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सौंवीं वर्षगांठ पर नरसिंह राव जी को करबद्ध श्रद्धांजलि

भारत को उदारीकरण का एक्सप्रेस वे नरसिंह राव ने ही बनाया ।

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Positive India:Satish Chandra Mishra:
आज से ठीक सौ साल पहले नरसिंह राव का जन्म हुआ था। आज से 30 साल पहले 1991 में जब वो देश के प्रधानमंत्री बने थे। उस से पहले विश्वनाथ प्रताप सिंह और चंद्रशेखर की सरकारों के 18 महीने के कार्यकाल में देश का दीवाला निकल चुका था। देश का सामान्य कामकाज चलाने के लिए चंद्रशेखर की सरकार देश का सोना तक गिरवी रख चुकी थी।
ऐसी भयानक परिस्थितियों में देश की बागडोर संभालने के 5 साल बाद नरसिंह राव ने जब सत्ता छोड़ी थी तब चंद्रशेखर सरकार द्वारा गिरवी रखा गया सोना वापस ला चुके थे और देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 25 अरब डॉलर का भंडार भी छोड़ कर गए थे। पिछले 25-30 वर्षों से देश में आर्थिक औद्योगिक विकास का जो पहिया तूफानी गति से दौड़ रहा है उसके लिए उदारीकरण का एक्सप्रेस वे नरसिंह राव ही बना कर गए थे।
5 वर्ष का उनका प्रधानमंत्रित्व काल अनेकों विशिष्ट उपलब्धियों से भरा हुआ है। लेकिन उनकी उपरोक्त उपलब्धि को हमेशा याद किया जाएगा क्योंकि उनके उस फैसले ने देश की दशा दिशा और भाग्य को हमेशा के लिए बदल दिया था।
नरसिंह राव को यदि समझना हो। भारतीय राजनीति के जटिल चक्रव्यूह की संरचना की सारगर्भित गूढ़ व्याख्या परिभाषा से साक्षात्कार करना हो तो उनकी लिखी पुस्तक या यूं कहिए कि उनकी आत्मकथा THE INSIDER को पढ़िए। हिंदी में इसका अनुवाद “अन्तर्गाथा” के नाम से उपलब्ध है।
उपन्यास के रूप में लिखी गयी यह किताब काफी गरिष्ठ एवं गूढ़ अर्थों संदेशों को समेटे हुए है। राजनीति में गम्भीर रुचि रखने वालों के लिए “अन्तर्गाथा” एक संग्रहणीय पुस्तक है।
आज सौंवीं वर्षगांठ पर नरसिंह राव जी को करबद्ध श्रद्धांजलि🙏🏻
साभार:सतीश चंद्र मिश्रा-एफबी(ये लेखक के अपने विचार है)

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