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छत्तीसगढ़ के दो युवकों ने बनाया विश्व का पहला डिजिटल वेल्बीइंग का गेमिफ़ायड ऐप

छात्रों को परीक्षा पर ध्यान केंद्रित करने मददगार ऐप्रीसन।

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Positive India:Raipur:
छत्तीसगढ़ के दो युवा जागृत एवं जयेश ने विश्व का पहला गेमिफ़ायड डिजिटल वेल्बीइंग ऐप बनाया है और इसका लॉंच दिल्ली में १५ शीर्ष के स्टार्टअप व्यवसायियों के द्वारा किया गया । आज की तारीख़ में विश्व में सबसे ज़्यादा परेशान करने वाली प्रवृत्ति मोबाइल अडिक्शन है जिससे दूरगामी असर नज़र आते हैं । ऑफ़िस में २६% काम इस रोग की वजह से कम हुआ है । घरों में साथ समय बिताना कम एवं मोबाइल पर समय बिताना ज़्यादा होने की वजह से रिश्तों पर असर पड़ा है । अभिभावकों की चिंता इस वक़्त इसलिए ज़्यादा होती है क्योंकि परीक्षा का तनाव होता है और बच्चों की तैयारी में मोबाइल एक बाधा बन गयी है ।
डिजिटल वेल्बीइंग का चलन दुनिया में इस वजह से बढ़ा है क्यूँकि मोबाइल का उपयोग इतना बढ़ गया है की सेहत पर असर ना पड़े इस वजह से ज़िंदगी का संतुलन बनाए रखना ज़रूरी हो गया है । जागृत , जो पेशे से इंजीनियर है और इस वक़्त यूनिवर्सिटी अव कैलिफ़ॉर्न्या बर्क्ली का फ़ेलोशिप कर रहा है , को ये महसूस हुआ की इस विषय में कोई समाधान की आवश्यकता है । ऐप्रीसन को सोच कर वास्तविकता में लाने के लिए पूरे १२ महीने लगे । इसका मूल सिद्धांत है की जो मोबाइल ऐप या सोशल मीडिया हमको इस क़दर जकड़ लेता है की हम उनसे निजात पाने की कोशिश करने पर भी असमर्थ महसूस करते हैं ऐसे ऐप को जेल में क़ैद करना ।
ऐप्रीसन में वो एनालिटिक्स हैं जो आपको ये बताते हैं की आप किस समय अवधि मैं किस ऐप पर ज़्यादा समय बिताते हो एवं इन ऐप्स को आपको भटकाने के दोष में विभिन्न स्तर के दोषी क़रार दिया जाता है । सज़ा कोर्ट में सुनाया जाता है जहाँ आप ही जज हैं । इसके बाद आप सज़ा सुना सकते की इस ऐप को हर रोज़ २ घंटे या कोई भी अवधि की सज़ा सुनाता हूँ । आप उसके बाद चाह के भी जेल से उस बंद ऐप को निकाल पाएँगे । अगर आप ने सज़ा पूरी तरह काट ली तो आपको कुछ इनाम प्राप्त होंगे एवं आपके व्यक्तित्व आंकलन में संकल्प के अंक बढ़ेंगे ।
ऐप्रीसन को रोचक बनाने के लिए बेहद क्रियात्मक तरीक़े से बनाया गया है । लगातार इसका उपयोग करने से हमारी मोबाइल की लत छूट सकती है । चूँकि ये भी माना गया है की टेकनोलोज़ी हमारे समृद्धि एवं विकास का कारण है , ऐप्रीसन का उद्देश्य ज़िंदगी में टेकनोलोज़ी के साथ सामंजस्य बिठाना है जिससे हम इसका उपयोग उतना ही करें जितना करना चाहिए । इसके मेंटॉर डॉक्टर जवाहर सूरिसेट्टी का कहना है कि इस निशुल्क ऐप का उपयोग युवाओं और बच्चों द्वारा परीक्षा के समय , उद्योग द्वारा कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए एवं परिवार में आपसी रिश्तों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाएगा ।

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