स्टालिन प्यादे ने थूका जरूर, लेकिन वही थूक उसके मुंह पर आ गिरा
-अजीत सिंह की कलम से-
Positive India:Ajeet Singh:
सनातन के अनन्त,असीम आसमान पर फिर संकर नसल के एक स्टालिन प्यादे ने थूका जरूर,लेकिन वही थूक उसके मुंह पर आ गिरा…अब उसको I.N.D.I.A गिरोह वाले लीप पोत कर साफ कर रहे हैं…!!
जरा सोचिये कि ये ठगबंधन अभी सत्ता के संग्राम मे कहीं दूर दूर तक नही दिख रहा है,लेकिन हमारी एक गलती से कहीं इनको मौका मिल गया तब सोचिये ये राष्ट्र और सनातन से घृणा करने वाले क्या करेंगे….किस हद तक गिरेंगें?
यहां पर मेरे मन मस्तिष्क मे दो प्रश्न बार बार मुझसे उत्तर पूछ रहे हैं कि आखिर सनातन राष्ट्रवाद से ये लोग इतनी नफरत क्यों करते हैं?
और इतना सब कुछ सुनने के बाद भी सनातनियों का एक वर्ग इन्हे वोट क्यों करता है?
इसका उत्तर देने का प्रयास करता हूं!
पहले सवाल का जवाब है कि सनातन पर आघात करने वाले सनातनी नही हैं…हो ही नही सकते हैं!
ये या तो सनातन नामधारी क्रिप्टो क्रिश्चियन,क्रिप्टो मुस्लिम,नक्सली,वामपंथी हैं…या फिर वो प्रजाति है जिसका रक्त मिश्रित है…ऊपर से उन्हे मालूम है कि सनातन पर चाहे जितना चोट पहुंचा दो….लेकिन कोई कुछ बोलेगा नही..कुछ चिल्ल पों मचाने के बाद वही टांय टांय फिस्स…यही तो होता आया है अभी तक…यही कारण है उनके बढ़े मनोबल का!
दूसरे सवाल का उत्तर भी कुछ इससे मिलता जुलता ही है…बस अंतर इतना ही है कि सनातन नामधारी कायर,कुटिल,कपटी,स्वार्थी ऐसे लोग….जिनमे न आत्मसम्मान है,न आत्मबल है और न ही अपने देश और धर्म को लेकर आत्मगौरव है….जिनका जीवन केवल अपने तुच्छ दो कौडी के स्वार्थ को पूरा करने मे बीत रहा है…वही लोग सनातन और राष्ट्र को गाली देने वालों के साथ खड़े दिखते हैं…वही लोग सनातन शत्रुओं की पादुकाओं का पानी पीकर स्वयं को धन्य मान लेते हैं…दोगलो की ये नस्ल सदियों से सनातन को क्षति पहुंचाती आ रही है…आज भी पहुंचा रही है…दरअसल यह बीमारी दूषित रक्त संक्रमण कहलाती है..जो हमारे देश मे दशको नही सदियों से मौजूद है!”
बाकी जिनकी रगो मे स्वच्छ,शुद्ध और संस्कारी भगवा रक्त बह रहा है….जिनको अपने राष्ट्र और सनातन पर सोते समय भी गर्व की अनुभूति है…जिनको निज गौरव,निज धर्म और निज राष्ट्र पर अभिमान है…वो बिना किसी बहकावे…बिना किसी किंतु परन्तु के…बिना किसी स्वार्थ के सदैव सीना ठोंक कर सनातन राष्ट्रवाद की वैचारिक अवधारणा के साथ न केवल खड़े हैं वरन् विरोधियों को मुंहतोड़ जवाब भी दे रहे हैं…यही वो नि:स्वार्थ केसरिया रक्त है,जिसने न केवल मोदी,योगी जैसी राष्ट्रवादी सरकार को सत्ता मे पहुंचाया है…….वरन् मां भारती के इन्ही सपूतों से दोगले विरोधियों की फटति…फटत:…फटंति होती है……और आगे भी होती भी रहेगी क्योंकि इनकी नसो मे बहता सनातन रक्त…अपनो को पहचान कर पारे की तरह एक दूसरे के साथ जुडता जा रहा है…!
#वंदेमातरम्
#Ajit_Singh