में मदद मिलेगी।

Naryana Health Ad
Horizontal Banner 3
Leave A Reply

Your email address will not be published.