टूलकिट यानी देश को आग मे झोंक देने की जहरीली साजिश
Toolkit conspiracy decoded.
Positive India:Ajit Singh:
टूलकिट यानी देश को आग मे झोंक देने की जहरीली साजिश,जिसको देशद्रोहियों ने बाकायदा डे बाई डे की प्लानिंग को पैराग्राफ के रूप मे लिख कर तैयार किया था,टूलकिट नाम के डॉक्यूमेंट की पंक्तियों को रचने वाले गिरोह की छोटी सी टूल यानी दिशा रवि और निकिता जैकब जैसे छोटी लेकिन जबरदस्त एक्टिव दबोची क्या गई…………असल मदारी यानी अखलाक,जुनैद के लिये मर मिटने वाले अर्बन नक्सली कजरीलाल के पेट मे जहां बुरी तरह से ऐँठन शुरू हो गई…..वहीं बाटला हाऊस पर रात भर टेसुये बहाने वाली विषैली फिरंगन और उसके चाटुकारों की पोल खुलने के बाद पैदा होने वाली बेचैनी साफ इशारा कर रही है कि साजिश तो बेहद गहरी थी,बस संयोग से पोल खुल गई……उसी कारण आज २१ साल के कसाब,बुरहान वानी की समर्थक दोगली रूदालियां दिशा रवि को २१ वर्ष की बच्ची बता कर भावुकता वाला कार्ड खेल कर जनता को बरगलाना चाह रही हैं…..यह भी टूलकिट के एक पैराग्राफ मे लिखा है कि गिरोह का जब कोई साजिशकर्ता पकड़ा जाये तो किस तरह से उसको सुरक्षित किया जायेगा…कैसे उसको लेकर सोशल मीडिया विशेषकर ट्विटर पर किस हैशटैग को ट्रेंड कराया जायेगा…..अब आप देश के मोदी विरोधी विपक्ष और पाकिस्तान की भाषा को सुनिये और इन सबके शब्दों और भाषा की साम्यता पर गौर करिये कि कितनी समानता है….साथ ही ट्विटर पर दिशा को लेकर ट्रेंड कराने की असफल कोशिश करते चेहरे और उनकी पोस्टों की एकरूपता को समझिये….दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा…….छाये असमंजस के बादल छंट जायेंगे…….सब कुछ पाकिस्तान और हमारे मे उसकी पेड एजेंट मैडम फिरंगन,चीन के दल्ले अर्बन नक्सली और जिहादी हरे टिड्डों का किया धरा है…इनका ये साजिश रचने का अभियान तब तक रूकने वाला नही है….जब तक इनको पालने पोसने वाली फिरंगन के जहरीले फन को नही कुचला जायेगा…!!
खैर २६ जनवरी को वो मोदी का कूटनीतिक धैर्य ही था………नही तो लोकतंत्र के मैदान मे दो बार पिटने के बाद लाशों पर राजनीति करके कुर्सी हड़पने वाला सफेदपोश गैंग जयचंदों और भांड मीडिया के बल पर भ्रम फैला कर ऐसा नंगा नाच करते कि साधारण जनमानस का बड़ा वर्ग शायद बहक कर मोदी के प्रति अपने भरोसे को तोड़ देता…..लेकिन थैंक्स ग्रेटा गार्बो….अगेन लॉट्स ऑफ थैंक्स….जो तुमने अनजाने मे ही सही लेकिन टूलकिट के पेपर को दुनिया के सामने लाकर बता दिया कि यह किसान आंदोलन नही है….बल्कि पिछले सात साल से कलपते,किलसते,सिसकते,बिलबिलाते सत्ता लोभियों द्वारा किसानो के बीच बैठी वो निर्लज्ज भीड़ है…जिसे न देश की अस्मिता,अखंडता की चिंता है और न ही खुद को देशविरोधियों के हाथ बिक जाने पर लाज ही आती है……हां एक बात और इस खुलासे के बाद मोदी से निरंतर लतियाये जाने वाले हरे टिड्डों के गजवा वाले ख्वाब-ऐ-शबाब को गहरा झटका लगा है और कचर दिये गये खालिस्तानियों के मन मे पुनर्जीवन की आस यानी रेफरेंडम २०-२० के सपने जरूर बिखर गये हैं….!
फिलहाल…जो लोग दिशा रवि के लिए सोशल मीडिया पर अभियान चला रहे हैं उन्हें मोदी सरकार पर विशेष ध्यान देते हुये सोचना चाहिए कि किसने खालिस्तानियों को लेकर ग्रेटा और जॉर्ज सोरोस की भूमिका का स्टिंग ऑपरेशन में खुलासा किया था….बहरहाल मेरा ही नही वरन् सभी राष्ट्र प्रेमियों का मानना है कि देश विरोध का बीज जिस किसी के भी दिमाग में हो,उसका पद,उसकी उम्र की अनदेखी करके उसका निर्ममता से समूल नाश कर देना चाहिए फिर चाहे वह कितना बड़ा और कोई भी नामी गिरामी हो या दिशा रवि हो…या फिर कोई और…..एक बात और….जरा गंभीरता से चिंतन करिये कि वो साजिश रचने के लिये कितने प्रयत्नशील हैं और हम उनके प्रति कितने अनमयस्क और लापरवाह हैं…!
#वंदेमातरम्
#Ajit_Singh
साभार:अजीत सिंह-एफबी(ये लेखक के अपने विचार हैं)