देशद्रोही मौलाना साद ने भारत को कोरोना महामारी में झोंका
मौलाना साद भारत को महामारी में धकेल कर हुआ फरार।
Positive India:2 April 2020:
तबलीगी जमात के अमीर मौलाना साद ने भारत को कोरोना महामारी में झोंक दिया है। भारत में जो परिस्थितियां बन रही है कोरोनावायरस को लेकर, और जो रवैया तबलीगी जमात का है; उससे यह साफ हो रहा है कि एक सोची-समझी रणनीति के तहत कोरोना वायरस को भारत में फैलाने की गहरी साजिश चल रही है। इसी साजिश के चलते मौलाना साद ने अपनी तकरीरो में तबलीगी जमात को बहकाया कि वे मस्जिदों में इकट्ठे हो। भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को दरकिनार करते हूए साद ने लोगों में यह जहर भरा कि यह भारत सरकार की चाल है कि मुसलमान इकट्ठे ना हो, मस्जिदें बंद हो। मौलाना साद ने ना सिर्फ निजामुद्दीन के मरकज में मौजूद जमात के लोगों को भड़काया बल्कि अपने भड़काऊ भाषणों को यू-ट्यूब पर भी अपलोड किया जिसे लाखों लोगों ने देखा।
मौलाना साद के भड़काऊ भाषणों का यह असर हुआ कि तबलीगी जमात के लोग मरकज में इकट्ठा हुए। भारत सरकार द्वारा जारी किसी भी एडवाइजरी को नहीं माना गया। लाकॅडाउन के दौरान भी इनकी तकरीरे जारी रही।
निजामुद्दीन के मरकज से तबलीगी जमात के 7831 लोग निकलकर पूरे हिंदुस्तान में फैल गए। इनमें 1500 गुजरात से, 1034 तेलंगाना से, 1131 तमिलनाडु से, 762 जम्मू और कश्मीर से, 569 उत्तर प्रदेश से, 503 हरियाणा से, 450 राजस्थान से, 442 महाराष्ट्र से, 372 आंध्र प्रदेश से, 167 हिमाचल प्रदेश से, 152 पश्चिम बंगाल से, 107 मध्य प्रदेश से, 101 छत्तीसगढ़ से, 46 झारखंड से, 26 उत्तराखंड से, 21 अंडमान निकोबार से, 20 उड़ीसा से, 14 इमफॉल से, 5 आसाम से तथा 1 अरुणाचल प्रदेश से हैं।
सोची समझी साजिश के तहत तबलीगी जमात के लोग, जो कोरोना से संक्रमित थे, वे देश के विभिन्न राज्यों में पहुंच जाते हैं। इनमें से तमिलनाडु में 110 तबलीगी जमात के लोग कोरोना पाजीटिव पाए गए हैं। तेलंगाना में 50 लोग करोना से संक्रमित है। आंध्र प्रदेश में तबलीगी जमात के 43 लोग पॉजिटिव है। दिल्ली में तबलीगी की जमात के 53 लोग कोरोनावायरस की चपेट मे है। अंडमान निकोबार में 10 , तथा आसाम में 5 तबलीगी जमात की लोग संक्रमित हैं।
हैरानी की बात है कि तबलीगी के जमात के लोग खुद तो संक्रमित हैं ही, दूसरों को भी संक्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं। इसी कोशिश के दौरान जो डॉक्टर इनका इलाज कर रहे हैं, उन पर थूक रहे हैं; उन पर पथराव कर रहे हैं। ट्रीटमेंट के दौरान तेलंगाना के कोरोना संक्रमितो ने इलाज करने वाले डॉक्टरों की पिटाई की तथा उन पर थूका। इतना ही नहीं इंदौर में स्वस्थ अमले पर पथराव किया गया, जो उनकी स्क्रीनिंग के लिए उनके मोहल्ले में गए थे। यह सब करने के लिए आखिर इन्हे कैन उकसा रहा है? ऐसा करके तबलीगी जमात के ये लोग किसका भला कर रहे हैं?
यूपी के रामपुर में पुलिस पर पत्थर बरसाए गए ।आखिर यह सब किसके इशारे पर किया जा रहा है और क्यों किया जा रहा है ? दुनिया के 205 देशों में कोरोनावायरस अपने पांव पसार चुका है। अमेरिका, इटली, स्पेन, जर्मनी तथा इंग्लैंड जैसी बड़ी महाशक्तिया इसके सामने अपने घुटने टेक चुकी हैं। उसके बावजूद तबलीगी जमात कोरोनावायरस को भारत में क्यों फैलाना चाहती है? ये एक सोचनीय विषय है । कोरोना वायरस के साथ-साथ देशद्रोही वायरसों से भी सरकार को निपटना पड़ेगा।
ज्ञात हो तेलंगाना में कोविड-19 पॉजिटिव के जितने भी नए केस सामने आए हैं, वह सब तबलीगी जमात में शामिल लोग हैं 1 दिन में 30 नए करोना पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। यही हाल दूसरे राज्यों का है।
निजामुद्दीन मरकज में शामिल होने के लिए बिहार से तबलीगी जमात के 85 लोग पहुंचे थे, उन्होंने रजिस्टर में सिर्फ अपना नाम लिखा था और राज्य लिखा था; जिन्हें अब एटीएस ढूंढ रही है। तबलीगी जमात मे शामिल विदेशियों के बारे में एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड को पुख्ता सूचना मिली है। एटीएस को बिहार में 57 विदेशियों के पहुंचने की सूचना मिली है। पश्चिम बंगाल में भी 40 विदेशी नागरिक आईडेंटिफाई किए गए हैं।
कोरोना वायरस को महामारी का रूप देने में विदेशी नागरिकों की भूमिका से भारत सरकार के माथे पर बल पड़ गए हैं; एक बहुत बड़ी चुनौती सामने खड़ी हो गई है। अगर भारत को कोरोनावायरस की महामारी से बचाना है तो विदेशी वायरसों के साथ-साथ देश में रह रहे वायरसों को ढूंढ कर उनके पुख्ता इंतजाम करने होंगे, तभी भारत को कोविड-19 की महामारी से बचाया जा सकता है।